शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ ने एक साल का पूरा किया सफर

पहली स्वदेशी सेमी-हाईस्पीड ट्रेन एक भी दिन नहीं हुई रद्द
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली। 
भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस ने अपनी किसी भी यात्रा को रद्द किए बिना शानदार सेवा का एक वर्ष पूरा कर लिया है। भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस जोकि टी-18 नाम से भी प्रसिद्ध है, ने अपनी किसी भी यात्रा फेरे को रद्द किए बिना अपनी शानदार सेवा का एक वर्ष पूरा कर लिया है ।
रेल मंत्रालय के हवाले से उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि उत्तर रेलवे का दिल्ली मंडल, वंदे भारत एक्सप्रेस नाम की इस रेलगाड़ी के रखरखाव की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभा रहा है। वंदे भारत एक्सप्रेस के पहले रेक का उदघाटन पिछले साल 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्वारा नई दिल्ली और वाराणसी रेल सेवा के रूप में किया गया। इस रेलगाड़ी ने अपनी वाणिज्यिक सेवा 17 फरवरी 2019 को शुरू की थी। टी-18 नाम से भी प्रसिद्ध भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन, जिसे टी-18 भी कहा जाता है जिसे बाद में आधिकारिक तौर पर वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में नामांकित किया गया। इस रेलगाड़ी के रैक का निर्माण, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई द्वारा अक्टूबर 2018 में किया गया था। यह रेलगाडी अनेक तकनीकी खूबियों और आधुनिक यात्री सुविधाओं से सुसज्जित है।
दूसरी वंदे भारत श्रीवैष्णों माता के दरबार  
इस रेलगाड़ी का दूसरा रैक अक्टूबर 2019 में नई दिल्ली-श्रीमाता वैष्णो देवी कटड़ा के बीच इसी तरह की उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं सफलतापूर्वक प्रदान कर रहा है। यह रेलगाड़ी नई दिल्ली और वाराणसी के बीच की दूरी 08 घण्टे में पूरी करती है तथा प्रत्येक सोमवार तथा वीरवार को छोड़कर सप्ताह में पांच दिन चलती है। वन्दे भारत टी-18 एक्सप्रेस रेलगाड़ी की सेवा के सफलतापूर्वक संचालन का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर यहां नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इस रेलगाड़ी के यात्रियों का उनका रेलगाड़ी में आगमन पर स्वागत किया गया तथा उनसे बातचीत कर सुझाव भी लिए गए।
क्या हैं मुख्य विशेषताएं
वंदे भारत में 16 कोच चेयर कार प्रकार विन्यास स्टेनलेस स्टील कार बॉडी है, जिसकी अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा है, जबकि टेस्ट स्पीड 180 किमी प्रति घंटे रही है। इस गाडी का ड्राइवर कैब सहित पूरी तरह से वातानुकूलित है तो वहीं स्लाईडिंग फुट स्टैप के साथ स्वचालित दरवाजे मैट्रो रेल की तर्ज पर हैं। ट्रेन नियंत्रण और रिमोट मॉनिटरिंग के लिए ऑनबोर्ड कंप्यूटर से युक्त की गई है और सभी प्रणोदन उपकरण नीचे की ओर लटकाए गए हैं
मील के पत्थर साबित हुई
रेलवे के अनुसर बिना किसी सेवा बाधा के चलकर बेजोड़ उपलब्धता और विश्वसनीयता के रिकॉर्ड बनाए हैं, जो भारत में पहली ट्रेन  है जो 100 किमी प्रति घंटे से अधिक की वाणिज्यिक गति से चलती हैअतिरिक्त कोच या अतिरिक्त रेक की उपलब्धता के बिना एकल रेक के साथ सेवा मानकों को बनाए रखा गया हैअब तक 3.8 लाख किलोमीटर लॉग हो चुके हैं, प्रत्येक दिन लगभग 1500 किलोमीटर प्रति घंटे की लॉगिंग होती है
19Feb-2020

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