हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद
के बजट सत्र में सोमवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों द्वारा संशोधित नागरिकता
कानून और एनपीआर के मुद्दे पर
चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करके नारेबाजी की, जिसके कारण कई बार के स्थगन
के बाद उच्च सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। इस हंगामे के
कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल के साथ ही राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की
चर्चा की शुरूआत भी नहीं हो सकी।
बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को उच्च सदन की कार्यवाही
शुरू होते ही विपक्षी दलों ने नियम 267 के तहत राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर)
और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का मुद्दा उठाया और इस पर चर्चा करने की मांग की। इस पर सभापति एम.
वेंकैया नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में इन मुद्दों का अलग से जिक्र है,
इसलिए राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदस्य
अपने अपने मुद्दे उठा सकते हैं, इसके लिए शून्यकाल स्थगित करना आवश्यक नहीं
है।
राज्यसभा में नियम 267 के तहत इन मुद्दों कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद,
आनंद
शर्मा, माकपा के टीके रंगराज और
इलामारम करीम, भाजपा के विनय विश्वम
तथा बसपा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र ने एनपीआर तथा सीएए पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिए थे। सभापति के इस
अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद, बसपा के सतीश चंद्र मिश्र, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, माकपा केटी के रंगराजन तथा अन्य सदस्यों ने इन मुद्दों को
उठाने के लिए शोर शराबा करने लगे, जिसके
कारण करीब 15 मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही का दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर
दिया गया। फिर दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरु होने पर इन विपक्षी दलों ने इन मुद्दों को उठाने के लिए
हंगामा शुरू कर दिया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित करना पड़ा।
पेश
नहीं हो सका राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव
उच्च सदन में दो बजे शुरू हुई कार्यवाही के दौरान उप सभापति
हरिवंश ने भाजपा के भूपेंद्र यादव को राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद
प्रस्ताव पेश करने को कहा, लेकिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा,
सपा
के सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े हो कर उनके मुद्दे उठाए जाने की मांग की और हंगामा
शुरू हो गया। इस हंगामे के कारण पांच मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित हो
गई। इसके बाद शुरू हुई कार्यवाही के दौरान उप सभापति हरिवंश ने भाजपा
के भूपेन्द्र यादव से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने की
अनुमति दी, लेकिन इसी बीच विपक्षी दलों ने एनपीआर और सीएए का मुद्दा नियम
267 के तहत उठाने की अनुमति
देने की मांग पर नारेबाजी शुरू कर दी। सभापति द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुरुप उपसभापति
हरिवंश ने भी सदस्यों से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में
हिस्सा लेकर इन मुद्दों को उठाने का सुझाव दिया। वहीं
सदन के नेता थावरचंद गहलोत ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव
को पेश कर इस पर चर्चा कराने की अनिवार्यता का हवाला देते हुये सभी सदस्यों से चर्चा
शुरू होने देने का अनुरोध किया, लेकिन नारेबाजी करते हुए विपक्षी दल के
सदस्य आसन के करीब आकर हंगामा करने लगे, जिसे देख सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के
लिए स्थगित कर दिया गया।
पद्म
पुरस्कार के लिए मुक्केबाज मैरीकॉम दी गई बधाई
राज्यसभा में सोमवार को कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम.
वेंकैया नायडू ने राज्यसभा सदस्य के रूप में सदन में मौजूद प्रख्यात मुक्केबाज एम.सी. मैरीकॉम
समेत पद्म पुरस्कारों के लिए चयनित सभी
हस्तियों को पूरे सदन के साथ बधाई दी गई। सभापति एम वेंकैया नायडू
ने मैरीकॉम को पद्म विभूषण के लिए चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि वह यह सम्मान
पाने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं। नायडू ने कहा कि लंदन ओलंपिक विजेता मैरीकॉम
ने अपनी उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित किया है और एक खिलाड़ी, सांसद तथा गृहिणी के तौर पर कई भूमिकाएं निभा रही हैं। मैरीकॉम उच्च सदन की
मनोनीत सदस्य हैं। नायडू
ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में मैरीकॉम कई कीर्तिमान स्थापित करेंगी और देश को
गौरवान्वित करेंगी। उन्होंने उच्च सदन के पूर्व सदस्यों सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, जॉर्ज फर्नाडीज, मनोहर
पर्रिकर तथा एससी जमीर को पद्म भूषण के लिए चुने जाने का जिक्र किया। सभापति ने कहा
कि उच्च सदन के लिए यह बेहद गर्व की बात है कि जिन लोगों को पद्म पुरस्कारों के लिए
चुना गया है उनमें से कुछ उसके सदस्य रह चुके हैं।
04Feb-2020
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