शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

अगला यूपी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा: माया


संवैधानिक व्यवस्था को तोड़ने में भाजपा भी कांग्रेस के नक्शे कदम पर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा और कांग्रेस के साथ कई दलों पर निशाना साधते कहा कि देश में कांग्रेस के बाद अब भाजपा सरकार में भी एससी/ एसटी और ओबीसी वर्गों को शिक्षा व सरकारी नौकरियों में मिलने वाली आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को स्लो डेथदेने का काम कर रही है। उन्होंने यह ऐलान भी किया कि बसपा उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को यहां नई दिल्ली स्थित गुरुद्वारा रकाबगंज स्थित बसपा के राष्ट्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों और कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के बाद अब भाजपा सरकार भी एससी/ एसटी और ओबीसी वर्गों को शिक्षा व सरकारी नौकरियों में मिलने वाली आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को स्लो डेथदिये जाने के कारण यह बहुसंख्यक समाज काफी ख़राब हालात से गुज़र रहे है। उन्होंने बैठक में कहा कि इन हालातों से उबरने का अब एक मात्र रास्ता यही है कि इन वर्गों के लोग सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथों में लेकर संवैधानिक उद्देश्य को पूरा करें। उनहोंने कहा कि भाजपा सरकारी सम्पत्तियों व देश के संसाधानों के दोहन आदि का अंधाधुंध निजीकरण करके बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अथक परिश्रम/संघर्ष के परिणामस्वरूप प्राप्त दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के आरक्षण को पूरी तरह से कागजी व नुमाइशी बनाकर रखने का षड़यंत्र लगातार कर रही है। वहीं उन्होंने कहा कि देश के मुसलमान भी भावनाओं में ना बहें, बल्कि मौके की नजाकत को समझते हुए पूरे सूझबूझ से काम लें, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने पहले इमोशनल राजनीति करके मुस्लिम समाज का लगातार घोर शोषण किया और अब भाजपा उनसे दो कदम आगे बढ़कर उनकी भावनाओं को लगातार नये-नये तरीके से भड़काने वाला काम करके उन्हें अनेको प्रकार से प्रताड़ित करने का काम कर रही है, जिसके खिलाफ बसपा का संघर्ष हमेशा की तरह अब भी लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा गया कि जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद जरूर करो लेकिन तरीका संवैधानिक होना चाहिए। पिछले साल 2 अप्रैल को प्रदर्शन के नाम पर सरकार ने बड़ी तादाद में गुनाहों को जेल भेजा था और उनके खिलाफ एफआईआर लिखी गई थी। अब सीएए और एनआरसी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए भी संवैधानिक तरीका अपनाएं। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कमिश्नर, डीएम जिस स्तर पर भी ज्ञापन आदि देना है, उसके लिए प्रशासन से अनुमति लें ताकि उत्पीड़न का मौका न मिले।
भीम आर्मी से किया सतर्क
बसपा की बैठक में मायावती ने अपने नेताओं को हिदायत दी है कि वे भीम आर्मी और चंद्रशेखर आजाद को ज्यादा तवज्जो ना दें और दलितों के नाम पर उसकी सियासत से सतर्क रहे। दरअसल भीम आर्मी और चंद्रशेखर आजाद का जिक्र आने पर मायावती ने अपने नेताओं को बताया कि भीम आर्मी की सक्रियता के पीछे बसपा के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस की साजिश है, जो बसपा को कमजोर करने के लिए ऐसे छोटे दलों को खड़ा करने की साजिश करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं को बसपा संगठन को नए स्वरूप से खड़ा करने और यूपी में आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव पर फोकस करने को कहा है और दावा किया कि यूपी में अगली सरकार बसपा की होगी, जहां वह अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी के नेताओं की माने तो बैठक में मायावती ने चंदा वसूली के नाम पर पदाधिकारियों के उगाही करने पर खासी नाराजगी जाहिर करते हुए चेताया कि ऐसे नेताओं का पार्टी से बेदखल किया जाएगा। बैठक में पार्टी महासचिव सतीश मिश्रा समेत राज्यसभा और लोकसभा सांसदों के अलावा राष्ट्रीय नेताओं ने हिस्सा लिया।
23Feb-2020

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