एमएसएमई की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा बैठक में बोले गडकरी व
सीतारमण
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार कम पूंजी निवेश से बड़े पैमाने पर रोजगार
जुटाने के लिए देश में सूक्षम उद्यमों की स्थापना करने की योजना बना रही है। इसके
लिए केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश में 80 हजार सूक्ष्म उद्योगों को
आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नितिन
गडकरी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सभी बैंकों के वरिष्ठ
प्रबंधन के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया,
जिसमें
कम पूंजी निवेश से भारी संख्या में रोजगार जुटाने वाली एमएसएमई मंत्रालय की कुछ प्रमुख
योजनाओं की समीक्षा की गई। इस बैठक में एमएसएमई मंत्रालय की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री
रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी
फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) पर ध्यान केन्द्रित किया गया। इसके अलावा, एमएसएमई को मदद देने का मार्ग खोजने के लिए
एमएसएमई ऋणों के पुनर्गठन के मुद्दे के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।
पीएमईजीपी एक क्रेडिट से जुड़ी सहायता योजना
है जो सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देती है। इसमें
एमएसएमई मंत्रालय के माध्यम से सरकार विनिर्माण
क्षेत्र में 25 लाख और सेवा क्षेत्र
में 10 लाख रुपये तक के ऋण पर
35 प्रतिशत तक छूट देती है।
दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले वर्षों में इस योजना के तहत बड़ी संख्या में उद्यमों
की स्थापना में मदद करने के लिए बैंकों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। पिछले
वित्तीय वर्ष में ऐसे उद्यमों की सहायता में दो गुनी बढ़ोत्तरी हुई है और 73,000 सूक्ष्म उद्यमों की सहायता
की गई।
इस योजना को और बढ़ावा देने के लिए चालू वित्त
वर्ष में 80,000 इकाइयों के प्रतिष्ठानों
की सहायता करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 46,000 इकाइयों को विभिन्न बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध करा दिए गए हैं।
इसके अलावा बैंकों से 15 मार्च तक 1.18 लाख लंबित ऋण आवेदनों का निपटान करने के लिए
अनुरोध किया गया है। बैंकों से पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा
गया है।
बैंकों द्वारा खारिज किए गए आवेदनों के डेटा
विश्लेषण से पता चला कि 11 प्रतिशत प्रस्ताव
खारिज कर दिए जाते हैं क्योंकि पीएमईजीपी के तहत स्थानीय बैंकों द्वारा लक्ष्य पूरे
कर लिए जाते हैं। इस मुद्दे को हल करने के लिए, बैंकों से अनुरोध किया गया कि वे योजना के तहत ऋण में वृद्धि
करें और न्यूनतम लक्ष्य तय करने की अपनी नीति को संशोधित करें, ताकि सभी योग्य आवेदनों की ऋण मंजूरी पर विचार
किया जा सके। क्रेडिट गारंटी योजना की पहुंच बढ़ाने पर बैंकों के साथ विचार-विमर्श
किया गया। सरकार ने इस योजना के तहत क्रेडिट गारंटी 50,000 करोड़ बढ़ाने का लक्ष्य
रखा है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 67 प्रतिशत अधिक है। बैंकों ने कहा कि इस योजना
के तहत ऋण की भारी मांग है और वे इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आश्वस्त हैं।
वित्त मंत्री और एमएसएमई मंत्री ने प्रारंभिक
चरण में भुगतान न हुए ऋणों का उपयुक्त रूप से पुनर्गठन करके एमएसएमई को सहायता प्रदान
करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी सीएमडी अपने भुगतान न हुए ऋणों के पुनर्गठन में
एमएसएमई का समर्थन करने के लिए सहमत हुए। बैठक इस उम्मीद के साथ समाप्त हुई कि एमएसएमई
क्षेत्र के लिए की गई ये पहल इस क्षेत्र को सहायता प्रदान करने में एक लंबा रास्ता
तय करेंगी और इनसे रोजगारों के अवसर बढ़ेंगे। बैंकरों के साथ यह बैठक स्पष्ट रूप से
एमएसएमई क्षेत्र की मदद करने में सरकार के संकल्प और प्रयासों को दर्शाती है क्योंकि
यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
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देश
में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित
करने की दिशा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 46 उद्यमों को राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार से नवाजा गया, जिनमें सर्वाधिक 11 पुरस्कार
हरियाणा राज्य के हिस्से में आए।
28Feb-2020---------------------------------
लघु व सूक्ष्म उद्यमों को राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार
देश के 46 में सर्वाधिक 11 पुरस्कार हरियाणा के उद्यमों को
मिले
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।

देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों द्वारा
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए कुल 46 उद्यमों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को राष्ट्रीय
पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों का मकसद देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना
है। ये पुरस्कार केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्री नितिन गडकरी ने
वितरित किये। इन पुरस्कारों में सर्वाधिक 11 पुरस्कार हरियाणा के उद्योगों को मिले
हैं, जिनमें हरियाणा से लैपहला पुरस्कार मानेसर गुरुग्राम की सुमन चावला को मिला
है। मध्यम उद्यम में पहला पुरस्कार गुजरात को तो दूसरा पुरस्कार अंबाला अंबाला
कैंट में मंगलिया गांव स्थित ग्लास्को लेबोरेट्री एक्यूमेंट्स के समीर जैन को मिला
है। सूक्ष्म उद्यम में दूसरे स्थान का पुरस्कार सोनीपत की लाइफ स्टाइल फूड्स के
विक्रम लूथरा, मध्यम उद्यम में तीसरे स्थान का पुरस्कार मैन्युफैचरिंग में गुरुग्राम
की मोड सर्फ इंडस्ट्रीज के राकेश कुमार गुप्ता, एलईडी और एलसीडी इंफोरमेशन
डिस्प्ले में दान इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम गुरुग्राम के धीरेन्द्र सिंह को प्रथम
पुरस्कार, कंफेक्सनरी उत्पाद में पहला पुरस्कार फरीदाबाद की प्रफेक्ट बैक के
हरविंद कुमार बत्रा, लैदर हैंड बैग के लिए मानेसर गुरुग्राम की सुमन चावला को
प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है। जबकि रेडीमेट गारमेंट में पहला पुरस्कार वीएनएस
एसेसरीज गुरुग्राम की समता खन्ना, एमएसएमई के सूक्ष्म उद्यम में सोनीपत की यूनिक
फ्रागरेंसिस क रजत लूथरा को प्रथम पुरस्कार, मध्यम मैन्युफैक्चरिंग में करनाल के
घरौंडा की श्री जगदम्बा एग्रिक एक्पोर्ट कंपनी के सतीश गोयल और करनाल में तारौरी
की शिवशक्ति इंटर ग्लोबल एक्सपोर्ट के रमेशचंद गुप्ता को प्रथम पुरस्कार दिया गया
है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश व गुजरात को 6-6, तमिलनाडु को चार, राजस्थान और कर्नाटक
को तीन-तीन, दिल्ली, मध्य
प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक को दो-दो के अलावा महाराष्ट्र केरला, तेलंगाना,
झारखंड, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश की एम एक-एक राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है।
एमएसएसमई सचिव डॉ. अरूण कुमार पांडा ने कहा
कि सरकार देश में एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रकार की योजनाएं
चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के माध्यम से अर्थव्यवस्था
को सुव्यव्यवस्थित किया जा रहा है और जीएसटी से अर्जित राजस्व का बड़ा हिस्सा एमएसएमई
क्षेत्र से आता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं
को अपने लेटर हेड में पुरस्कार के प्रतीक चिन्ह का उपयोग करने का अधिकार मिलता और
उनके कर्मचारी इस प्रतीक चिन्ह वाले लेबल, पिन, टाई या अन्य विशिष्ट
तरह के बैज पहन सकते हैं। आयोजन के दौरान,
विभिन्न
श्रेणियों के तहत 46 एमएसएमई उद्यमियों
को सम्मानित किया गया और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 4 पुरस्कार विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को दिए गए।
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