शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

किसानों की आय दोगुना करने पर गंभीर सरकार


देश में दस हजार कृषक उत्पादक संगठनों की होगी स्थापना
केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूर किये 6866 करोड़ रुपये
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने के लिए गंभीर हो गई है। इसी के तहत केंद्र सरकार ने देश में दस हजार नये कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना करने का फैसला किया है। ‘कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना और संवर्द्धन नामक केन्द्रीय क्षेत्र की इस योजना के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 6866 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार का आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में किसानों के लिए अर्थव्यवस्था के व्यापक लाभ को सुनिश्चित करने हेतु 2019-2022 से 2023-24 की पांच वर्ष की अवधि के दौरान दस हजार नए एफपीओ के गठन को स्वीकृति दी गई। इसके तहत प्रत्येक एफपीओ के शुभारंभ वर्ष से पांच वर्षों तक के लिए सहायता जारी रखी जाएगी। इस पांच साल की अवधि के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुल 6866 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिसमें 4496 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के अलावा प्रत्येक संगठन को पाँच वर्षों के लिए आवश्यक सहयोग देने के लिए वर्ष 2024-25 से 2027-28 की अवधि के लिए 2369 करोड़ रुपये की प्रतिबद्ध देनदारी भी शामिल है।
केंद्र सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेन्द्र तोमर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस निर्णय की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार का किसानों की आय को दोगुना करना है। तोमर ने बताया कि इस मिशन की एक रिपोर्ट में 2022 तक 7 हजार कृषक उत्पादक संगठनों के गठन की सिफारिश और किसानों की आय को दोगुना (डीएफआई) करने पर बल दिया गया है। केन्‍द्रीय बजट 2019-20 में सरकार ने 10 हजार नये एफपीओ के सृजन की घोषणा की थी, कि आगे अगले पांच वर्षों में किसानों के लिए अर्थव्‍यवस्‍था के व्‍यापक लाभ को सुनिश्चित किया जा सके। इसके लिए एक समर्पित सहायता और समग्र योजना के रूप में केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना को ईपीओ के लक्षित विकास और इसकी दीर्घकालिकता के लिए प्रस्‍तावित किया गया है।
संगठन में न्यूनतम होंगे 300 सदस्य
केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने बताया कि प्रारंभ में मैदानी क्षेत्र में एफपीओ में सदस्‍यों की न्‍यूनतम संख्‍या 300 और पूर्वोत्‍तर एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 100 होगी। हालांकि डीएसीएंडएफडब्‍ल्‍यू केन्‍द्रीय कृषि मंत्री की स्‍वीकृति के साथ आवश्‍यकता और अनुभव के आधार पर न्‍यूनतम सदस्‍यों की संख्‍या में संशोधन कर सकता है। वहीं देश में आकांक्षापूर्ण जिलों के प्रत्‍येक ब्‍लॉक में कम से कम एक एफपीओ के साथ आकांक्षापूर्ण जिलों में एफपीओ के गठन को प्राथमिकता दी जाएगी। एफपीओ द्वारा विशेष और बेहतर प्रसंस्‍करण, विपणन, ब्रांडिंग और निर्यात को प्रोत्‍साहन देने के लिए एक जिला एक उत्‍पादसमूह के अंतर्गत एफपीओ को प्रोत्‍सा‍हन दिया जाएगा।
योजना से किसानों को यह होगा लाभ
केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने बताया कि देश में छोटे और सीमांत किसानों के पास मूल्य संवर्द्धन सहित उत्पादन तकनीक, सेवाओं और विपणन को अपनाने के लिए आर्थिक क्षमता नहीं होती है। एफपीओ के गठन के माध्यम से, किसान सामूहिक रूप से अधिक सुदृढ़ होने के साथ-साथ अधिक आय अर्जित करने हेतु अर्थव्यवस्था के व्यापक स्तरों के लाभ के माध्यम से ऋण और बेहतर विपणन एवं गुणवत्तायुक्त उत्पाद और प्रौद्योगिकी तक पहुँच बनाने में सक्षम होंगे। तोमर ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर एफपीओ के गठन और प्रोत्साहन के लिए तीन कार्यान्वयन एजेंसियां नामत: स्मॉल फारमर्स एग्री-बिजनेस कन्सोर्टियम (एसएफएसी), नेशनल कोओपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (एनएबीएआरडी) होंगी। उन्होंने कहा कि इसके विकल्प में यदि राज्य भी इच्छुक हों तो डीएसीएंडएफडब्ल्यू के साथ विचार-विमर्श के माध्यम से एजेंसी को कार्यान्वित करने के लिए नामित कर सकते हैं। डीएसीएंडएफडब्ल्यू एजेंसियों को कार्यान्वित करने के लिए समूह/राज्यों का आबंटन करेगा, जो इसी क्रम में राज्‍यों में समूह आधारित व्‍यापारिक संगठन का गठन करेगा।
20Feb-2020

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