नमामि गंगे: नदी संरक्षण में जिला
गंगा समितियां गठित होगी
एक हजार करोड़ की लागत से शुरू होगी सीवरेज जैसी परियोजना
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
पीएम
मोदी के महत्वकांक्षी ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत गंगा नदी की सहायक एवं छोटी नदियों
के सरंक्षण की दिशा में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा अपनाई गई नदी संरक्षण के
होलिस्टिक कंजर्वेशन के तहत प्रदूषणमुक्त करने के लिए कमर कस ली है। मिशन ने इसके लिए हिंडन,
कृष्णा और काली नदी के संरक्षण के लिए जिला गंगा समितियां गठित करने का निर्णय
लिया है।
केंद्रीय
जलशक्ति मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह तथा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन
के
महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने यूपी के सहारनपुर मंडल के जिला अधिकारियों और संबन्धित
विभागों के अधिकारियों के अलावा हितधारकों के साथ बैठक करके गंगा की इन सहायक नदियों
को प्रदूषणमुक्त बनाने के काम में तेजी लाने हेतु दिशा निर्देश जारी जारी किये।
बैठक में सहारनपुर मंडल के तहत सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली यानि इन तीनों जिलों
में बहने वाली हिंडन, कृष्णा और काली
नदियों में तरल प्रदूषण के महत्वपूर्ण मुद्दे और इन नदियों के
लिए नदी संरक्षण के कार्यों पर चर्चा की गई। मंत्रालय के अनुसार इन सहायक
नदियों के संरक्षण हेतु किये जाने वाले इस कार्य को नमामि गंगे कार्यक्रम
के तहत होलिस्टिक कंजर्वेशन मिशन का हिस्सा बनाया जा रहा है। जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने इस
महत्वपूर्ण बैठक में वैज्ञानिक और सामुदायिक प्रयास करके प्रदूषण प्रबंधन
सुनिश्चित करने के अलावा नदी और जल निकायों के संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने पर जोर
दिया। प्रदूषण प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन,
बाढ़
के मैदान विनियमन (फ्लड प्लेन),
आर्द्रभूमि
संरक्षण और प्रबंधन, वनीकरण और पर्यावरणीय
प्रवाह के अलावा समान रूप से महत्वपूर्ण,
प्रासंगिक
मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जिसके लिए नमामि गंगे के तहत ही परियोजनाओं को कार्यान्वित
किया जाएगा। इस बैठक में जल शक्ति मंत्रालय और मिशन के
अधिकारियों के अलावा सहारनपुर मंडलायुक्त संजय कुमार व
जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे, मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी श्रीमती सेल्वा
कुमारी जे. और शामली जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के अलावा तीनों जिलों
के सीडीओ के अलावा राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान
के निदेशक, सीजीडब्लूबी के
अधिकारी और विभिन्न राज्य विभागों के उच्चाधिकारी शामिल हुए।
जिला गंगा समितियों का होगा गठन
एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन
मिश्रा ने बैठक में जानकारी दी कि नमामि गंगे मिशन के तहत छोटी नदियों के संरक्षण हेतु प्रदूषणमुक्त करने के लिए होने
वाले विभिन्न कार्यो के कार्यान्वयन का नेतृत्व करने हेतु तीनों जिलों में जिला स्तर पर जिला गंगा समितियों का गठन होगा। उन्होंने इस कार्य
में सहारनपुर डिवीजन में सभी महत्वपूर्ण शहरों के सीवरेज प्रबंधन के
लिए घरेलू नगरपालिका सीवेज,
निवेश
स्वीकृत
और योजना के मुद्दे को भी शामिल करने की जानकारी दी, जिनकी लागत 1000 करोड़ रुपए है। इसके अलावा इन जिलों में नालों और नदियों
में उच्च प्रदूषण स्तर का प्रमुख स्रोत बने औद्योगिक ईकाईयों पर जिला अधिकारियों से विनियामक प्रयासों को तेज करने का भी अनुरोध किया गया।
औद्योगिक ईकाईयों से वसूला 1.30 करोड़ का जुर्माना
केंद्रय जल शक्ति मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक में
सहारनपुर मंडलायुक्त ने जानकारी दी है कि डिवीजन के तहत नदियों में प्रदूषित पानी
का जाने से रोकने के लिए प्रदूषणकारी औद्योगिक ईकाईयो को नोटिस जारी
करते हुए 1.30 करोड़ रुपए के
जुर्माने की वसूली की गई है। वहीं वन विभाग द्वारा सहारनपुर मंडल के अंतगर्त हिंडन नदी के किनारे खुले क्षेत्र में भूमि कब्जामुक्त कराकर
वृक्षारोपण का कार्य कराया गया था और ट्री गार्ड लगवाए गए।
मंडलायुक्त ने मंत्रालय को जानकारी दी कि जनपद
सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर प्रदेश के ऐसे जनपद
है, जिसमें पिछले 2 साल में सबसे ज्यादा वृक्षारोपण किया गया है। जनपद सहारनपुर
में हिंडन नदी 93 किलोमीटर में प्रवाहित
है, जिसके 62 किलोमीटर में वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण कराया
गया है।
वहीं जिला मुजफ्फरनगर में काली नदी को 10 किलोमीटर क्षेत्र में अवैध कब्जा मुक्त कराते
हुए वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। उन्होंने बताया कि सहारनपुर जिले में 95 और मुजफ्फरनगर
जिले में ऐसे 10 नालों को चिन्हित किया गया है, जिनका प्रदूषित पानी हिंडन और काली
नदी पड़ता है।
23Feb-2020
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