शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

राष्ट्रपति अभिभाषण के दौरान नागरिकता कानून पर विरोध


संसद का बजट सत्र शुरू:
राष्ट्रपति अभिभाषण के दौरान नागरिकता कानून पर विरोध  
समर्थन में तालियों से गूंजा संसद भवन का केंद्रीय कक्ष
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति अभिभाषण के साथ शुरू हो गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संयुक्त सदनों की बैठक में मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने देश की एकता और अखंडता की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा लिए गये कुछ फैसलों को ऐतहासिक करार देते हुए जैसे ही लागू किये गये संशोधित नागरिकता कानून को महात्मा गांधी जी की इच्छा पूरी करने वाला बताया, तो काली पट्टियां बांधकर बैठक में आए विपक्षी दलों ने नारेबाजी करते हुए इस कानून का विरोध जतया, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों की तरफ से मेज थपाकर तालियों की गूंज सुनाई देती रही।
संसद के केंद्रीय कक्ष में शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरूआत की गई। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने केंद्र सरकार की देश की एकता और अखंडता की दिशा में आंतकवाद, उग्रवाद और देश विरोधी गतिविधियों की दिशा में लागू किये गये कुछ फैसलों का भी जिक्र किया। उन्होंने जहां संसद में जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाया जाने का ऐतिहासिक फैसला बताया, तो वहीं नागरिकता (संशोधित) कानून यानि सीएए का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इस कानून को लागू करके राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया है। उन्होने कहा कि पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया। नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र आते ही पीएम मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों व सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजे थपथपाई और काफी देर तक ताली बजाकर राष्ट्रपति का अभिवादन किया। वहीं नागरिकता कानून से आग बबूला विपक्ष जो पहले से ही इसके विरोध में हाथों में काली पट्टियां बांधकर आया था, ने नारेबाजी शुरू करके अभिभाषण को बाधित करने का प्रयास किया।
विपक्ष की नारेबाजी
केंद्रीय कक्ष में आयोजित संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति अभिभाषण के दौरान संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का जिक्र आते ही विपक्षी सदस्यों खासकर तृणमूल, द्रमुक और वामदल जैसे विपक्षी दलों के सदस्यों ने शर्म करो- शर्म करोजैसे नारे लगाने शुरू कर दिये और शेम-शेम कहते हुए कुछ देर तक शोरशराबा करते रहे। वहीं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने नो सीएए’, ‘नो एनआरसीजैसे नारे लिखे एक सफेद कपड़ा दिखाना शुरू किया। केन्द्रीय कक्ष में सीएए के विरोध में काली पट्टियां बांधकर आए सदस्यों के बारे में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सीएए के विरोध में ही 14 विपक्षी दल काली पट्टियां बांधकर संसद के बजट सत्र में आए।
संसद परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष विपक्ष ने किया प्रदर्शन
शुक्रवार को बजट सत्र की शुरूआत होने पर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्षी दलों ने संसद में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे खड़े होकर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) एवं एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट की। इस प्रदर्शन में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और कई अन्य सांसद शामिल हुए। कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा के कई नेताओं के विवादित बयानों के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने सीएए और एनआरसी का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि सरकार अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अपनी नाकामियां छिपाने के लिए इन मुद्दों को उछाल रही है।
01Feb-2020

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