राष्ट्रीय दलों में खर्च करने में भी सबसे आगे रही भाजपा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश
के छह राष्ट्रीय दलों में पिछले एक साल में कांग्रेस ने अपनी आय में अन्य दलों के
मुकाबले सबसे ज्यादा यानि 360.97 फीसदी का इजाफा किया है, जबकि भाजपा इस दौरान
134.59 फीसदी बढ़ाने के बावजूद सभी दलों ने सबसे अमीर दलों के रूप में बरकरार है।
भाजपा ने अपनी सर्वाधिक 2410.18 करोड़ रुपये में से सबसे ज्यादा 1005.33 करोड़
रुपये का खर्चा भी घोषित किया है।
केंद्रीय चुनाव आयोग में छह राष्ट्रीय
दलों द्वारा वर्ष 2018-19 के जमा कराए गये आय-व्यय के ब्यौरे
के मुताबिक वर्ष 2017-18
में 1293.05 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2018-19 में 3698.66 करोड़ रुपये की आय
घोषित की है। गैर सरकारी संस्था एडीआर द्वारा राजनीतिक दलों की आय के ब्यौरे
की जारी विश्लेषण रिपोर्ट के मुताबिक इन दलों की इस कुल आय में से 1617.57 करोड़ का खर्च होने की
जानकारी दी गई है। इन दलों में सर्वाधिक आय 2410.08 करोड़ भाजपा की है, जिसमें
पिछले वित्तीय वर्ष की 1027.34 करोड़ में भाजपा की आय में 1382.74 करोड़ यानि 134.59 फीसदी का
इजाफा हुआ है। घोषित कुल आय में भाजपा ने 1005.33 करोड़ यानि 41.71 फीसदी खर्च भी
घोषित किया है। जबकि पिछले कई वर्ष से आर्थिक संकट से जूझने का दावा कर रही
कांग्रेस पार्टी ने पिछले वर्ष 199.15 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2018-19 में 718.88
करोड़ यानि 360.97 फीसदी आय का इजाफा घोषत किया है, जिसमें कांग्रेस ने 469.92
करोड़ यानि 51.19 फीसदी खर्च करने का दावा किया है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस ने
इस दौरान अपनी आय 5.167 करोड़ से बढ़ाते हुए 192.65 करोड़ रुपये, बसपा ने 51.70 करोड़ से बढ़ाकर 69.79 करोड़ और सीपीआई ने 1.55 करोड़ से बढ़ाते हुए 7.15 करोड़ रुपये घोषित की
है। खासबात है कि सीपीएम अकेले एक ऐसी पार्टी रही जिसकी आय में 3.89 करोड़ की कमी
के साथ 100.96 करोड़ रुपये रह गई है। जबकि सातवीं राष्ट्रीय पार्टी राकांपा ने
अपना आय-व्यय ब्यौरा चुनाव आयोग में पेश नहीं किया है, जिसकी वर्ष 2017-18 के
दौरान कु5ल आय 8.15 करोड़ रुपये घोषित की गई थी।
आय के मुख्य स्रोत
रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय दलों के शीर्ष तीन मुख्य आय
स्रोतों में दलों ने दान से अधिक धन प्राप्त किया है, जिसमें भाजपा ने सर्वाधिक
2354.02 करोड़, कांग्रेस ने 551.55 करोड़, तृणमूल कांग्रेस ने 141.54 करोड़,
सीपीएम ने 37.23 करोड़ और सीपीआई ने 4.08 करोड़ रुपये का चंदा लिया है। वर्ष
2018-19 में भाजपा ने यह धन स्वैच्छिक योगदान से प्राप्त करने का दावा किया,
पार्टी की कुल आय का 97.67 फीसदी है। कांग्रेस की आय में सबसे ज्यादा यह 60.08
फीसदी धनराशि अनुदान और योगदान से हासिल होना बताया गया है। कांग्रेस की आय के
बाकी 322.59 करोड़ रुपये जारी किये गये कूपनों से एकत्र किये गये और 27.57 करोड़
सदस्यता और अन्य स्वैच्छा से मिला धन के अलावा 16.32 करोड़ रुपे अन्य आय के
स्रोतों से एकत्र की गई।
दलों ने कहां खर्च की धनराशि
भाजपा द्वारा दर्शाए गये खर्च 1005.33 करोड़ रुपये में
792.39 करोड़ रुपये चुनाव और पार्टी के सामान्य प्रचार में खर्च किये, जबकि 178.35
करोड़ रेपये का खर्च प्रशासनिक और 23.61 कर्मचारियों की लागत के रूप में घोषित
किया है। जबकि कांग्रेस के चुनावी खर्च में 308.96 करोड़ रुपये की लागत आई और
125.80 करोड़ रुपये सामान्य खर्च के रूप में घोषित किये हैं। बसपा ने 33.11 करोड़
चुनाव, 15.71 प्रशासनिक और सामान्य खर्च के रूप में दर्शाई है। टीएमसी ने चुनाव
में 9.59 करोड़ खर्च किये तो सीपीएम का 35.04 करोड़ प्रशासनिक गतिविधियों, 31.74
करोड़ कर्मचारियों और 9.26 करोड़ रुपये चुनावी खर्च रहा।
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जबकि कांग्रेस ने इस अवधि में 199.15 करोड़ आय में 119.91 यानि 60.21 फीसदी रकम का स्रोत अज्ञात बताया है। राकांपा
ने अपनी कुल आय 8.15 करोड़ में 5.37 करोड़ रुपये प्राप्त करने का अज्ञात स्रोत
घोषित किया है। इसी प्रकार बसपा ने अपनी कुल 51.70 करोड़ की आय में 10.67 करोड अज्ञात स्रोत से जुटाने का दावा किया।
इसी प्रकार तृणमूल कांग्रेस ने 5.17 करोड़ की कुल आय
में 2.01 फीसदी तथा सीपीआई ने 1.55 करोड़ में 0.19 फीसदी आय अज्ञात
स्रोत से जाहिर की है।
16Jan-2020
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