शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

गुमशुदा लोगों को खोजना व वाहन एनओसी लेना होगा आसान



एनसीआरबी ने शुरू की दो ऑनलाइन राष्ट्रीय सेवाएं
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में अब गुमशुदा व्यक्ति की खोज करने के अलावा लोगों को वाहन एनओसी ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी। इसके लिए राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने सीसीटीएनएस प्लेटफॉर्म पर पुलिस की दो नागरिक केन्द्रित राष्ट्रीय सेवाओं को शुरू किया है।
नई दिल्ली में बुधवार को गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार की अध्यक्षता में आयोजित एक समारोह में एनसीआरबी ने सीसीटीएनएस हैकथन तथा साइबर चैलेंज प्रारंभ करते हुए इन ऑनलाइन सेवाओं को शुरू किया है। इन ऑनलाइन सेवाओं से गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने और वाहनों का अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) ऑनलाइन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इन सेवाओं को ‘digitalpolicecitizenservices.gov.in’ पोर्टल पर या वर्तमान डिजिटल पुलिस पोर्टल पर दिए गए लिंक से एक्सेस किया जा सकता है। अभी तक ऐसी सेवाएं राज्य नागरिक पोर्टलों के माध्यम से दी जा रही थी और यह पहला मौका है जब केन्द्रीय रूप से ये सेवाएं लान्च की जा रही हैं।
समारोह में एनसीआरबी के निदेशक रामफल पवार ने जानकारी दी कि गुमशुदा व्यक्ति की खोज (मिसिंग पर्सन सर्च) तथा जेनरेट व्हीकल एनओसीसेवाएं अब नागरिकों को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। अब नागरिक अज्ञात पाए गए व्यक्ति, पहचानरहित मृतक की खोज राष्ट्रीय डाटाबेस से घर बैठे कर सकते हैं। वहीं क्राइम तथा क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली में फोटो सहित सारे विवरण उपलब्ध होंगे। यह प्रणाली देश भर के उपलब्ध राष्ट्रीय डाटाबेस में खोज करके फोटो तथा अन्य विवरणों के साथ तुरंत परिणाम दिखाएगी। इसके अलावा निदेशक ने कहा कि जेनरेट व्हीकल एनओसीसेवा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सेकंडहैंड खरीद से पहले नागरिक वाहन की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मसलन वाहन संदिग्ध है या पुलिस रिकॉर्ड से मुक्त है की जानकारी के साथ मालिकाना हक के हस्तांतरण से पहले प्रासंगिक एनओसी डाउनलोड किया जा सकता है। इसके लिए एनसीआरबी तथा अमेरिका के लापता और शोषित बच्चों के राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएमईसी) ने भारत से लापता और शोषित बच्चों की जानकारी प्राप्त करने के लिए समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। एनसीएमईसी अमेरिका की कांग्रेस द्वारा स्थापित गैर-लाभकारी संगठन है।
साइबर टिपलाइन निगरानी
इस समारोह के दौरान गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार ने एनसीआरबी में साइबर टिपलाइन निगरानी सुविधा का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में आज अपराध और प्रौद्योगिकी के बीच का चौराहा ज्यादा स्पष्ट दिख रहा है। डिजिटल प्रौद्योगिकी और इंटरनेट ने न केवल साइबर अपराध को बढ़ाया है, बल्कि ऐसे अपराधों को ज्यादा नाजुक बना दिया है। इसलिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में दक्ष होना तथा अपराध की खोज, जांच और मुकाबले के लिए नवाचारी तौर-तरीकों को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लगभग 25000 साइबर टिपलाइन रिपोर्ट प्राप्त की गई हैं और राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से साझा की गई हैं। इनमें से 15 रिपोर्टें उच्च प्राथमिकता की हैं।
30Jan-2020


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