सड़क सुरक्षा के प्रतिबद्धता के साथ एकीकृत डेटाबेस योजना
तैयार
अब सांसद सड़क सुरक्षा समिति करेगी जिले में
निगरानी: गडकरी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश
में सड़क सुरक्षा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं
राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क परियोजनाओं की डीपीआर और सड़क का गलत डिजायन
तैयार करने वाले ऐसे अफसरों को चिन्हित करके बाहर किया जाएगा, जो परियोजनाओं में
जानबूझकर फाइलों को दबाकर बैठे रहते हैं।
सोमवार को यहां विज्ञान भवन में सड़क सुरक्षा
हितधारकों के सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने स्पष्ट
रूप से यह चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय का सड़क सुरक्षा पर विभिन्न जागरूकता गतिविधियों में समुदायों और हितधारकों को
शामिल करने के माध्यम से सड़क दुर्घटना के खतरों को कम करने के प्रयासों के साथ जारी
रहेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय
में कामचोर और गैर जिम्मेदार अधिकारियों को चेताया कि उनकी इस लालफिताशाही
को किसी कीमत पद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो काम न करने वाले और उसमें
बाधक बने अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की चेतावनी दी है। गडकरी ने कहा है कि
ऐसे अधिकारी जो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अलावा सड़के की इंजीनियरिंग या
डिजाइन जानबूझकर गलत बनाते हैं, यानि सड़क परियोजनाओं में सड़क सुरक्षा से समझौता
करके बाधक बने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की करने में अब किसी प्रकार
की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। गडकरी ने कहा कि ऐसे
अधिकारियों की सूची तैयार की जाएगी जिनके खिलाफ कार्रवाई की जानी है और कई को सेवानिवृत्त किया जाना है।
उन्होंने बताया कि कुछ अधिकारियों के खिलाफ इस प्रकार की कार्यवाही को अमल में भी
लाया जा चुका है। सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन
राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, सड़क मंत्रालय के सचिव डॉ. संजीव रंजन,
तमिलनाडु के परिवहन मंत्री एम.आर. विजयभास्कर समेत कई
राज्यों के सड़क परिवहन मंत्री एवं अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया।
एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना शुरू
इस सम्मेलन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त रूप से एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस
(आईआरएडी) नामक नई परियोजना का भी उद्घाटन किया। यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास की सहायता तथा एनआईसी
और विश्व बैंककी मदद से विकसित और लागू की जा रही एक मजबूत सड़क दुर्घटना डेटाबेस
प्रबंधन प्रणाली है। इससे राज्य और केंद्र,
सड़क
दुर्घटनाओं से संबंधित जानकारियों को समझने,
सड़क
दुर्घटनाओं के मूल कारणों का विश्लेषण करने तथा दुर्घटनाओं को कम करने के लिए डेटा-नेतृत्व
वाले सड़क सुरक्षा उपायों को विकसित और लागू करने में सक्षम होंगे। गडकरी ने कहा कि इस परियोजना से न केवल अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम अभ्यास
पर आधारित विश्लेषणात्मक क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि संबंधित राजमार्ग प्राधिकणों के माध्यम
से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधारात्मक उपाय करने में भी मदद करेगी। इस दिशा में गडकरी ने
सम्मेलन में मौजूद छात्रों से बड़ी संख्या में देश के युवाओं के व्यवहार
में व्यापक बदलाव लाने के लिए सड़क सुरक्षा के ब्रांड एंबेसडर बनने का आह्वान करते
हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों में 65 प्रतिशत 18 से 35 साल के बीच के होते हैं।
राजनाथ ने सड़क हादसों पर जताई चिंता
इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सड़क
दुर्घटनाओं में लोगों के मारे जाने के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा
कि यह सख्यां प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मौतों से भी कहीं बहुत ज्यादा है। उन्होंने
वर्ष 2018 में देश में सड़क
दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों की संख्या का जिक्र करते हुए कहा कि दुर्घटनाओं का केवल
आर्थिक प्रभाव ही नहीं पड़ता, बल्कि यह दुर्घटना पीडि़तों के
परिजनों पर मानसिक और भावनात्मक रूप से भी असर डालती है। उन्होंने
हितधारकों और लोगों से सुरक्षा उपाय अपनाने का संकल्प लेने का आह्वान
करते हुए कहा कि उन्हें सड़क दुर्घटनाओं पीडि़तों की मदद करने
के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने युवाओं से सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों
को जागरुकता बनाने के लिए व्हाट्सऐप,फेसबुक और इंस्टाग्राम
जैसे सोशल मीडिया प्लैटफार्म का इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि विज्ञान
और तकनीक का इस्तेमाल लोगों का जीवन सुरक्षित बनाने के लिए होना चाहिए।
जिला समितियों का बदला नाम
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव डॉ संजीव रंजन ने कहा कि
मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 सड़क सुरक्षा के
विभिन्न स्तंभों में बहु-आयामी रणनीतियों के कार्यान्वयन की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण
कदम हैं। सचिव ने जानकारी दी कि जिला सड़क सुरक्षा समितियों का पुनर्गठन करके अब इन समितियों का नाम सांसद सड़क सुरक्षा
समिति किया गया है, ताकि सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने
के उपायों को लागू किया जा सके। यह व्यवस्था सर्वोच्च न्यायालय और सड़क परिवहन तथा राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय
द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर की गई है।
14Jan-2020
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