सोमवार, 13 जनवरी 2020

नागरिकता कानून: केंद्र सरकार ने की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा

गृह मंत्रालय ने आपराधिक मामलों में जारी किये संशोधित दिशानिर्देश
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर देश में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की, जिसमें खुफिया और अन्य एजेंसियों के अलावा राज्य सरकारों द्वारा दी गई रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई।
गृहमंत्रालय के सूत्रों के अनुसार गुरुवार को एक उच्च स्तरीय की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के चलते देश में सुरक्षा के हालातों का जायदा लेने के लिए खुफिया एजेंसियों और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों से रिपोर्ट लेते हुए सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान विभिन्न राज्यों की सरकारों से आई रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में गृह सचिव अजय भल्ला और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, खुफिया ब्यूरो के निदेश अरविंद कुमार तथा अन्य एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हुए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा तीन देशों के छह समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करने के लिए नागरिकता कानून में किये गये संशोधन के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए जो अभी तक जारी है। इस विरोध प्रदर्शन के कारण देश की सुरक्षा को लेकर खुफिया और जांच एजेंसियां अलर्ट पर रही, वहीं कई राज्यों की सरकारों ने भी इस विरोध प्रदर्शन को सहारा देने वाले संगठनों के बारे में गृहमंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेजी है। इस उच्च स्तरीय बैठक में राज्यों की रिपोर्ट को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें यूपी के एक संगठन को प्रतिबंधित करने की भी सिफारिश की गई है, जिस पर यूपी समेत कई राज्यों में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की साजिश रचने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार को अलर्ट पर रही खुफिया एजेंसी ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में अलर्ट भी जारी करते हुए इस दौरान हुई हिंसाओं को आतंकी गतिविधियों से जोड़ने का भी दावा किया था।
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वैधानिक सहायता के दिशानिर्देशों में संशोधन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में अपराध के प्रति शून्‍य सहनशीलताकी की नीति को अमलीजामा पहनाने के मकसद से आपराधिक मामलों में परस्‍पर वैधानिक सहायता के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार राज्यों को जारी इन संशोधित दिशा निर्देशों में केंद्र सरकार द्वारा शीघ्र न्‍याय दिलाने के प्रयास के तहत आपराधिक मामलों में अंतर्राष्‍ट्रीय परस्‍पर वैधानिक सहायता की प्रक्रिया में तेजी लाने तथा सुसंगत बनाने की दिशा में कदमों का हवाला दिया गया है। मंत्रालय के अनुसार आपरिधक मामलों में साक्ष्‍य हेतु प्रार्थना पत्र, परस्‍पर वैधानिक सहायता हेतु प्रार्थना पत्र तथा सूचना की सेवा, सूचना एवं अन्‍य न्‍यायिक कागजात का मसौदा तैयार करने तथा उसकी प्रक्रिया आगे बढ़ाने हेतु जांच एजेंसियों के लिए क्रमबद्ध मार्गनिर्देशन करना भी इन संशोधित दिशानिर्देशों में शामिल हैं। इसमें हाल के वर्षों में विभिन्‍न वैधानिक एवं प्रौद्योगिकीय बदलावों को लागू किया गया है और दस्‍तावेजों को संक्षिप्‍त एवं केन्द्रित रखने के साथ-साथ अंतर्राष्‍ट्रीय आवश्‍यकताओं के अनुकूल बनाने का लक्ष्‍य रखा गया है।
महिलाओं एवं बच्‍चों के मामले में गंभीरता पर बल   
गृह मंत्रालय की एक पहल के रूप में इस संशोधित मार्गनिर्देश में महिलाओं एवं बच्‍चों के विरूद्ध आपराधिक मामलों में गंभीरता बरतने के संदर्भ में 10 दिनों के भीतर विदेश के अधिकारियों पर कागजात संबंधी सेवा के लिए प्रावधान शामिल किया गया हैं। ऐसे मामलों में जांचकर्ताओं, अभियोजन पक्षों तथा न्‍यायिक अधिकारियों के लिए परस्‍पर वैधानिक सहायता के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने पर बल दिया गया है।
10Jan-2020

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