रेलवे बोर्ड का निर्भया फंड से रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा
बढ़ाने का निर्णय
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे रेल यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए उनकी
खासकर महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। इसी दिशा में रेलवे
बोर्ड ने देश के 983 रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के इंतजामों को पुख्ता करने की
दिशा में इंटरनेट प्रोटोकॉल आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित करने का
निर्णय लिया है, जिसमें निर्भया फंड का इस्तेमाल किया जाएगा।
रेल
मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा
बढ़ाने की
ठोस पहल करते हुए भारतीय रेलवे ने रेलवे स्टेशनों के साथ यात्रियों की सुविधाओं के लिए वहां बने प्रतीक्षालयों, आरक्षण काउंटरों, पार्किंग क्षेत्रों, मुख्य प्रवेश और निकास
द्वार के अलावा प्लेटफॉर्मों, फुट ओवर ब्रिजों, बुकिंग कार्यालयों आदि में इंटरनेट प्रोटोकॉल
(आईपी) आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली (वीएसएस) स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इस
प्रणाली को स्थापित करने के लिए भारतीय रेल को इस वर्ष निर्भया कोष से 250 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जिसका इस्तेमाल करने के
लिए रेलवे बोर्ड ने देश के प्रमुख 983 स्टेशनों में वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित
करने के कार्यों को मंजूरी दी है, हालांकि दक्षिण-पश्चिम में इस परियोजना को पहले ही शुरू
किया जा चुका है। मंत्रालय के अनुसार इस प्रणाली को स्थापित
करने के लिए बोर्ड ने रेल मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रम रेलटेल को
वीडियो एनालिटिक्स एवं फेशियल रिकोग्नीशन प्रणाली सहित आईपी आधारित वीडियो सर्विलेंस
प्रणाली स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है। देश में महिलाओं
की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्भया निधि के इस्तेमाल से यह कार्य
किया जा रहा है।
चरणबद्ध पूरी होगी योजना
भारतीय रेल के रेलवे स्टेशनों को फ्री वाई-फाई से लैस करने
में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली कंपनी रेलटेल के
अध्यक्ष पुनीत चावला ने बताया कि इस प्रणाली को स्थापित करने काम चरणबद्ध तरीके से
किया जाएगा। यानि इस परियोजना के पहले चरण में
देशभर में 200 स्टेशनों पर वीडियो
सर्विलेंस प्रणाली स्थापित की जा रही है। चावला के अनुसार सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर
कवरेज और स्पष्ट तस्वीर पाने के उद्देश्य से चार प्रकार के फुल एचडी कैमरे गुम्बद आकार (आंतरिक क्षेत्रों
के लिए), बुलेट आकार (प्लेटफॉर्मों
के लिए), पैन टिल्ट जूम आकार (पार्किंग
क्षेत्रों के लिए) और अल्ट्रा एचडी-4के कैमरे (महत्वपूर्ण
स्थानों के लिए) लगाए जा रहे हैं।
81 स्टेशन पर प्रणाली स्थापित
रेलटेल के अध्यक्ष चावला के अनुसार इस पहले चरण में अब तक देशभर में 81 स्टेशनों पर कार्य
पूरा हो चुका है। वीडियो सर्विलेंस प्रणाली को जल्द ही अन्य स्टेशनों और कोचों तक विस्तारित
किया जाएगा। मसलन प्रथम चरण में दक्षिण-पश्चिम रेल ने हाल में 6 प्रमुख स्टेशनों में वीडियो सर्विलेंस प्रणाली
शुरू की है। इसके तहत बेल्लारी में 33 कैमरे, बेलागावी में 36 कैमरे, वास्को द गामा में 36 कैमरे, बैंगलुरू कैंट में 21 कैमरे, बांगरपेट में 36 कैमरे लगाए गए
हैं। जबकि हासन, शिवमोगा टाउन और
सत्य साई प्रशांति निलयम में कार्य जल्द ही चालू होगा। सीसीटीवी सहित समन्वित
सुरक्षा प्रणालियां 11 स्टेशनों में स्थापित
की गई हैं।
वहीं दक्षिण-पश्चिम रेल के 17 स्थानों पर सीसीटीवी क्रियाशील है और प्रथम चरण में जनवरी 2020 के अंत तक कुल 20 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी लागू करने का काम
पूरा हो जाएगा।
आरपीएफ की रहेगी निगरानी
रेलवे स्टेशन पर इस प्रणाली के लिए रेलवे सुरक्षा
बल (आरपीएफ) के नियंत्रण कक्ष में अनेक स्क्रीनों पर सीसीटीवी कैमरे के लाइव फीड दर्शाए
जा रहे हैं। स्टेशन पर प्रत्येक एचडी कैमरा प्रतिमाह लगभग एक टीबी डाटा खपत करता है
और चार कैमरे चार टीबी डाटा खपत करते हैं। घटना के बाद विश्लेषण तथा जांच के लिए सीसीटीवी
कैमरों से वीडियो फीडों की रिकॉर्डिंग को फिर से देखने के लिए 30 दिनों तक स्टोर किया जाएगा। महत्वपूर्ण वीडियो
को और भी अधिक अवधि के लिए स्टोर किया जा सकता है।
10Jan-2020
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