
रेलवे के आधुनिकरण से यात्रियों को
मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
रेल सरंक्षा व सुरक्षा पर फोकस करने पर खरा उतरा रेलवे
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
रेलवे
द्वारा अरसे बाद रेल यात्री किराए में की गई बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष द्वारा आलोचना
करने पर भारतीय रेलवे ने इस निर्णय को तर्कसंगत बताते हुए कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण की परियोजनाओं के तहत
यात्रियों को रेलगाडि़यों और स्टेशनों पर बेहतर और
अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास कर रहा है।
भारतीय रेलवे द्वारा एक दिन पहले रेल यात्री किराए में
मामूली बढ़ोतरी करने के निर्णय के बाद विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की आलोचना शुरू
कर दी है, जिसके बाद बुधवार को रेलवे ने इस निर्णय के तर्कसंगत करार देते हुए कहा
कि देश में रेलवे के आधुनिकीकरण के जरिए रेल यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं
मुहैया कराने की दिशा में यह निर्णय लिया जा रहा है। रेलवे के अनुसार इससे पहले
रेलवे ने अंतिम किराया संशोधन 2014-15 में किया था। भारतीय रेलवे के लिए रेलवे स्टेशनों और रेलगाडि़यों में यात्री सुविधाओं का विस्तार करने के लिए
किसी भी श्रेणी के यात्रियों पर भार डाले बिना किराये में मामूली बढ़ोतरी करना बहुत
जरूरी हो गया है। वहीं भारतीय रेलवे पर 7वें वेतन आयोग का बोझ भी बढ़ा है, तो रेल यात्री किरायों को तर्कसंगत बनाना आवश्यक हो गया था। रेलवे के इस किराया संशोधन से भारतीय रेलवे के तेजी से होने वाले आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।
भारतीय रेलवे यात्रियों के लिए सुविधाओं के उन्नयन, रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण तथा रेलगाडि़यों
में और रेलगाडि़यों से बाहर अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के अतिरिक्त प्रयास
कर रही है। यात्री किराए को तर्कसंगत बनाने से इस दिशा में भारतीय रेलवे के प्रयासों
को बढ़ावा मिलेगा। रेलवे ने किराए में मामूली वृद्धि करने का निर्णय के
बारे में यह भी कहा है कि दैनिक यात्रियों की सामर्थ्यता को देखते हुए
उपशहरी वर्ग यात्रियों और सीज़न टिकट धारकों के किराए में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।
इस वर्ग का भारतीय रेलवे के यात्री खंड में 66 फीसदी हिस्सा है। यहां तक कि साधारण गैर एसी श्रेणी में यात्रा
करने वाले यात्रियों के किराए में प्रतिकिलोमीटर मात्र 1 पैसे की मामूली
वृद्धि की जा रही है, जो 1 जनवरी 2020 को या उसके बाद खरीदे गए टिकटों पर लागू होगी। एक जनवरी 2020 से पहले बुक किए
टिकटों के लिए यात्रियों से कोई अतिरिक्त किराया नहीं लिया जाएगा।
रेल मंत्रालय ने बताया कि राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत, तेजस,
हमसफर, महामना, गतिमान, अंत्योदय, गरीब रथ, जन शताब्दी,
राज्य
रानी, युवा एक्सप्रेस, सुविधा और विशेष प्रभारों पर विशेष रेलगाडि़यों, एसी मेमू (गैर-उपनगरीय)
एसी डेमू (गैर-उपनगरीय) आदि रेल सेवाओं के मौजूदा किरायों में उपरोक्त प्रस्तावित वृद्धि
की सीमा तक ही संशोधन किया जा रहा है। रेलवे के अनुसार आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट अधिभार आदि के प्रभारों में कोई बदलाव
नहीं किया जाएगा। इस तरह के प्रभार जहां लागू हैं वे अतिरिक्त रूप से लगाए जाएंगे।
समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार जीएसटी लगाया जाएगा।
इस प्रकार किया गया किराया संशोधन
साधारण गैर-एसी श्रेणियां
(गैर-उपनगरीय): किराए में 01 पैसा/यात्री किलोमीटर
की वृद्धि
मेल/एक्सप्रेस गैर-एसी
श्रेणियां: किराए में 02 पैसा/यात्री किलोमीटर
की वृद्धि
एसी श्रेणियां: किराए में
04 पैसा/यात्री किलोमीटर की
वृद्धि
उपनगरीय किराया और सीजन
टिकट: कोई वृद्धि नहीं
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रेल
संरक्षा और सुरक्षा पर खरा उतरा रेलवे
रेल मंत्रालय ने वर्ष 2019 को रेलवे की रेल सरंक्षा और रेल
यात्री सुरक्षा की प्राथमिकता के लिए रेलवे के इतिहास में सबसे सुरक्षित साल होने
का दावा किया है। इस प्राथमिकता के लिए रेलवे द्वारा उठाए गये अनेक सुरक्षात्मक
कदमों को श्रेय दिया जाता है कि वर्ष 2019 के दौरान हुई रेल दुर्घटनाओं
में एक भी यात्री की जान नहीं
गई। रेलवे
द्वारा उठाए गये कदमों में रखरखाव के लिए मेगा ब्लॉक्स और आधुनिक मशीनों
का इस्तेमाल होना, मानव रहित सभी क्रॉसिंगों
को समाप्त करना और इसी प्रकार के अनेक उपाय शामिल हैं। रेलवे द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछले
साल रेलवे में रेलकर्मियों की तो मौत हुई, लेकिन पिछले 12 महीनों में किसी भी यात्री की मौत नहीं हुई।
वर्ष 2018-19 में रेलवे में
कई रेल दुर्घटनाओं में 16,
वर्ष
2017-2018 में 28 और 2016-2017 में 195 लोगों की मौत हुई थी। रेलवे के आंकड़ो के
अनुसार वर्ष 1990-1995 के बीच प्रति वर्ष
औसतन 500 से अधिक दुर्घटनाएं हुईं
और इस दौरान 2400 लोगों की मौत हुई
और 4300 लोग घायल हुए। इसके बाद
2013-2018 के बीच प्रति वर्ष औसतन
110 दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 900 लोग मारे गए और 1500 लोग घायल हो गए।
02Jan-2020
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