गुरुवार, 9 जनवरी 2020

सात राज्यों में आपदा नुकसान की भरपाई को 5908 करोड़ मंजूर



केंद्र की उच्चस्तरीय समिति ने आकलन के बाद लिया फैसला
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने दक्षिण पश्चिम मानसून 2019 के दौरान बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने से प्रभावित सात राज्यों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से 5908.56 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी, ताकि आपदा के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम और त्रिपुरा राज्यों के लिए कराए गये आकलन के आधार पर 5908.56 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता प्रदान करने का फैसला किया गया। बैठक में विचार विमर्श के बाद इन सात राज्यों के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से मंजूर की गई इस धनराशि में उत्तर प्रदेश को 367.17 करोड़, मध्य प्रदेश को 1749.73 करोड़, हिमाचल प्रदेश को 284.93 करोड़, महाराष्ट्र को 956.93 करोड़, कर्नाटक को 1869.85 करोड़ रुपये के अलावा पूर्वोत्तर के असम को 616.63 करोड़ और त्रिपुरा को 63.32 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है। आपदाओं के नुकसान की भरपाई के लिए आकलन कराने के बाद केंद्र सरकार 75 फीसदी योगदान देती है, जबकि 25 फीसदी व्यय को राज्यों द्वारा वहन करने का प्रावधान है। इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के अलावा गृह, वित्त, कृषि मंत्रालय और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
मंत्रालय के अनुसार इससे पहले केंद्र सरकार ने चार राज्यों को 3200 करोड़ रुपये की अंतरिम वित्तीय सहायता जारी की थी, जिनमें कर्नाटक को 1200 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 1000 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 600 करोड़ रुपये और बिहार को 400 करोड़ रुपये जारी किए थे। इसके अलावा 2019-20 के दौरान अभी तक केंद्र सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से केंद्रीय हिस्से के रूप में 27 राज्यों को 8068.33 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों के अलावा समय-समय पर रसद और वित्तीय संसाधन प्रदान करके राज्य सरकारों को पूर्ण सहायता प्रदान करती रही है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष की स्थपाना आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के अंतर्गत की गयी थी। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं में तात्कालिक राहत प्रदान करना है। 2010 में राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक कोष का नाम बदलकर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष कर दिया गया था।
08Jan-2020
 


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