शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

संसद का बजट सत्र की शुरूआत हंगामेदार होने के आसार!


सीएए जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में लामबंद विपक्ष
सत्तापक्ष की भी ठोस रणनीति के साथ सदन में आने की तैयारी
संसद में दो अध्यादेश समेत 45 विधेयक पेश करेगी सरकार
.पी. पाल. नई दिल्ली।  
देश में सीएए, एनआरसी और एनआरपी जैसे कई मुद्दों पर मचे घमासान के बीच मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद विपक्षी दलों के तेवरों को देखते हुए कल शुक्रवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र की शुरुआत हंगामेदार होने के आसार बने हुए हैं। इन मुद्दों पर सरकार के चर्चा कराने के भरोसे के बावजूद विपक्षी दलों के इन तेवरों को देखते हुए सत्तापक्ष भी संसद सत्र में अपनी ठोस रणनीति के साथ आने की तैयारी कर चुका है।
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार संसद का बजट सत्र दो चरणों में होगा, जिसके पहले चरण की शुरूआत 31 जनवरी से होगी और 11 फरवरी तक चलेगा, जबकि बजट सत्र का दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक आयोजित होगा। मंत्रालय के अनुसार बजट सत्र की शुरुआत कल शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी और एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। इस बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सत्रों की 39 बैठकें होंगी। मंत्रालय के अनुसार बजट सत्र के लिए केंद्र सरकार ने 45 विधेयक पेश करने का एजेंडा तैयार किया है, जिनमें से दो अध्यादेशों यानि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) अध्यादेश-2019 और खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश-2020 को वियोयक के रूप में पारित कराया जाएगा, जबकि सात वित्तीय संबन्धी विधेयक पेश किये जाएंगे।
संसद सत्र से पहले केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनपीआर, एनआरसी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, कश्मीर की स्थिति सहित कई मुद्दे उठाते हुए जिस प्रकार से सरकार के खिलाफ अपने तीखे तेवर दिखाए हैं, उससे इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि शुक्रवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र की शुरूआत हंगामे के साथ होगी। हालांकि स्वयं पीएम मोदी ने विपक्ष को हर मुद्दे पर चर्चा कराने का आश्वासन दिया है, लेकिन जिस प्रकार से सीएए और एनआरसी को लेकर देश में सियासत गरमाई हुई है उसे देखते हुए लामबंद हो चुके विपक्षी दलों ने संसद में मोदी सरकार को घेरने की वृहद नीति तैयार की है। वहीं सरकार का नेतृत्व करने वाली सत्ताधारी दलों ने भी विपक्षी दलों का माकूल जवाब देने के लिए ठोस रणनीति तैयार की है, जिसे राजग शुक्रवार सुबह अंतिम रुप देने के लिए बैठक बुला रहा है।
सरकार के सामने बड़ी चुनौती
संसद का शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने ऐजेंडे में शामिल रहे 47 विधेयकों में से नागरिकता (संशोधन) विधेयक, विशेष सुरक्षा समूह(एसपीजी) विधेयक, आयुध (संशोधन) विधेयक, -सिगरेट प्रतिबंधित संबन्धी विधेयक, विधि काराधान (संशोधन) विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयकों समेत 15 विधेयक पारित कराए थे। इसलिए इस सत्र में पिछले सत्र में लंबित रहे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता होगी। पिछले सत्र के दौरान नागरिकता कानून में संशोधन पारित होने के बावजूद देश में उसका व्यापक रूप से हो रहा विरोध का समर्थन कर रहे विपक्षी दलों के सामने इस सत्र में सूचीबद्ध किये जा रहे विधेयकों को पारित कराना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। 
31Jan-2020

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