दक्षिण-मध्य रेलवे में घोषित हुआ पहला सौर अनुभाग
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने समस्त जोनल रेलवे और उत्पादन
यूनिटों में वर्ष 2021-22 तक करीब 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा और करीब 200 मेगावाट पवन ऊर्जा हासिल करने की योजना को अंजाम देने का
लक्ष्य तय किया है। वहीं रेलवे ने दक्षिण-मध्य रेलवे के अंतर्गत गुंटकल डिवीजन के नांदयाल-येरागुंटला
अनुभाग को प्रथम सौर अनुभाग घोषित किया है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि
वर्ष 2021-22 तक एक हजार मेगावाट के लक्ष्य में 500 मेगावाट की क्षमता वाले सौर संयंत्र रेलवे की इमारतों की छतों
पर लगाए जाएंगे, जिनका इस्तेमाल
रेलवे स्टेशनों पर गैर-कर्षण भार की पूर्ति करने में किया जाएगा। जमीन पर अवस्थित
लगभग 500 मेगावाट की क्षमता वाले
सौर संयंत्रों का उपयोग कर्षण एवं गैर-कर्षण दोनों ही तरह की आवश्यकताओं को पूरा करने
में किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार दक्षिण मध्य रेलवे दरअसल उन कई उपायों को सक्रियतापूर्वक
कार्यान्वित करने वाले विभिन्न रेलवे जोन में से एक है जिनका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा
का उपयोग कर ऊर्जा संरक्षण करना है। इस दिशा में उठाए गए प्रमुख कदमों के तहत समस्त
जोन में अवस्थित स्टेशनों,
सर्विस
बिल्डिंग, एलसी गेट पर सोलर
पैनल लगाए गए हैं। इस कदम को अगले स्तर पर ले जाने के लिए पहली बार दक्षिण मध्य रेलवे
के किसी विशेष अनुभाग में आने वाले सभी स्टेशनों को एक खंड पर सोलर पैनल उपलब्ध कराए
गए हैं, ताकि प्राकृतिक ऊर्जा का
दोहन हो सके। इसी कारण दक्षिण-मध्य रेलवे के अंतर्गत गुंटकल
डिवीजन के नांदयाल-येरागुंटला अनुभाग को दक्षिण-मध्य रेलवे का प्रथम सौर अनुभाग घोषित
किया गया है। मंत्रालय के अनुसार दरअसल नांदयाल-येरागुंटला अनुभाग
रेलवे द्वारा बिछाई गई एक नई रेल लाइन है, जिसे वर्ष 2016 में यात्रियों
के आवागमन के लिए खोला गया है, ताकि रेल कनेक्टिविटी
मुहैया कराते हुए अंदरूनी इलाकों को रेलवे के मानचित्र पर लाया जा सके। इस अनुभाग के
सभी 8 स्टेशनों यथा मद्दुरू, बानगानापल्ले, कोइलाकुंटला, संजमला, नौसाम, एस. उप्पलापाडु, जम्मालामाडुगु और प्रोडदुतुर को सोलर पैनल
उपलब्ध करा दिए गए हैं जो इन रेलवे स्टेशनों की समस्त ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति करने
में सक्षम हैं। सौर संयंत्रों पर आपस में संबद्ध कुल भार औसतन 30 केडब्ल्यूपी है। कुल मिलाकर इन सभी स्टेशनों
पर 152 सोलर पैनल लगाए गए हैं।
सौलह ग्रीन रेलवे स्टेशन घोषित
भारतीय रेलवे के अंतर्गत ऐसे 16 रेलवे स्टेशनों को पहले ही ग्रीन रेलवे स्टेशनों
के रूप में घोषित किया जा चुका है,
जो
या तो सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा के जरिए ऊर्जा संबंधी जरूरतों की पूर्ति कर रहे हैं।
इन
स्टेशनों में उत्तर रेलवे में श्रीमाता वैष्णो देवी, शिमला और पश्चिमी रेलवे में उन्हेल, खंडेरी, बाजुद, अंबली रोड, सदनपुरा तथा सचिन के अलावा मध्य रेलवे में रोहा,
पेन, अप्टा, पूर्वी मध्य रेलवे में नियामतपुर हाल्ट, कन्हाईपुर हाल्ट, टेका बीघा हाल्ट, माई हाल्ट, गरसंडा हाल्ट,
नियाजीपुर
हाल्ट, धमरघाट शामिल हैं, जो 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा संचालित स्टेशन हैं।
11Jan-2020
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