गुरुवार, 9 जनवरी 2020

ऊर्जा क्षेत्र में जल्द आत्मनिर्भर होगा भारतीय रेलवे

कैबिनेट ने भारत और ब्रिटेन के बीच हुए समझौते को दी मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे के ढांचागत सुधार करने और ‍ऊर्जा के क्षेत्र में इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड से अक्षय ऊर्जा को जोड़ने के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच हुए एक समझौते को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस करार के तहत भारतीय रेलवे ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा।
रेल मंत्रालय के अनुसार बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भारतीय रेल को ऊर्जा मामले में आत्म निर्भर बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (ब्रिटेन सरकार) के साथ दो दिसंबर को हुए एक समझौते को स्वीकृति दी गई है। इस समझौता ज्ञापन को मिली मंजूरी का खास उद्देश्य रेलवे को पहले से अधिक सतत और समेकित आर्थिक वृद्धि, बेहतर ऊर्जा सुरक्षा और कम कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है। इस समझौते के दौरान भारत और ब्रिटेन दोनों पक्ष भारतीय रेल को ऊर्जा सक्षम और ऊर्जा मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में उठाई जानी वाली गतिविधियों के विस्तार पर सहमत हुए हैं। दोनों में से प्रत्येक साझीदार समय-समय पर अपने देश में मौजूदा कानून, नियम, नियमन एवं राष्ट्रीय नीतियों के तहत भारतीय रेल को ऊर्जा सक्षम और ऊर्जा मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएंगे। दोनों पक्ष भारतीय रेल के लिए ऊर्जा योजना जैसे सौर एवं पवन ऊर्जा क्षेत्र, ऊर्जा सक्षमता अभ्यासों को अपनाने, ईंधन कुशलता हासिल करने, इलेक्ट्रिक वीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, बैटरी से संचालित शंटिंग लोकोमेटिव आदि पर सहमत हैं। दोनों पक्षों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम, औद्योगिक दौरा, फिल्ड दौरा या सहयोग के किसी अन्य रूप जैसी विकास क्षमता बढ़ाने पर लिखिति में मंज़ूरी दी जा सकती है।
रेलवे के अनुसार साझीदार इस समझौता ज्ञापन के तहत उचित तरीके से गतिविधियों के संचलन में सहयोग करेंगे। इस समझौते में ऐसा कुछ भी नहीं होगा जो साझीदारों के बीच सहयोग के मौजूदा और भावी व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सके। वहीं समझौता ज्ञापन में या इसके कुछ हिस्से में बदलाव या संशोधन के लिए लिखित में आग्रह कर सकते हैं। इसमें किया गया कोई भी बदलाव संशोधित समझौता ज्ञापन का हिस्सा होगा। ये बदलाव या संशोधन साझीदारों द्वारा तय की गई तारीख से लागू माने जाएंगे।
गौरतलब हे कि इस करार के तहत रेल मंत्रालय ने ऊर्जा क्षेत्र में विकास के लिए तकनीकि, नीति, अनुसंधान, और व्यावसायिक पहलुओं में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों/बदलावों का प्रबंधन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ढांचागत सुधार को सहारा देना और इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड से अक्षय ऊर्जा को जोड़ना है। इसका खास उद्देश्य पहले से अधिक सतत और समेकित आर्थिक वृद्धि, बेहतर ऊर्जा सुरक्षा और कम कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है। भारतीय रेल के लिए यह समझौता ज्ञापनों और बदलावों का प्रबंधन रेल क्षेत्र में नवीनतम विकास और जानकारी को साझा करने का मंच प्रदान करता है। यह समझौता ज्ञापन और बदलावों का प्रबंधन तकनीकी विशेषज्ञता, रिपोर्ट, तकनीकी दस्तावेजों, प्रशिक्षण का विनिमय और अक्षय ऊर्जा जैसे विशेष प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर सेमीनार और कार्यशालाएं आयोजित करने और जानकारी साझा करने का मंच मुहैया कराता है।  
09Jan-2020

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