रेलटेल
ने मार्गो नेटवर्क को इस सेवा के लिए किया चयन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे रेल यात्रियों को बेहतर
सुविधाएं देने की प्रतिबद्धता के लगातार परियोजनाएं चला रहा है। इसी के तहत रेलवे
ने रेलवे स्टेशनों और रेलगाड़ियोकं में यात्रियों को कान्टेंट ऑन डिमान्ड सेवाएं
मुहैया कराने के लिए रेलटेल के जरिए डिजिटल एंटरटेनमेंट सर्विस प्रोवाइडर के रूप में
एक परियोजना शुरू की है, जिसके लिए रेलटेल इसके लिए जी एंटरटेनमेंट की सहायक कंपनी
मैसर्स मार्गो नेटवर्क का चयन किया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार रेलवे बोर्ड ने रेलवे
के राजस्व बढ़ाने के मकसद से रेलटेल को डिजिटल एंटरटेनमेंट सर्विस प्रोवाइडर (डीईएसपी)
के रूप में यात्रियों के लिए कान्टेंट ऑन डिमान्ड सेवाएं उपलब्ध कराने का कार्य सौंपा
है। भारतीय रेलवे द्वारा कान्टेंट ऑन डिमान्ड सेवाएं सभी प्रीमियम, एक्सप्रेस, मेल
एवं उपनगरीय ट्रेनें में उपलब्ध कराई जाएगी। यह परियोजना दो वर्षों में कार्यान्वित
की जाएगी और कान्टेंट का प्रावधानों में फिल्में, शो, शैक्षिक कार्यक्रम
10 वर्ष की संविदा अवधि के
लिए पेड और अनपेड दोनों फार्मेट्स में उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसमें कार्यान्वयन के पहले
दो वर्ष शामिल हैं। इस परियोजना में रेलटेल रेलगाड़ियों में स्थापित मीडिया सर्वरों
के माध्यम से चलती ट्रेनों में विभिन्न प्री लोडेड बहुभाषी कान्टेंट के तहत सिनेमा, संगीत वीडियो, सामान्य मनोरंजन, जीवन शैली आदि उपलब्ध कराएगा। कान्टेंट ऑन
डिमान्ड प्लेटफार्म पे इ-कॉमर्स/ एम–कॉमर्स एवं बस, ट्रैन, टैक्सी इत्यादि ट्रेवल बुकिंग की सुविधा भी यात्रियों को
मिल सकेगी। वहीं डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में अन्य इनोवेटिव सलूशन भी उपलब्ध कराये
जायेंगे। सीओडी के साथ यात्री चलती ट्रेनों
में अस्थिर मोबाइल नेटवर्क के बावजूद अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान निर्बाध मुफ्त
एवं सदस्यता आधारित मनोरंजन सेवा का लाभ भी ले सकेंगे। यात्री निजी उपकरणों पर उच्च
गुणवत्ता वाले बफर फ्री स्ट्रीमिंग का आनंद ले सकेंगे। कान्टेंट समय-समय पर रिफ्रेश की जाएगी। व्यक्तिगत
उपकरणों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली बफर फ्री स्ट्रीमिंग से यात्रा और अधिक मनोरंजक
हो जाएगी।
2022 तक पूरी होगी
परियोजना
रेलवे बोर्ड द्वारा ट्रेनों में यात्रियों की
सुविधाओं के लिए सौंपी गई परियोजना के बारे में रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने
कहा कि कान्टेंट ऑन डिमान्ड सेवा का यह संपूर्ण कार्य 2022 तक पूरा हो जाएगा। कान्टेंट ऑन डिमान्ड से न केवल समग्र यात्री अनुभव में सुधार होगा, बल्कि विमुद्रीकरण मॉडल के माध्यम से गैर-किराया
राजस्व में वृद्धि होगी। इसमें भारतीय रेलों के सभी 17 जोन को कॅवर किए जाने हैं। इस परियोजना से
होने वाली आमदनी मुख्य रुप से तीन 3 स्ट्रीम जैसे
विज्ञापन आधारित विमुद्रीकरण, सदस्यता आधारित
विमुद्रीकरण, और ई-कॉमर्स, पार्टनरशिप
सर्विसेज विमुद्रीकरण के माध्यम से होगी। चावला ने बताया कि कुल लगभग 8731 ट्रेनें जिनमें 3003 ट्रेनें (प्रीमियम, मेल, एक्सप्रेस-टू और फ्रॉ)
पैन इंडिया और 2864 जोड़ी उपनगरीय
ट्रेनें (कुल 5728 ट्रेनें) को सेवा
रोलआउट के दायरे में रखा गया है और इसमें सभी वाई-फाई से लैस 5563 रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
15Jan-2020
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