विशेष प्रशिक्षण के साथ जल्द तैयार होगी आरपीएफ कमांडो
यूनिट
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
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सरकार में रेलवे सुरक्षा बल का नाम बदलकर भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा करने के
बाद अब रेलवे ने आरपीएफ की कमांडो यूनिट स्थापित करने की योजना को सिरे चढ़ाना
शुरू कर दिया है। मसलन अब आरपीएफ जवानों कमांडो का विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें
आतंकवादियों और नक्सलवादियों की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सक्षम बनाया जा
रहा है।
रेल
मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में वामपंथी उग्रवादियों, आतंकवादियों और अन्य विध्वंसक तत्वों की गतिविधियों के कारण रेलवे प्रणाली
और रेलवे परियोजनाओं के सुधार के लिए बढ़ती चुनौतियों से
निपटने की मेगा योजना बनाई गईग्। इसके मद्देनजर रेलवे सुरक्षा बल के
बेहतर प्रशिक्षण और रेलवे सुरक्षा के प्रति बढ़ते संकट का सामना करने के लिए समुचित
तैयारी करने के निर्णय के तहत पिछले साल 14 अगस्त को केंद्रीय रेल मंत्री
पीयूष गोयल ने सीओआरएएस (कमांडोज फॉर रेलवे सिक्योरिटी) के रूप में एक
अलग कमांडो यूनिट स्थापित करने की घोषणा की। रेल मंत्रालय के इस निर्णय के
तहत रेलवे रेलवे स्टेशनों, रेल यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में आरपीएफ के
चुनिंदा जवानों को कमांडो का प्रशिक्षण देकर उन्हें कमांडो यूनिट का हिस्सा बनाने
की तैयारी शुरू कर दी गई है। मंत्रालय के अनुसार हालांकि भारतीय रेलवे ने रेलवे सुधार
की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वर्ष 2015 में ऐसी योजना का खाका तैयार कर लिया
था। इसी योजना के तहत पिछले साल रेलवे सुरक्षा बल के चुनिंदा जवानों को कमांडो का
प्रशिक्षण देना शुरू किया गया। वहीं खासकर छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे नक्सल
प्रभावित इलाकों में रेलवे की परियोजनाओं को पूरा कराने के मकसद से कोरस
कमांडो (कमांडोज फार रेलवे सेफ्टी) के रूप में बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट व अन्य अत्याधुनिक हथियारों से लैस करके तैनात किया गया
है, जिन्हें सीआरपीएफ द्वारा ट्रेनिंग भी दी जा
रही है।
आरपीएफ एक्ट में संशोधन की तैयारी
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार का
कहना है कि आरपीएफ के करीब पिछले साल अगस्त में ही बल के कुछ सक्षम जवानों की
बटालियन को कमांडों की तर्ज पर ट्रेनिंग दी जा
रही है। इस प्रशिक्षण के तहत ऐसे कमांडो तैयार किये जा रहे हैं जो
रेलगाड़ियों में होने वाली चोरी, डकैती, चेन पुलिंग,
अतिक्रमण, पत्थरबाजी रोकने में सक्षम साबित हो
सके। इन प्रशिक्षित आरपीएफ कमांडो की जल्द ही देश में अति संवेदनशील
पौने दो सौ से अधिक रेलवे स्टेशनों
पर जल्द ही तैनाती करने का प्रस्ताव है, जिसके लिए
आरपीएफ ने आरपीएफ एक्ट में संशोधन के लिए एक प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा है।
आरपीएफ प्रमुख के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल व रेलवे सुरक्षा विशेष बल
के चयनित चुनिंदा जवानों को हरियाणा के जगाधरी में कोरस रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ)
प्रशिक्षण केंद्र के अलावा देश के अन्य विभिन्न प्रशिक्षण सेंटरों में कड़ा
प्रशिक्षण दिया गया है, जिन्हें प्रशिक्षण पूरा होने के बाद रेलवे संपत्ति
की सुरक्षा करना के साथ ही यात्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने
के मकसद से नक्सल प्रभावित इलाकों सहित पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर आदि
आतंकियों से प्रभावित हिस्सों में तैनात किया जाएगा।
आरपीएफ में ऐसे हुआ प्रशासनिक सुधार
मंत्रालय के अनुसार रेलवे ने आरपीएफ के प्रशासनिक सुधार की
दिशा में ऐसे प्रस्ताव पर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी ली, जिसमें नए साल 2020 में
रेलवे ने अपने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को संगठित
ग्रुप ‘ए’ (ओजीएएस) का दर्जा देते
हुए उसका नाम बदलकर ‘भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा’ कर दिया है। ऐसे प्रशानिक सुधारों में रेल सुरक्षा कल्याण
निधि से आरपीएफ के कार्मिकों के लिए उपलब्ध लाभों में 2019 के
दौरान महत्वपूर्ण वृद्धि की गई थी। कर्तव्य के निष्पादन के दौरान मृत्यु होने के मामले
में, अनुदान राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर
15 लाख रुपये किया गया था। विपत्ति सहायता राशि को भी दोगुना
करते हुए खुद के इलाज के लिए धनराशि को 4 लाख रुपये और परिजनों
के इलाज के लिए धनराशि को 2 लाख रुपये किया गया था। मेधाविता
छात्रवृत्तियों की संख्या को 1200 से बढ़ाकर 1500 किया गया था। साथ ही, पॉलीटेक्निक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों
के लिए अधिक छात्रवृत्ति शुरू की गई थी।
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जब कमांडो ट्रेनिंग में जाने जवानों
ने किया इंकार
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 में कांकेर स्थित काउंटर टेरेरिज्म जंगलवार फेयर कॉलेज में आरपीएफ के जवानों की
कंमाडो ट्रेनिंग शुरू करने का निर्णय किया गया था, लेकिन इस ट्रेनिंग के लिए चयनित आरपीएफ का एक भी जवान नहीं पहुंच सका था। सूत्रों के अनुसार इन जवानों ने इस
ट्रेनिंग में जाने से इस लिये इंकार कर दिया था कि उन्हें ट्रेनिंग के
दौरान कमांडो किट व ट्रेवल अलाउंस नहीं मिला है। इसके लिए अखिल
भारतीय रेलवे सुरक्षा बल संघ ने इस बाबत मंडल सुरक्षा आयुक्त
के समक्ष इस मांग को पूरा किये बगैर ट्रेनिंग में न जाने की चेतावनी दी थी।
09Jan-2020
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