शनिवार, 4 जनवरी 2020

सिंहावलोकन: साल 2019 में संसद ने 56 विधेयकों पर लगाई मुहर


मोदी-2 सरकार के पहले सत्र में संसद ने रचा इतिहास        
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारतीय संसद ने बीते वर्ष 2019 के दौरान देश की एकता और अखंडता की दृष्टि से कई ऐतिहासिक कानूनों समेत कुल 56 विधेयकों पर मुहर लगाई है। जबकि मोदी-2 सरकार के पहले संसद सत्र यानि बजट सत्र में तो तीन तलाक और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने संबन्धी कई महत्वपूर्ण विधेयकों समेत 32 विधेयकों को पारित करके पिछले पिछले 17 साल के अंतराल में एक नया रिकार्ड स्थापित किया है।
17वीं लोकसभा के चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल होने के बाद दोबारा गठित मोदी सरकार के पहले संसद सत्र के दौरान वर्ष 2019-20 का आम बजट के अलावा तीन तलाक, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, यूएपीए, एनआईए, आरटीआई कानून में संशोधन संबंधी विधेयक, सड़क सुरक्षा संबन्धी मोटर वाहन विधेयक, बच्चों के संरक्षण संबन्धी पोक्सो संशोधन जैसे विधायी कार्यो समेत कुल 32 विधेयक पारित कराए गए। इस सत्र की खासबात यह भी रही कि संसद में आए सभी 10 अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पारित करके कानून बनाए गये। वहीं राज्यसभा के 249वें सत्र में उच्च सदन में अल्पमत वाली मोदी सरकार ने विपक्षी दलों की एकजुटता को चुनौती देते हुए 32 विधेयकों को पारित कराया। राज्यसभा में इससे पहले वर्ष 2002 में 197वें सत्र के दौरान 35 विधेयकों और वर्ष 1984 में 131वें सत्र के दौरान सर्वाधिक 37 विधेयक पारित हुए थे। इस सत्र में यह भी दिलचस्प पहलू रहा कि विपक्ष की मांग के बावजूद एक भी विधेयक संसदीय समिति को नहीं भेजा गया, जिसका कारण था कि संसदीय समितियों का पुनर्गठन नहीं हो पाया था।
शीतकालीन सत्र
पिछले माह ही संपन्न हुए संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों से 15 विधेयकों को मंजूरी मिली है, जिनमें नागरिकता (संशोधन) विधेयक भी शामिल है, जिसके विरोध में देश को विभिन्न हिस्सों में विपक्षी दलों के समर्थन के साथ हिंसा की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा वर्ष 2019 के अंतिम सत्र में लोकसभा में पेश हुए 18 विधेयकों में से 14 विधेयकों पर मुहर लगी, जबकि इसके मुकाबले राज्यसभा ने 15 विधेयकों का मंजूरी दी है। इस सत्र के दौरान पारित किये गये प्रमुख विधेयकों में विशेष सुरक्षा समूह(एसपीजी) विधेयक, आयुध (संशोधन) विधेयक, ई-सिगरेट प्रतिबंधित संबन्धी विधेयक, विधि काराधान (संशोधन) विधेयक जैसे कई ऐसे विधेयक शामिल रहे, जिन्हें विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद मोदी सरकार पारित कराने में कामयाब रही। हालांकि निजी डाटा संरक्षण विधेयक जैसे विधेयक को संयुक्त प्रवर समिति के हवाले करने के साथ कई विधेयक समीक्षा के लिए संसदीय समिति को भेजा गया है।  इसके अलावा इस सत्र में लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में एससी/एसटी समुदाय के अगले महीने खत्म होने जा रहे आरक्षण को दस साल के लिए बढ़ाने वाला संविधान (126वां संशोधन) विधेयक के अलावा चिटफंड विधेयक, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा प्राधिकरण विधेयक, दिल्ली की अवैध कालोनियों को नियमित करने संबन्धी विधेयक के अलावा राज्यसभा में पिछले सत्र में लंबित रहे ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक और जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट विधेयक पारित किये गये।
------------------------
अंतरिम बजट सत्र 2019
सोलहवीं लोकसभा के अंतिम सत्र के रूप में 31 जनवरी को संसद का अंतरिम बजट सत्र शुरू हुआ जिसमें विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा में केवल 8 फीसदी कामकाज हो सका और हंगामे में होम होती रही राज्यसभा में केवल पांच विधेयक पारित हुए, जबकि लोकसभा भी 89 प्रतिशत कामकाज के बावजूद पांच विधेयकों को ही मंजूरी दे पायी। दोनों सदनों से इनमें ऐसे चार विधेयक रहे जिन्हें दोनों सदनों की मंजूरी मिली। इस सत्र में पारित होने वाले इन चार विधेयकों में विनियोग (एकाउंट फॉर वोट) विधेयक-2019, विनियोग विधेयक-2019, वित्त विधेयक, 2019 और पर्सनल लॉ (संशोधन) विधेयक-2019 शामिल रहे। मसलन लोकसभा में पारित हुए पांच विधेयकों में वित्त विधेयक, 2019, विनियोग (खाते पर वोट) विधेयक-2019, विनियोग विधेयक-2019,अनियमित जमा योजना विधेयक-2018 तथा जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक-2019 शामिल रहे। वहीं राज्यसभा में भी इतने ही विधेयकों वित्त विधेयक, दो विनियोग विधेयक के अलावा संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2019 और वैयक्तिक कानून (संशोधन) विधेयक को पारित कराया गया।
------------------------
शीतकालीन सत्र 2018-19
आठ जनवरी को संपन्न हुए संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत 11 दिसंबर 2018 को हुई थी, जिसमें राफेल, राम मंदिर, आंध्र, कावेरी जैसे विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों से घिरी रही सरकार को हंगामे का सामना करना पड़ा, लेकिन सत्र के अंतिम दिनों जनवरी 2019 में सरकार को संसद में सवर्णो के गरीब लोगों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण देने वाले संविधान संशोधन विधेयक पारित कराकर दशकों से दबी आ रही आवाजा को बुलंद करने का मौका मिला। हालांकि इस सत्र में इस विधेयक समेत मोदी सरकार संसद से केवल पांच विधेयकों पर ही मुहर लगावा सकी। हालांकि लोकसभा ने हंगामे के बीच ही 14 विधेयक पारित कराए।
04Jan-2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें