
विपक्ष पर दबाव के बावजूद भारी पड़ रही है सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के
मानसून सत्र के पिछले दो सप्ताह में विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के
लिए विपक्ष के हंगामे के आसार अभी खत्म नहीं हुए हैं। दोनों सदनों में हंगामा कर
दबाव बनाने के बावजूद सरकार विपक्ष के सामने झुकी नहीं है और पिछले सप्ताह
राज्यसभा में भी चार विधेयक पारित कराने में कामयाब रही। इसके बावजूद कल सोमवार से
होने वाली संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के हंगामे के आसार बने हुए हैं।
संसद के
मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति में विपक्ष की लामबंदी कमजोर नजर आई,
जिसके कारण किसी भी मुद्दे पर सरकार लगातार बनते दबाव के बावजूद झुकने को तैयार
नहीं हुई। यहां तक कि लोकसभा में गौरक्षा के मुद्दे पर हंगामा करते कांग्रेस के छह
सांसदों के निलंबन को भी पिछले पूरे सप्ताह हंगामे के बीच विपक्ष की मांग बेअसर
साबित हुई। अब राज्यसभा में विपक्षी दलों की अगुवाई करने वाली कांग्रेस गुजरात में
कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे को लेकर सत्तापक्ष के प्रति आक्रमक तो है, लेकिन
चुनाव आयोग से गुहार लगाने के बावजूद उसे राहत मिलने की संभावनाएं कम है, जिसके
विरोध में कांग्रेस केवल संसद के दोनों सदनों में सोमवार को फिर हंगामा करके सरकार
पर निशना साधने के अलावा कुछ करने की स्थिति में नजर नहीं आती। जबकि संसद के
मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दल पहले दिन से ही किसानो, बाढ़ की
स्थिति, दलितों, इराक में फंसे भारतीयों और पाक-चीन जैसे मुद्दो पर सरकार को घेरने
के लिए हंगामा करते आ रहे हैं। हालांकि इन मुद्दों पर दोनों सदनों में अल्पकालिक
चर्चाएं कराकर सरकार विपक्ष को वास्तविकता बताते हुए जवाब दे चुकी है। राज्यसभा
में पिछले सप्ताह शुक्रवार की कार्यवाही गुजरात में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे
को लेकर हंगामे की भेंट चढ गई। इस मुद्दे को लेकर तीसरे सप्ताह की सोमवार को संसद
में शुरू होने वाली कार्यवाही के दौरान दोनों सदनों में फिर गरमाहट की सुगबुगहाट
है।
हंगामे के बावजूद हुआ काम
संसद के मानसून
सत्र की पहले दो सप्ताह की कार्यवाही में हालांकि विपक्ष के विभिन्न मुद्दों को
लेकर हंगामा होता रहा, लेकिन राज्यसभा की अपेक्षा इसके बावजूद लोकसभा में कामकाज
भी होता रहा है। लोकसभा में लंबित और नए विधेयकों में सरकार इस दौरान आठ विधेयक
पारित करा चुकी है, जबकि राज्यसभा में पहले सप्ताह एक भी विधेयक आगे नहीं बढ़
पाया, लेकिन पिछले सप्ताह चार महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गये। पिछले सप्ताह
राज्यसभा में सांख्यिकी संग्रहण (संशोधन)विधेयक, राष्ट्रीय प्रोद्यौगिक, विज्ञान
शिक्षा और अनुसंधान संस्था (संशोधन)विधेयक, फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान विधेयक
के अलावा नवाधिकरण (समुद्री दावा निपटान)विधेयक पारित कराने के अलावा वास्तुविद (संशोधन)विधेयक
को वापस भी लिया गया है। हालांकि पहले दिन से राज्यसभा की कार्यसूची में शामिल नये
मोटर वाहन विधेयक को विपक्ष की आपत्ति के
कारण पेश नहीं किया गया है, जिसमें सरकार और विपक्ष की सहमति नहीं बन सकी है। इस
विधेयक को विपक्ष प्रवर समिति में भेजने की मांग कर रहा है।
संसद में आज
संसद में सरकार
की ओर से तीसर सप्ताह की सोमवार को होने वाली कार्यवाही के तहत लोकसभा में तीन
अध्यादेशों को विधेयक में बदलने के अलावा चार विधेयक पेश करने का निर्णय लिया है।
इनमें पंजाब नगर निगम विधि संशोधन अध्यादेश, जम्मू-कश्मीर में जीएसटी संबन्धी दो
अध्यादेश को पेश करके साथ उनके स्थान पर संबन्धित विधेयक पेश करने को कार्यसूची
में शामिल किया है। जबकि इनके अलावा लोकसभा में सरकारी स्थानों से अवैध कब्जे
हटाने संबन्धी सरकारी स्थान (अप्राधिकृत अधिभोगियों की बेदखली) संशोधन विधेयक,
राष्अ्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (संशोधन) विधेयक, बैंककारी विनियमन (संशोधन)विधेयक-2017
और भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान विधेयक पेश किया जाएगा। इसी प्रकार
राज्यसभा में सोमवार की कार्यसूची के अनुसार प्रवर समिति की प्रस्तुत रिपोर्ट के
बाद संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, लोकसभा से पारित हो चुके राष्ट्रीय पिछड़ा
वग्र आयोग (निरसन) विधेयक के अलावा पिछले सप्ताह लोकसभा में पारित किये गये नि: शुल्क
और अनिवार्य शिक्षा अधिकार (संशोधन) विधेयक को पेश किया जाना है।
31July-2017
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