मंगलवार, 1 अगस्त 2017

नमामि गंगे: सात और परियोजनाओं को मंजूरी


425 करोड़ से विकसित होंगे सीवेज और नदी घाट
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी सरकार की नमामि गंगे मिशन के रूप में जारी गंगा स्वच्छता अभियान के तहत सात और परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस मंजूरी में 425 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश और बिहार में सीवेज से जुड़े बुनियादी ढांचे और घाटों के विकास के लिए छह तथा शोध के क्षेत्र के लिए एक परियोजना पर काम किया जाएगा।
केद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति ने सोमवार को यहां हुई अपनी चौथी बैठक में सीवेज से जुड़े बुनियादी ढांचे, घाटों के विकास और शोध के क्षेत्र में 425 करोड़ रुपये की लागत वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी पर सहमति जताई है। इनमें तीन यूपी और तीन बिहार के लिए कुल छह परियोजनाओं पर आने वाली परिचालन और रख-रखाव लागत को केन्द्र सरकार 15 साल तक वहन करेगी। इन परियोजनाओं के लिए 100 फीसदी केंद्रीय सहायता दी जाएगी। इसके अलावाल इन परियोजनाओं के तहत पानी और तलछट दोनों में ही गंगा नदी के गैर-दुर्गंधयुक्त गुणों को समझने के लिए 4.96 करोड़ रुपये की लागत वाले एक शोध अध्ययन को भी मंजूरी के तहत राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग शोध संस्थान (एनईईआरआई) द्वारा किए गए शोध कार्य के एक विस्तार के रूप में होगा, ताकि नदियों के पानी में निहित विशेष गुणों के बारे में पता लगाया जा सके। इस शोध के तहत इन विशेष गुणों के पीछे के वैज्ञानिक कारणों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
यूपी में खर्च होंगे 238.64 करोड़ रुपये
मंजूर की गई परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश और बिहार में सीवेज यानि दूषित जल की निकासी की तीन-तीन परियोजनाएं शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में उन्नाव, शुक्लागंज और रामनगर के लिए जल अवरोधन यानी पानी का बहाव रोकने, बहाव में परिवर्तन और एसटीपी (सीवेज शोधन संयंत्र) से जुड़ी परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा। इन तीनों परियोजनाओं का मकसद प्रतिदिन 29 एमएलडी की सीवेज शोधन क्षमता का सृजन करना है। 238.64 करोड़ रुपये की लागत से उन्नाव में 13 एमएलडी, शुक्लागंज में 6 एमएलडी और रामनगर में 10 एमएलडी सृजित करना  है।
बिहार में 175 करोड़ की परियोजना
मिशन ने बिहार में सुल्तानगंज, नौगछिया और मोकामा में 175 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से 27 एमएलडी की सीवेज शोधन क्षमता, जिसमें सुल्तानगंज में 10 एमएलडी, मोकामा में 8 एमएलडी और नौगछिया में 9 एमएलडी सृजित होगी।
01Aug-2017

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