चीन सीमा के 1654 प्रहरियों
को मिला प्रमोशन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी
सरकार ने भारत-चीन सीमा की हिफाजत करते आ रहे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 1654 अधिकारियों
व जवानों को पिछले छह साल से लंबित चली आ रही पदोन्नति दे दी है। वहीं गृहमंत्री
राजनाथ सिंह ने भारतीय सुरक्षा बलों को देश की सरहदों की सुरक्षा करने में समक्ष
करार देते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद का समाधान जल्द ही निकाल
लिया जाएगा।
सोमवार को
यहां विज्ञान भवन में आयोजित आईटीबीपी के एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री
राजनाथ सिंह ने वर्ष 2011 से लंबित चली आ रही आईटीबीपी में पदोन्नतियां प्रदान की।
देश की सीमाओं की हिफाजत करने वाले सुरक्षा बलों की लंबे समय से पदोन्नतियों के
लंबे इंतजार करने पर अनुशासित आईटीबीपी कर्मियों की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह
ने कहा कि हम जानते हैं कि जवानों और अधिकारियों की पदोन्नति से उनका मनोबल बढ़ता है,
लेकिन न जाने किन कारणों से यह पदोन्नति नहीं हो पायी, लेकिन इसके बावजूद हमारे
जवानों ने इस विलंब को बहुत ही संयम के साथ बर्दाश्त किया है, उसके लिए देश की
सुरक्षा को सर्वोपरि रखने के साथ सीमा के प्रहरियों का यह शिष्टाचार इस बात को
द्योतक है कि हमारे सुरक्षा बल देश सरहदों की हिफाजत करने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय सीएपीएफ के आवास और कल्याण संबंधी मामलों के
अलावा उनके कैरियर की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है और जल्द
ही जवानों के सामने आने वाली समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा। उनके मंत्रालय के पास
जवानों की नियुक्ति के संबंध में नए नियमों का प्रस्ताव आया है जिस पर जल्दी फैसला
लिया जाएगा। गौरतलब है कि आईटीबीपी मुख्य रूप
से 3488 किमी लंबी हिमालयी सीमा की निगरानी में तैनात हैं। यही नहीं आईटीबीपी जम्मू-कश्मीर
तथा अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी भारत की 4057 किलोमीटर लंबी सीमा की निगेहबानी करती
है।
कोई विस्तारवादी मंसूबा नहीं
आईटीबीपी
के इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच चल
रहे डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए चीन पर हमला किया है और चेतावनी भरे लहजे में कहा
कि दुनिया के किसी भी देश में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह भारत पर आंख उठाकर देख
सके। गृहमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि वो अपने देश की सुरक्षा पर आंच नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि भारत का ना तो कभी कोई विस्तारवादी मंसूबा रहा है और ना ही उसने किसी
देश पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि हम टकराव नहीं, बल्कि शांति चाहते हैं।
भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं। उन्होंने कहा कि
इसी मंशा के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में
भाग लेने के लिए सभी पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। पूर्व प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हम मित्र बदल सकते
हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। राजनाथ सिंह ने उम्मीद जताई है कि भारत और चीन के बीच डोकलाम
गतिरोध का समाधान जल्द ही हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दिशा में चीन की ओर
से भी सकारात्मक पहल की जाएगी।
भेदभाव बर्दाश्त नहीं होगा
इस अवसर पर
बोलते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजु ने कहा कि यह समारोह आईटीबीपी कर्मियों
के नैतिक बल को बढ़ावा देने में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय
में बुनियादी तौर पर नीति निर्माताओं और उनका कार्यान्वयन करने वालों के बीच तालमेल
बैठाया गया है और किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होने दिया जाएग। जबकि आईटीबीपी के
महानिदेशक आर के पचनंदा ने कहा कि छह वर्ष से ज्यादा अरसे से लंबित 1654 आईटीबीपी
कर्मियों की बड़े पैमाने पर पदोन्नति गृह मंत्रालय के निरंतर प्रयासों से संभव हो
सकी है। समारोह में गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन और सीएपीएफ के महानिदेशक भी
शामिल हुए।
22Aug-2017
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