सोमवार, 7 अगस्त 2017

चाबहार बंदरगाह देगा पाक को करारा झटका!

तनाव के बीच पाक और चीन की बढ़ने लगी बेचैनी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
ईरान में चल रहे चाबहार बंदरगाह के निर्माण का काम को लेकर पाकिस्तान और चीन की बेचैनी बढ़ने लगी है, क्योंकि भारत के के साथ ईरान और अफगानिस्तान के बीच कारोबारी कॉरिडोर को मजबूत करने वाली इस परियोजना में पाकिस्तान अलग-थलग पड़ चुका है। ईरान में चाबहार बंदरगाह पर परिचालन अगले साल शुरू होने की संभावना है।
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग एवं नौवहन मंत्री नितीन गडकरी ईरान के दौरे पर है, जहां दोनों देश चाबहार बन्दरगाह के विकास के लिए कृत संकल्प है। गडकरी ने उम्मीद जताई है कि जिस तेजी से इस परियोजना का निर्माण चल रहा है उसे देखते हुए अगले साल यानि 2018 में इस बंदरगाह का परिचालन शुरू हो जाएगा। केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार नीतिन गडकरी अपने ईरान दौरे के तहत रविवार को तेहरान में राष्ट्रपति हसन रूहानी द्वारा दूसरी बार कार्यभार संभालने के उपलक्ष्य में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ईरान में दक्षिण पूर्वी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रान्त में स्थित चाबहार बंदरगाह के लिए पिछले साल मई में एक समझौते के तहत भारत चाहबहार बन्दरगाह के पहले चरण के लिए दो बर्थ शुरू करके उसे उपकरणों से लैस करेगा, जिसमें दस साल की लीज पर 85.21 मिलियन (अमरिकी डॉलर) का पूंजी निवेश की जाएगी और उसका वार्षिक राजस्व 22.95 मिलियन होगा। भारत ने इस बन्दरगाह के विकास के लिए छह बिलियन रुपये की धनराशि पहले ही आबंटित कर दी है, जिनमें से उपकरणों के लिए 380 करोड़ रुपये धनराशि की निविदा अंतिम रूप दिया जा चुका है। इस बंदरगाह के अगले साल शुरू होने की उम्मीद से दोनों देशों के सम्बन्धों एवं इस क्षेत्र में व्यापार एवं कारोबार को और ज्यादा मजबूती के साथ बढ़ावा मिलेगा, जिसमें अफगानिस्तान तक व्यापार की दृष्टि से भारत को लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में इस महत्वकांक्षी परियोजना की प्रगति को लेकर भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने एक बैठक करके समीक्षा भी की थी।
इसलिए परेशान है पाक
ईरान में चाबहार बंदरगाह से अलग पड़े पाकिस्तान इसलिए भी चिढ़ा हुआ है कि अभी तक भारतीय सामान की अफगानिस्तान तक पहुंच पाकिस्तान के जरिए हो रही है, जो चाबहार परियोजना के पूरा होते ही ईरानी बंदरगाह के जरिए सीधे अफगानिस्तान तक पहुंचना शुरू हो जाएंगी। इसी परियोजना के जरिए भारतीय सामान सेंट्रल एशिया और पूर्वी यूरोप तक सामान भेज सकेगा। पाकिस्तान को यही खतरा सता रहा है कि व्यापार में भारत-ईरान-अफगानिस्तान का सहयोग, रणनीति और अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ेगा और इसके पाकिस्तान अकेला खड़ा रहेगा। जहाजरानी मंत्रालय की माने तो भारत की इस परियोजना के जरिए पाक को सबक सिखाने के लिए ऐसी भी योजना है कि मध्य एशिया से पाइप लाइन के जरिए तेल और गैस भी भारत तक आए। हालांकि पाकिस्तान के अविश्वास के कारण पाइपलाइन शुल्क और उसकी सुरक्षा को लेकर खतरे की आशंकाओं के मद्देनजर भारत ऐसे में चाबहार के जरिए जहाजो के जरिए र्इंधन पहुंचाने के चाबहार परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण मान रहा है।
ग्वादर के सहारे चीन की राह
भारत के ईरान और अफगानिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते ये दोस्ताना सबन्ध पाकिस्तान को रास नहीं आ रहे हैं। इसलिए खासकर व ईरान में पूरी होने के कगार पर आगे बढ़ रही चाबहार बंदरगाह परियोजना को लेकर खासा बेचैन है। पाकिस्तान की इस बेचैनी का ही कारण है कि भारत, ईरान और अफगानिस्तान के लिए व्यापार की दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह परियोजना से अलग-थलग पड़ने के खतरे को भांप कर भारत की इस परियोजना के जबाव में चीन से बढ़ती नजदीकी के तहत के पाक ने चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट को विस्तार करने की योजना को अंजाम दे दिया। विशेषज्ञों की माने तो चीन भी इसका फायदा उठाकर ग्वादर के सहारे अरब सागर तक अपनी पहुंच बनाने का प्रयास में जुट गया है। दरअसल चीन-पाकिस्तान के आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत बनने वाले सामरिक महत्व के ग्वादर बंदरगाह को अपने व्यापारिक रास्तों की हिफाजत के लिए अपने नियंत्रण में ले चुका है, जहां पाकिस्तान ने ग्वादर बंदरगाह के निर्माण का ठेका पहले ही सिंगापुर की कंपनी से हटाकर चीन की कंपनी को सौंप दिया है।
क्षेत्रीय नेटवर्क पर भी बल
इस परियोजना में भारत और ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) बनाने पर बल दिया, ताकि चाबहार-जाहेदन रेलवे और चाबहार फ्री जोन में निवेश सहित अन्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जा सके। दोनों देश आपस में ऐसी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी से संबंधित नई परियोजनाओं के बारे में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। इसी दिशा में दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबन्धों में चाबहार परियोजना के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में करोड़ों डॉलर के द्विपक्षीय समझौते हो चुके हैं।
07Aug-2017   

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