गडकरी ने
लांच किया हाइवे विलेज व नेस्ट का लोगो
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार की देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे वाहनों के चालकों और यात्रियों
की आधारभूत सुविधाओं को पूरा करने की दिशा में एक हजार हाईवे विलेज की योजना को
पटरी पर उतार दिया गया है। इसके लिए सरकार ने हाइवे विलेज और हाइवे नेस्ट को
विकसित करने के लिए 183 जगहों पर काम शुरू कर दिया है।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
यानि एनएचएआई ने उपलब्ध 183 चिन्हित जगहों
में से 34 स्थानों के लिए बोलियां आमंत्रित की है और बोलियों की प्रक्रियाओं को 27
सितंबर तक पूरा करके छोटी जगहों पर हाईवे नेस्ट और बड़ी जगहों पर हाईवे विलेज
विकसित करने का काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा एनएचएआई इसी माह के अंत तक 30 अन्य साइटों
के लिए बोलियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया का लक्ष्य रखा है। एनएचएआई ने फ्रैंचाइज़
आधार पर निजी सहभागिता के लिए ऐसे किसानों या अन्य लोगों या एजेंसियों को
प्राथमिकता दी है जिनके पास राजमार्गों पर न्यूनतम एक एकड़ से अधिक निजी भूमि है
और वे राजमार्गों पर आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने दिशा में “हाइवे नेस्ट” ब्रांड
नाम के तहत एनएचएआई के साथ जुड़ सकते हैं। एनएचएआई चेयरमैन दीपक कुमार ने कहा कि इस
परियोजना में नीजी भागीदारी के साथ एनएचएआई द्वारा तय मानकों के अनुरूप सुविधाएं विकसित
की जा रही है। इसके अंतर्गत तीन अलग-अलग तरह की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। टाइप-1
के अंतर्गत यात्री और भारी वाहन चालकों के लिए समर्ग सुविधाएं, टाइप-2 में केवल यात्रियों
के अनुरूप सुविधाएं और टाइप-3 के अंतर्गत ट्रक चालकों को ध्यान में रखकर सुविधाएं विकसित
की जाएंगी। निजी संस्थाओं को ब्रांडिंग, लोगो और संकेतकों के साथ-साथ सुविधा, सहायता
और भूमि उपयोग रूपांतरण आदि सुविधाएं निःशुल्क आधार पर मुहैया कराने की प्रक्रिया में
एनएचआई द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। निजी संस्था को इस संबंध में एनएचएआई के साथ
एक समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे।
हाइटेक होंगे हाइवे विलेज
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को एनएचआईए द्वारा शुरू
की जा रही इस परियोजना के लिए हाईवे नेस्ट और हाईवे विलेज का लोगो जारी करते हुए
कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गो और राजमार्गो पर सफर करने वाले वाहनों के चालकों और
यात्रियों की सुविधाओं के लिए पिछले साल ही राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक
में ऐसी परियोजनाओं का खाका तैयार कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद
है कि इस परियोजना से सड़कों पर सफर के दौरान होने वाले हादसों के अलावा अन्य
घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। गडकरी नके कहा कि इन हाइवे विलेज के विकसित होने पर
आसपास के गांवों में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और यहां इन गांवों की उपज के लिए एक
बाजार भी सृजित करने की योजना है। वहीं इन विकसित स्थानों पर तेल कंपनियों और लैंड
पुलिंग सिस्टम में केंद्र सरकार जमीन के मालिकों को लाइसेंस आदि मामलों में सहयोग
करेगी।
क्या होगा हाइवे विलेज का आधार
भारतीय राष्ट्रीय
राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर 50 किमी के अंतराल पर आधारभूत
सुविधाएं विकसित करने की प्रक्रिया में फिलहाल एक हजार हाइवे नेस्ट और हाइवे विलेज
बनाए जाएंगे। इसमें 20 प्रतिशत क्षेत्र में विलेज हॉट और 80 प्रतिशत पार्किंग का
हिस्सा होगा। इन विकसित हाइवे विलेज के आधार में यात्रा के दौरान हाइवे पर आने-जाने
वालों को आराम और तरोताज़ा होने जैसी सुविधाएं प्रदान करेंगी। मसलन इन सभी स्थलों पर
कार, बस एवं ट्रक के लिए पार्किंग, रेस्त्रां, फूड कोर्ट, ढाबा, ईंधन केन्द्र, छोटी-मोटी
मरम्मत के लिए दुकानें, यात्रियों के लिए आरामग्रह, चालकों के लिए आरामग्रह, विविध
वस्तुओं की बिक्री के लिए छोटी दुकानें, एटीएम, इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग
व्यवस्था जैसी सभी प्रकार की आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यही नहीं ऐसे हाईटेक
गांवों यानि विलेज में हैंडीक्राफ्ट शोरूम, फूड कोर्ट, डिस्पेंसरी, चाइल्ड केयर फैसिलिटी,
कार वाशिंग, सर्विसिंग यूनिट, इंटरनेट फेसिलिटी, कॉफी शाम, बुक स्टोर और टूरिस्ट्स
के लिहाज से अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
04Aug-2017
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