मंगलवार, 1 अगस्त 2017

महानदी विवाद पर जल्द बनेगा ट्रिब्यूनल

केंद्र सरकार ने बनाया मसौदा, कैबिनेट नोट भी तैयार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के बीच महानदी के जल बंटवारे को लेकर चले रहे विवाद को निपटाने के लिए सभी प्रयास विफल होने के बाद अब केंद्र सरकार ने ट्रिब्यूनल के गठन की तैयारी कर ली है, जिसके लिए मसौदा बनाया जा चुका है और केंद्रीय कैबिनेट में मंजूरी लेने के लिए कैबिनेट नोट भी तैयार हो चुका है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार महानदी के जल बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद को निपटाने की दिशा में करीब एक साल से कई दोनों राज्यों की बैठकों और विशेषज्ञ समितियों के अध्ययन कराने के अलावा दोनों राज्यों के बीच समझौता कराने वाली एक समाधान समिति भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। इस संबन्ध में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने बताया कि विशेषज्ञों की समाधान समिति की बिना किसी नतीजे के आई रिपोर्ट के बाद मंत्रालय को ट्रिब्यूनल के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना पड़ा है, जिसके लिए ओडिशा आंरभ से ही मांग करती रही है। उन्होंने बताया कि सरकार की इस कवायद का कोई नतीजा सामने आने की स्थिति में मंत्रालय ने इस विवाद के न्प्याय निर्णयन हेतु एक अधिकरण के गठन करने का फैसला लिया, जिसका मंत्रालय ने मसौदा भी बनवा लिया है और केंद्रीय कैबिनेट में इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए कैबिनेट नोट भी मंत्रालय में तैयार है।

सुप्रीम कोर्ट में दो अगस्त को सुनवाई
मंत्रालय के अनुसार इस संबन्ध में ओडिशा राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी एक मामला दायर किया हुआ है, जहां दो अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। इससे पहले ओडिशा सरकार ने महानदी के विवाद के संबन्ध में पिछले साल 19 नवंबर को अंतर राज्य नदी जल विवाद अधिनियम-1956 की धरा 3 के अंतर्गत महानदी जल विवाद के संबन्ध में केंद्र सरकार को एक शिकायत प्रस्तुत की थी। इसके मद्देनजर जल संसाधन, केंद्रीय जल आयेाग, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान जैसे संबन्धित विभागों की गत 19 जनवरी को बातचीत के जरिए विवाद के समाधान के लिए समाधान समिति का गठन किया था, जो दोनों राज्यों के पक्ष रखने के लिए आयोजित दो बैठकों में हिस्सा   लेने के कारण किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
01July-2017

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