हरिभूमि ब्यूरो.
नई
दिल्ली।
राज्यसभा में सत्ता
पक्ष
और
विपक्ष
में
कौन
चर्चा
से
भाग
रहा
है
को
लेकर
पिछले
सप्ताह
की
तरह
गुरुवार
को
एक
बार
फिर
केंद्रीय
मंत्री
अरुण
जेटली
और
सदन
में
कांग्रेस
के
उपनेता
आनंद
शर्मा
के
बीच
तीखी
नोकझोंक
हुई।
राज्यसभा की गुरुवार
का
शुरू
हुई
कार्यवाही
के
दौरान
सदन
की
कार्यवाही
चलाने
के
मुद्दे
पर
एक
बार
फिर
से
केंद्रीय
मंत्री
अरुण
जेटली
और
कांग्रेस
के
नेता
आनंद
शर्मा
के
बीच
तीखी
नोंकझोंक
हुई।
दरअसल
शून्यकाल
के
दौरान
जब
तृणमूल
कांग्रेस
के
सांसद
डेरेक
ओब्रायन
ने
भारतीय
स्टेट
बैंक
समेत
सभी
सरकारी
बैंकों
और
बचत
योजनाओं
में
ब्याज
दर
घटाने
का
मामला
उठाया,
तो
कांग्रेस
के
आनंद
शर्मा
ने
ब्रायन
का
समर्थन
करते
हुए
सरकार
पर
हरेक
मुद्दे
पर
चर्चा
से
भागने
का
आरोप
लगाया।
इस
पर
उपसभापति
पीजे
कुरियन
ने
शून्यकाल
के
लिए
नोटिस
देने
की
बात
कहकर
उन्हें
रोकने
का
प्रयास
किया,
लेकिन
विपक्ष
ने
नोटबंदी,
वस्तु
एवं
सेवा
कर
के
क्रियान्वयन
तथा
मंदी
पड़ती
आर्थिक
गतिविधियों
पर
चर्चा
कराने
के
नोटिस
देने
की
बात
की
तो
आंनद
शर्मा
की
उपसभापति
से
भी
बहस
हुई।
इसी बीच
सदन
के
नेता
अरुण
जेटली
ने
विपक्ष
को
जवाब
देने
के
लहजे
में
खड़े
होकर
कहा
कि
विपक्ष
सदन
में
हंगामा
करके
कार्यवाही
को
लगातार
बाधित
करता
आ
रहा
है
और
खुद
विपक्ष
ही
चर्चा
करना
नहीं
चाहता।
इसी
बात
को
लेकर
काफी
देर
तक
जेटली
और
आनंद
शर्मा
के
बीच
आरोप-प्रत्यारोप
के
साथ
तीखी
झड़पे
हुई।
आखिर राज्यसभा पहुंचे सचिन
सोमवार को सपा
सांसद
नरेश
अग्रवाल
ने
राज्यसभा
के
मनोनीत
सदस्य
क्रिकेटर
सचिन
तेंदुलकर
और
अभिनेत्री
रेखा
गणेशन
ी
सदन
में
गैरहाजिरी
पर
सवाल
खड़े
करते
हुए
उन्हें
सदन
से
निकालने
की
मांग
की
थी।
इस
आलोचना
के
बाद
गुरुवार
को
सुबह
पूर्व
भारतीय
क्रिकेटर
सचिन
तेंदुलकर
राज्यसभा
में
अपनी
सीट
पर
बैठे
नजर
आए।
सचिन
सदन
की
कार्यवाही
को
देखते
रहे
और
प्रश्नकाल
के
दौरान
उन्होंने
कोई
सवाल
या
मुद्दा
उठाने
से
परहेज
ही
रखा।
इस
दौरान
सदन
में
भारतीय
महिला
मुक्केबाज
मैरीकॉम
भी
मौजूद
रही,
जो
इस
मौजूदा
सत्र
में
पहले
भी
सदन
में
आई
हैं।
गौरतलब
है
कि
सचिन
और
रेखा
दोनों
को
अप्रैल
2012 में
राज्यसभा
के
लिए
मनोनीत
किया
गया
था,
जिनका
कार्यकाल
26 अप्रैल
2018 तक
का
है,
लेकिन
अभी
तक
सचिन
सिर्फ
24दिन
और
रेखा
मात्र
18 दिन
ही
सदन
की
कार्यवाही
का
हिस्सा
बने
हैं।
उइके ने ली शपथ
राज्यसभा के लिए
हाल
ही
में
मध्य
प्रदेश
से
निर्वाचित
हुई
भाजपा
नेता
संपतिया
उइके
ने
गुरुवार
को
सदन
की
सदस्यता
की
शपथ
ली।
सुबह
राज्यसभा
की
बैठक
शुरू
होने
पर
संपतिया
उइके
ने
उच्च
सदन
की
सदस्यता
की
हिंदी
में
शपथ
ली।
संपतिया
उइके
के
शपथ
लेने
के
बाद
सभापति
हामिद
अंसारी
ने
भाजपा
सदस्य
को
बधाई
दी
और
सदस्यों
ने
मेजें
थपथपाकर
उनका
स्वागत
किया।
मोदी सरकार ने देश को दिलाया सम्मान
कांग्रेस को विदेश
नीति
पर
दिया
करारा
जवाब
राज्यसभा में सरकार
की
विदेश
नीति
पर
हुई
चर्चा
का
जबाव
देते
हुए
विदेश
मंत्री
सुषमा
स्वराज
ने
कहा
कि
भारत
ने
पड़ोसी
देशों
के
साथ
नए
और
सुदृढ़
संबध
विकसित
करने
की
नीति
अपनाई
है।
उन्होंने
कहा
कि
मोदी
सरकार
की
विदेश
नीति
के
जरिए
भारत
को
दुनिया
में
एक
अलग
पहचान
और
सम्मान
हासिल
हुआ
है।
उच्च सदन में
देर
शाम
को
इस
चर्चा
का
जवाब
देते
हुए
सुषमा
स्वराज
ने
विपक्ष
की
ओर
से
उठाए
गये
सवालों
और
आशंकाओं
को
दूर
करते
हुए
कहा
कि
प्रधानमंत्री
पंडित
जवाहरलाल
नेहरू
ने
विदेश
नीति
से
व्यक्तिगत
सम्मान
कमाया
था,
जबकि
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
विदेश
नीति
से
पूरे
भारत
को
दुनियाभर
में
सम्मान
दिलाने
का
काम
किया
है
और
दुनिया
के
देशों
की
नजरे
भारत
पर
टिकी
हुई
हैं।
उन्होने
खासकर
कांग्रेस
पर
कटाक्ष
करते
हुए
कहा
कि
देश
में
विदेश
नीति
की
चिंता
की
जन्मदाता
रही
कांग्रेस
के
अधूरे
काम
को
मोदी
सरकार
को
पूरा
करना
पड़
रहा
है।
जहां
तक
पडोसी
देशों
के
साथ
संबन्धों
का
सवाल
है
उसमें
भारत
ने
नेपाल
के
भूकंप,
श्रीलंका
की
बाढ़
में
मदद
की
है।
उन्होंने
कहा
कि
वर्ष
2008 में
ग्वादर
में
चीनी
सेना
घुसी,
तब
किसकी
सरकार
थी,
राजीव
गांधी
17 साल
तक
नेपाल
नहीं
गए।
पड़ोसियों
से
तनाव
के
रिश्ते
पर
राज्यसभा
में
विदेश
मंत्री
सुषमा
स्वराज
ने
जवाब
देते
हुए
कहा
राज्यसभा में विदेश
मंत्री
सुषमा
ने
कहा
कि
बुरहान
वानी
के
एनकाउंटर
के
बाद
पाकिस्तान
से
संबंध
बिगड़े,
हमने
पाक
से
संबंध
सुधारने
की
पूरी
कोशिश
की
पर
आतंक
और
बातचीत
एकसाथ
नहीं
हो
सकता।
सुषमा
ने
कहा
कि
पीएम
नरेंद्र
मोदी
2 बार
नेपाल
गए
मालदीव
ने
हमसे
पानी
पर
मदद
मांगी।
भारत
ने
संकट
के
दिनों
में
हर
देश
की
सहायता
की
है।
सुषमा
ने
कहा
कि
पीएम
नरेंद्र
मोदी
दो
बार
नेपाल
गए
मालदीव
ने
हमसे
पानी
पर
मदद
मांगी।
भारत
ने
संकट
के
दिनों
में
हर
देश
की
सहायता
की
है।
उन्होंने
कहा
कि
युग
बदल
गया
है,
अब
आर्थिक
युद्ध
होते
हैं।
विदेश नीति पर सरकार विफल: विपक्ष
उच्च सदन में
दोपहर
बाद
शुरू
की
हुई
सरकार
की
विदेश
नीति
पर
चर्चा
के
दौरान
कांग्रेस
नेता
आनंद
शर्मा
ने
केंद्र
सरकार
तीखा
हमला
बोलते
हुए
पर
हमला
बोलते
हुए
मोदी
सरकार
की
आलोचना
ही
नहीं
की,
बल्कि
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
के
विदेश
दौरों
पर
पर
भी
सवाल
खड़े
किये
।
उन्होंने
मोदी
सरकार
की
विदेशी
नीति
में
भारत
को
पीछे
धकेलने
का
आरोप
लगाते
हुए
सवाल
किये
कि
प्रधानमंत्री
मोदी
के
अब
तक
के
विदेश
दौरों
से
भारत
को
क्या
लाभ
हुआ
है
और
किस
देश
के
साथ
किस
प्रकार
के
समझौते
किये
तथा
उनका
क्या
नतीजा
रहा?
पूरी
स्थिति
को
प्रधानमंत्री
को
संसद
में
बताना
चाहिए,
लेकिन
अभी
तक
पीएम
मोदी
ने
संसद
को
अपने
एक
भी
विदेश
दौरे
की
जानकारी
नहीं
दी
है।
आंनद
शर्मा
ने
पडोसी
देशों
के
संबन्धों
में
आ
रही
खटास
को
भी
केंद्र
सरकार
की
अस्थिर
विदेश
नीति
का
नतीजा
करार
दिया।
कांग्रेस
ने
मोदी
सरकार
पर
विदेशी
दौरों
और
विदशों
में
हो
रहे
घटनाक्रम
पर
देश
को
गुमराह
करने
का
भी
आरोप
लगाया।
इस
चर्चा
में
तपन
कुमार
सेन,
माकपा
के
डी.
राजा,
तृणमूल
के
डेरेक
ओब्राईन
व
सुखेन्दु
शेखर
राय,
कांग्रेस
के
राजीव
शुकला,
सपा
के
प्रो.
रामगोपाल
यादव
और
एडीएमके
तिरूची
शिवा
आदि
ने
भी
हिस्सा
लेते
हुए
सरकार
को
घेरने
का
प्रयास
किया।
04Aug-2017
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