सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड में इस साल
95 आतंकवादी मारे
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सीमापार से
पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में एलओसी से लगातार कराई जा रही आतंकियों की घुसपैठ
के प्रयासों में इस साल बढ़ोतरी हुई है। वहीं कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं
में कमी आई है।
जम्मू-कश्मीर
में सीमापार से घुसपैठ के प्रयासों में इस बढ़ोतरी को केंद्र सरकार ने स्वीकार किया
है। इस बात को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने मंगलवार को लोकसभा
में प्रश्नकाल के दौरान संसद सदस्य निनॉग इरिंग और ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया द्वारा
नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के प्रयासों के सवालों के जवाब में कही है। अहीर ने सदन में
बताया कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर इस साल जून तक आतंकवादियों की घुसपैठ के
42 प्रयास किये गये, जबिक पिछले साल ऐसे 19 प्रयास हुए थे। से पिछले वर्ष के मुकाबले
इस वर्ष आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों में दोगुनी से भी ज्यादा वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि घुसपैठ की ऐसी घटनाओं में आतंकवादियों ने एलओसी पर लगाई गई बाड को
काटकर घुसपैठ की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि घुसपैठ को रोकने के लिए भारतीय सेना
ने एलओसी पर अब प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन के रूप में घुसपैठ रोधी अवरोधक प्रणाली
जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके कारण घुसपैठ के प्रयास विफल हो रहे हैं
और आतंकवादियों की गतिविधियों का भी पता लगाया जा रहा है। बाड़ के आगे नई टुकडिय़ों की तैनाती और अंदरूनी क्षेत्र
में निगरानी उपकरणों के प्रभावकारी इस्तेमाल से आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें
रोकने की क्षमता में वृद्धि हुई है।
पत्थरबाजी की घटनाओं में आई कमी
इसी प्रकार
मेकापति राज मोहन रेड्डी के कश्मीर घाटी में व्याप्त अशांति के सवाल के जवाब में अहीर
ने बताया कि कश्मीर घाटी में इस साल नौ जुलाई तक 664 पत्थरबाजी की घटनाएं हुई हैं,
जबकि वर्ष 2016 में 2808 और वर्ष 2010 में 2794 पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थी। जहां तक घाटी में कानून एवं व्यवस्था का सवाल है
उसमें पत्थरबाजी की इन घटनाओं के दौरान इस साल 21 आम नागिरक मारे गये, जबिक पिछले साल
85 लोगों की मौत हुई थी। जबकि एक सुरक्षाकर्मी भी इस साल मारा गया है, जबिक पिछले साल
दो सुरक्षाकर्मी मारे गये थे।
95 आतंकी मारे गये
कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड में इस साल
95 आतंकवादी मारे गये हैं, जबिक पिछले साल 150 को मारा गया था। वहीं इस साल 38 सुरक्षाकर्मी
शहीद हुए हैं, जिनकी संख्या पिछले साल 82 थी। इस साल आतंकी हमले में 12 आम नागिरक भी
मारे गये हैं, जबकि पिछले साल 15 आम नागिरकों की आतंकी हमले में मौत हुई थी। 19July-2017
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