गुरुवार, 27 जुलाई 2017

रोजगार की इंतजार में साढ़े चार करोड़ बेरोजगार



तमिलनाडु में सबसे ज्यादा पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के देश में रोजगार सृजन के अवसर बढ़ने के देशभर में रोजगार हासिल करने के लिए पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या में कमी होने होने का भी दावा किया है।  
केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में देशभर में पंजीकृत बेरोजगारों के आंकड़े पेश करते केंद्रीय श्रम एवं  रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने राज्य सरकारों से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जहां वर्ष 2014 में देश के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोगारों की संख्या 4.83 करोड़ थी, वहीं वर्ष 2015 में घटकर यह 4.49 करोड़ रह गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इनमें यह भी जरूरी नहीं कि सभी बेरोजगा हों। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन को बढ़ावा देकर देश से बेरोजगारी दूर करना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडया, स्कील इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्वच्छ भारत और स्मार्ट सिटी जैसी परियोजनाओं के जरिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके देने की संभावनाओं को तेज किया है। उनके मंत्रालय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को शुरू किया है, जिसमें वर्ष 2015-16 में 1.04 करोड़ लोगों का कौशल विकास किया जा चुका है। यही नहीं मंत्रालय ने एक हजार करोड़ रुपये की लागत से नई योजना के रूप में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना को शुरू किया है।
छत्तीसगढ़ में 18.03 लाख बेरोजगार पंजीकृत
देश में रोजगार पाने का इंतजार कर रहे 4.49 करोड़ बेरोजगारों में छत्तीसगढ़ राज्य में पंजीकृत 18.03 लाख, मध्य प्रदेश में 17.42 लाख, हरियाणा में 7.82 लाख बेरोजगारों का रोजगार कार्यालयों में पंजीकरण है। सबसे ज्यादा 80.19 लाख बेरोजगार तमिलनाडु में रोजगार पाने का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 78.49 लाख, उत्तर प्रदेश में 38.76 लाख, महाराष्ट्र में 36.82 लाख, पंजाब में 3.54 लाख, चंडीगढ़ में करीब 28 हजार लोगो ने रोजगार के लिए अपना पंजीकरण कराया हुआ है।

टास्कफोर्स का गठन
केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय ने बताया कि मंत्रालय ने रोजगार के संबन्ध में कार्यबल भी गठन किया है, जो मौजूदा डेटा प्रणालियों एवं स्रोतों का निर्धारण करके रोजगार सृजन की सूचनाएं प्रदान करेगा। इसके अलावा यह कार्यबल हर विकल्प के रूप में रोजगार सृजन की अवसंरचना को मजबूत बनाने के लिए योजनाओं, कानून और नियमों में बदलाव जैसी सिफारिश भी सरकार को देगा। 
27Ju;y-2017

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