गुरुवार, 27 जुलाई 2017

राज्यसभा में अरुण जेटली से भिड़े आनंद शर्मा



राष्ट्रपति के भाषण पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश के नये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण के दौरान दिये गये भाषण में दीनदयाल उपाध्याय की महात्मा गांधी से तुलना  करना कांग्रेस पचा नहीं पा रही है और इस मुद्दे पर कांग्रेस ने राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा किया। इसी हंगामे के बीच कांग्रेस की इन आपत्तियों का विरोध में सामने आए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली तथा कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के बीच तीखी झड़पे भी हुई। कांग्रेस के हंगामे के कारण तीन बार स्थगित की गई कार्यवाही में शून्यकाल और प्रश्नकाल बाधित हुआ।
उच्च सदन की बुधवार को शुरू हुई कार्यवाही के दौरान उप सभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और जैसे ही शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया तो कांग्रेस की ओर से एक दिन पहले संसद के केंद्रीय कक्ष में शपथ ग्रहण करने के बाद नये राष्ट्रपति के उस भाषण के मुद्दे का उठाकर शोरशराबा करना शुरू कर दिया और भाषण में पं. दीनदयाल उपाध्याय की तुलना महात्मा गांधी से करने का जमकर विरोध किया। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने इस भाषण में सरकार पर नेहरू व इंदिरा के अपमान होने का भी आरोप लगाया। इसके जवाब में सदन में मौजूद केंद्रीय मंत्री एवं सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा कि कोई सांसद राष्ट्रपति के भाषण पर कैसे सवाल उठा सकता है, इसलिए जेटली ने पीठ से आनंद शर्मा के इस आरोपित बयानों को कार्यवाही से हटाने की मांग की। इस बात को लेकर जेटली और आनंद शर्मा ने तीखी बहस के साथ काफी देर तक नोक झोंक होती रही, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सदस्यों ने आसन के करीब आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को शून्यकाल पूरा होने से करीब 20 मिनट पहले ही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। दोपहर बारह बजे बैठक शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर से जेटली की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाए जाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे, जिसके कारण सभापति अंसारी को दस मिनट के लिए कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। लेकिन दोनों पक्षों के बीच तल्खी खत्म नहीं हुई और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार फिर स्थगित हुई।

जेटली की इस टिप्पणी से बिफरा विपक्ष
इससे पहले सदन में हंगामे के दौरान ही जब केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर ऐसी टिप्पणी की, जिसके कारण कांग्रेस समेत लगभग समूचा विपक्ष बिफरता नजर आया। जेटली ने हंगामा करने पर कहा कि विपक्षी नेताओं की ओर से टीवी चैनलों में लोकप्रियता हासिल करने के प्रयास में व्यवस्था के प्रश्न और नियम 267 के नाम पर कार्यस्थगन का नोटिस देकर शून्यकाल का दुरुपयोग किया जा रहा है। जेटली की इस टिप्प्णी पर आपत्ति जताते हुए विपक्ष ने जेटली की इस टिप्पणी को कार्यवाही से निकालने की मांग को लेकर हंगाम शुरू कर दिया और सत्ता व विपक्ष दोनों ओर से तीखी झड़पे होने लगी। सभापति हामिद अंसारी ने दोनों पक्षों के बीच चर्चा कराकर मामला शांत करने का भी प्रयास किया, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण भोजनावकाश तक सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगन के बावजूद बाधित रही। 
27July-2017

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