मानसून सत्र
में नए कानून के लिए आएगा विधेयक
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में जीएसटी
कानून लागू होने के बाद अब केंद्र सरकार श्रमिकों के हित में एक और महत्वपूर्ण फैसले
की तैयारी कर चुकी है, जिसमें देशभर में जल्द ही एक समान मजदूरी लागू हो सके। इस संबन्ध
में सरकार संसद के मानसून सत्र में न्यूनतम वेतन संबन्धी कानूनों को खत्म करके नए कानून
से संबन्धित एक विधेयक पेश करेगी।
केंद्रीय श्रम
एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने देशभर में श्रमिकों के हित में कई पहल
करते हुए उनके सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मंत्रालय
के अनुसार जिस प्रकार से एक देश-एक कर प्रणाली के तहत जीएसटी लागू किया गया है उसी
तर्ज पर एक देश-एक मजदूरी के लिए नया काननू के लिए विधेयक का मसौदा तैयार किया गया
है। इसका मकसद देश में एक समान मजदूरी लागू करके श्रमिकों को राहत देना है। इसके लिए
पिछले दिनों केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा था कि सरकार
न्यूनतम वेतन कानूनों को उसी तरह से एक कानून के दायरे में लाने पर काम कर रही है,
जिस तरह से कई कानूनों को खत्म करके नये कानूनों को लागू करके श्रमिकों के हित में
देशभर में एक समान मजदूरी से संबन्धित विधेयक का मसौदा तैयार किया गया है। इस संबन्ध
में श्रम मंत्रालय की सचिव एम सत्यवती का कहना है कि उनका मंत्रालय मानसून सत्र में
मजदूरों के हित वाले इस विधेयक को संसद में पारित कराने का प्रयास करेगा। इस विधेयक
के मसौदे को वित्त मंत्रालय से पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है अब यह मसौदा विधि मंत्रालय
के अध्ययन में हैं, जहां से प्रस्तावित कानूनों पर सहमति होते ही इसे केंद्रीय कैबिनेट
में ले जाया जाएगा, जहां से मंजूरी मिलते ही नए कानून के प्रावधान वाले इस विधेयक को
संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।
क्या है नए कानून का मसौदा
मंत्रालय के
अनुसार संसद में पेश करने के लिए प्रस्तावित विधेयक के जरिए देश में श्रमिकों की मजदूरी
से जुड़े कानूनों को समाप्त कर दिया जाएगा और जिनके स्थान पर एक नया कानून लागू होगा,
जिसमें देशभर में एक समान मजदूरी का प्रावधान किया जा रहा है। गौरतलब है कि देश में
अभी तक मिनिमम वेजेस एक्ट 1948, पेमेंट ऑफ वेजेस एक्ट 1936, पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट
1965 और समान पारितोषिक एक्ट 1976 लागू हैं, जिसके कारण देश के राज्यों में अलग अलग
मजदूरी तय करने का प्रावधान लागू है। केंद्र सरकार नए कानून में ऐसा प्रावधान ला रही
है जिससे केंद्र सरकार द्वारा तय मजदूरी सभी राज्यों में एक समान रूप से तय हो सकेगी।
मंत्रालय के अनुसार इस नए कानून के लागू होते ही ये चारों कानून समाप्त हो जाएंगे।
कानून के दायरे में होंगे सभी श्रमिक
केंद्रीय श्रम
एवं रोजगार मंत्रालय के सूत्रों की माने तो नए विधेयक के मसौदे में किये गये प्रावधान
लागू होने से देशभर में सभी श्रमिकों और फैक्ट्रियों के कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी
तय हो जाएगी, जिसमें 18 हजार से अधिक की मासिक वेतन पाने वाले श्रमिकों को भी शामिल
किया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2013 में तत्कालीन श्रम एवं रोजगार मंत्री
मलिकार्जुन खडगे ने भी ऐसा प्रस्ताव किया था, जिसमें देशभर में कामगारों के लिए समान
न्यूनतम मजदूरी कानून लागू हो सके, लेकिन यूपीए सरकार इसे कानूनी अमली जामा नहीं पहना
सकी थी।13JUly-2017
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