गुरुवार, 6 जुलाई 2017

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर छाये मुआवजे के बादल



मुआवजे की हिस्सेदारी पर आमने सामने केंद्र दिल्ली सरकार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की दिल्ली को यातायात जाम से मुक्ति दिलाने की दिशा में ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के जारी निर्माण कार्य के बावजूद जहां एनएचआईए पर अधिगृहित भूमि के मुआवजे को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं, वहीं किसानों के बढ़ाए गये मुआवजे की राशि को लेकर केंद्र दिल्ली सरकार के बीच ठन गई है।
दरअसल दिल्ली के चारो ओर बनाए जा रहे ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है और खासकर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के निमार्ण कार्य को किसानों ने कई बार रोककर आंदोलन किया है, जिसके बाद सरकार को अधिग्रिहत भूमि के मुआवजे की राशि को बढ़ाना पड़ा है। इसी स्थिति में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण को तेजी से शुरू किया गया है। किसानों को खेती की भूमि के बदले मुआवजा राशि को बढ़ाने से दिल्ली सरकार पर भी बोझ पड़ना तय था। अब केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से इस परियोजना के लिए अधिगृहित की गई भूमि के मुआवजे की बढ़ी हुई रकम का हिस्से का भुगतान करने को कहा तो दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को आंखे दिखानी शुरू कर दी है। अभी तक दिल्ली सरकार 653 करोड़ रुपये दे चुकी है और बढ़े मुआवजे के कारण अब दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी में 3900 करोड़ रुपये आते हैं, जिसे केंद्र सरकार मांग रही है। अब दिल्ली सरकार का आरोप है कि मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिए परियोजना में हुए विलंब के लिए खुद केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है और ऐसे में बढ़ी हुई मुआवजे की रकम उससे नहीं ली जा सकती। दिल्ली की मौजूदा सरकार का तर्क है कि भूमि अधिग्रहण निर्माण में उसकी कोई भूमिका नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले करार के तहत मुआवजे की राशि अदा करने के समय दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी।
केंद्र ने मांगी बढ़े हुए मुआवजे की रकम
दरअसल ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे परियोजना की शुरूआत वैसे तो यूपीए शासन काल में वर्ष 2005 में तैयार  हो चुकी थी और उस समय भूमि अधिग्रहण की लागत 844 करोड़ रुपए आंकी गई थी, लेकिन लगातार होते विलंब के कारण भूमि अधिग्रहण की लागत बढ़कर इस साल 7800 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इस परियोजना को दिल्ली के यातायात से निजात दिलाने के लिए बनाया गया तो मुआवजे की आधी रकम की हिस्सेदारी दिल्ली सरकार को देनी थी। अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से बढ़ी हुई लागत की हिस्सेदारी की रकम देने को कहा है।
किसान भी रोक चुके हैं निर्माण
केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना का मुआवजा बढ़ाने से पहले एनएचआईए पर भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में भेदभाव के आरोप लगाते हुए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का दो बार निर्माण का काम रोककर आंदोलन कर चुके हैं। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रण की गई भूमि के मुआवजे की राशि को सरकार ने नए भूमि अधिग्रहण काननू की धारा 24/2 के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान किया है।
02July-2017

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