गुरुवार, 6 जुलाई 2017

उपभोक्ता संरक्षक कानून में बदलाव



एमआरपी से जयादा दाम वसूलने वालों पर कसेगा शिकंजा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद एक देश-एक कर प्रणाली लागू हो जाएगी। वहीं केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में बदलाव किया है, जिसमें सड़क किनारे से लेकर एयरपोर्ट तक एक वस्तु की एमआरपी एक समान रखने की दिशा में विक्रेताओं पर शिकंजा कसना तय माना जा रहा है।
उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्रालय के अनुसार जीएसटी कानून लागू होने से पहले सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में बदलाव करके ऐसा सख्त प्रावधान किया है कि कोई भी दुकानदार उपभोक्ताओं से एमआरपी से ज्यादा पैसा नहीं वसूल पाएगा। हालाकि ये बदलावा एक जनवरी 2018 से लागू होंगे। इसके लिए सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस संशोधित कानून के दायरे में सड़क किनारे से लेकर एयरपोर्ट तक के विक्रेता शामिल रहेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों अपने मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों की जानकारी के दौरान केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने उपभोक्तओं के संरक्षण को प्राथमिकता बताते हुए विक्रेताओं पर शिकंजा कसने के संकेत दिये थे।
उपभोक्तओं का संरक्षण प्राथमिकता
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि खासकर लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज् कमोडिटीज) नियम-2011 को पूर्व पैक की गई वस्तुओं को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया था। इन नियमों के तहत पहले ही पैक की गई वस्तुओं को कुछ आवश्यक लेबल लगाने वाली जरूरतों का अनुपालन करना होता है। नियमों को लागू करने के अनुभव के आधार और हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद विभाग ने नियमों में संशोधन किया है, जिनका उद्देश्य उपभोक्ताओं का संरक्षण बढ़ाना है, लेकिन इसके साथ ही व्यापार करने के काम को सरल बनाने की जरूरत के साथ भी संतुलन बनाना है। गौरतलब है कि सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण कानून को सरल बनाने के मकसद से पिछले साल भी 1986 के उपभोक्ता संरक्षण कानून में कई खामियों को दूर करते हुए कुछ बदलाव किये थे। इस संबन्ध में हालांकि प्रस्तावित विधेयक अभी संसद में लंबित है।
कानून में बदलाव में प्रावधान
मंत्रालय के मुताबिक पानी की एक ही बोतल की कीमत एयरपोर्ट पर अलग, मल्टीप्लेक्स में अलग और बाहर आम दुकान में अलग दामों पर बेची जाती रही है। इस अधिनियम में किये गये बदलावा के बाद अब ऐसा करना गैर कानूनी होगा। संशोधित अधिनियम मे तहत तहत अब कोई भी उत्पादक या पैकर एक ही या एक जैसे सामान पर अलग-अलग एमआरपी नहीं डाल पाएगा। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से उपभोक्तओं के सरंक्षण को बली मिलेगा।
ऐसे कसेगा विक्रेताओं पर शिकंजा
मंत्रालय के अनुसार कानून में बदलाव के बाद एयरपोर्ट, स्कूल, कॉलेज या होटल जैसे जो संस्थान अपने लिए किसी सामान की विशेष पैकेजिंग नहीं करवा सकेंगे और ही वे ऐसे सामानों की खुदरा बिक्री कर पाएंगे। इसके अलावा पैकेट पर बेस्ट बिफॉर और यूज बाई डेट जैसे मैसेज भी बड़े अक्षरों में लिखने होंगे। एमआरपी के साथ लिखना होगा कि यह सभी टैक्स के साथ है। इंपोर्टेड आइटम की मात्रा की गारंटी के लिए बारकोड या क्यूआर कोड डालना जरूरी होगा। ये सारे नियम एक जनवरी 2018 से लागू होंगे।
01July-2017

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