20 फीसदी बढ़
सकता है आयात शुल्क
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में जीएसटी
कानून लागू होने के बाद केंद्र सरकार घरेलू बाजार में चीनी के दामों पर नियंत्रण रखने
की दिशा में चीनी पर आयात शुल्क को 40 से बढ़ाकर 60 फीसदी करने की तैयारी कर रही है।
केंद्रीय उपभोक्ता
एवं सार्वजनिक मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार देश में चीनी के बढ़ते आयात पर अंकुश
लगाने और घरेलू बाजार में कीमतों पर नियंत्रण करने के मकसद से केंद्र सरकार चीनी पर
आयात शुल्क को बढ़ाकर 60 फीसदी करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार यदि चीनी
के दाम घटते हें तो इससे चीनी मिलें किसानों के गन्ना मूल्य बकाया चुकाने में हाथ खड़ा
कर सकती है। देश में फिलहाल विदेश से आने वाली चीनी पर 40 फीसदी आयात शुल्क वसूला जा
रहा है। चालू सीजन वर्ष 2016-17 में उत्पादन घटने के अनुमान को देखते हुए सरकार ने
गत अप्रैल में शून्य आयात शुल्क पर पांच लाख टन कच्ची चीनी विदेश से मंगाने की अनुमति
दी थी।
अंतरार्ष्ट्रीय बाजार दाम गिरे
मंत्रालय के
अनुसार पांच लाख टन चीनी पहले ही आयात की जा चुकी है। इसके अलावा ब्राजील से आयात की
जा रही तीन लाख टन चीनी पर 40 फीसदी आयात शुल्क लगेगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी
का कहना है कि सरकार चीनी के अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर भी नजरे लगाए हुए हैं, जहां चीनी
के दाम गिरते नजर आ रहे हैँ। इसलिए सरकार ने
देश में चीनी के दामों पर नियंत्रण बनाने के मकसद से आयात शुल्क में 20 फीसदी की बढ़ोतरी
करने पर विचार किया है। इसका कारण है कि देश में आयातक 40 फीसदी आयात शुल्क के बावजूद
भी विदेश से चीनी मंगाना चाहते हैं। वहीं सरकार ने चीनी उद्योग से भी अंतर्राष्ट्रीय
और घरेलू कीमतों के बीच अंतर को बनाए रखने को कहा है, ताकि व्यापारियों को विदेश से
आयात करने में खास फायदा नहीं हो सके।
चीनी उत्पादन वृद्धि का अनुमान
मंत्रालय के सूत्रों ने मौजूदा चीनी सीजन में चीनी
उतपादन में वृद्धि का भी अनुमान लगाया है, जिसका कानण मानसून के बेहतर रहना है। मंत्रालय
के अनुसार देश में चीनी उत्पादन विपणन वर्ष 2017-18 में 16 से 20 प्रतिशत बढ़कर
2.35 से 2.45 करोड़ टन हो सकता है। देश में चीनी विपणन वर्ष अक्तूबर से शुरू होता है।
देश में गन्ना उत्पादन की बुआई में बढ़ोतरी को देखते हुए खासकर महाराष्ट्र व उत्तर
प्रदेश चीनी उत्पादन के मामले में अग्रणी रह सकते हैं।
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