राज्यसभा: रम में श्रीराम के
बयान हंगामा
नरेश अग्रवाल
को सदन में मांगनी पड़ी माफी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के दोनों
सदनों में दलित हिंसा और किसानों के अलावा कई मुद्दों को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया।
राज्यसभा में दलितों व अल्पसंख्यकों की हिसां को लेकर हुई अल्पकालिक चर्चा के दौरान
जहां विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया, वहीं सत्तापक्ष की आपत्ति पर सपा सांसद
नरेश अग्रवाल को हिंदू देवी-देवताओं पर दिए गये एक आपत्तिजनक बयान के बाद सदन में माफी
मांगनी पड़ी।
राज्यसभा में
सपा सांसद द्वारा मॉब लिंचिंग के मुद्दे से जोड़ते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश
अग्रवाल द्वारा हिंदू देवी-देवताओं
पर एक आपत्तिजक
बयान हंगामे का कारण बना। दरअसल नरेश अग्रवाल ने भाजपा और वीएचपी को इंगित करते हुए
कविता के रूप में कहा कि व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में श्रीराम, जिन में माता जानकी
और ठर्रे में हनुमान। सियावर राम चंद्र जी की जय। इस बयान को लेकर सत्तापक्ष ने हंगामा
शुरू कर दिया और अग्रवाल से सदन से माफी मांगने को कहा। इसके कारण सदन की कार्यवाही
कुछ देर के लिए बारी से दो स्थगित करनी पड़ी। बाद में शुरू हुई कार्रवाही के बाद राज्यसभा
में सपा नरेश अग्रवाल को अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए सदन में माफी मांगनी पड़ी
और नरेश अग्रवाल के इस बयान को सदन की कार्यवाही से हटाया गया। अग्रवाल ने कहा कि अगर
उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वह
अपना बयान वापस लेते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी भी श्रीराम पर आस्था है। जबकि
सत्तापक्ष की आपत्ति के दौरान इससे पहले रामगोपाल यादव ने कहा था नरेश अग्रवाल अपने
बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगे।
मॉब लिंचिंग पर विपक्ष का सरकार पर निशाना
संसद में गौरक्षा
के नाम पर मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर लगातार विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साधते
हुए दोनों सद नों में हंगामा कर रहे है। इस मुद्दे के तहत दलित अत्याचार और हिंसा पर
बुधवार को राज्यसभा में दोपहर बाद अल्पकालिक चर्चा शुरू कराई गई। चर्चा की शुरूआत करते
हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाते हुए
अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को मध्यकाल में और ब्रिटिश राज की याद दिलाई। इस
चर्चा के दौरान गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि भीड़ द्वारा की जा रही घटनाओं को अंजाम
देने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है। चर्चा में आजाद के बाद सपा के नरेश अग्रवाल
ने इस मुद्दे पर जिस प्रकार सरकार को घेरने का प्रयास किया, लेकिन वहीं पीएम मोदी के
बयान पर खुशी जताने के साथ गोवा के सीएम के आए बयान को वरोधाभासी करार दिया। इसी बीच
अग्रवाल मुहं में राम, बगल में छुरी जैसी कहावत के बाद कुछ ऐसी टिप्पणी कर गये जिसके
कारण सदन में हंगामा खड़ा हो गया।
जवाब कौन देगा
मॉब लिंचिंग
के मुद्दे पर बहस शुरू होने से पहले सदन में छह-सात मिनट इसलिए बेकार हो गये कि विपक्ष
ने इस चर्चा का जवाब केंद्रीय गृहमंत्री से देने की मांग की ,लेकिन संसदीय कार्य मंत्री
मुख्तार अब्बास नकवी ने गृहमंत्री राजनाथ की तबीयत की जानकारी दी। प्रतिपक्ष नेता गुलाम
नबी आजाद ने प्रधानमंत्री की बात कही तो पीठ ने बताया कि पीएम, गृहमंत्री या फिर सदन
के नेता जवाब दे सकते हैं और सदन के नेता अरूण जेटली के जवाब देने की स्वीकृति के बाद
चर्चा की शुरूआत की गई। लेकिन सदन में नरेश अग्रवाल यह टिप्पणी करते नजर आए कि सदन
नेता बातों को घुमाने में ज्यादा माहिर है और जो गाय व भैँस का अंतर नहीं जानता वह
मॉब लिंचिंग पर क्या जवाब देगा।
यहां भी अग्रवाल सुर्खियों में रहे
तमिलनाडु राज्य
के विधायकों के वेतन में 100 प्रतिशत इजाफा होने की खबर के बाद राज्यसभा में एक बार
फिर सपा के नरेश अग्रवाल ने सांसदों के वेतन-भत्ते बढ़ाने की मांग आगे बढ़ाया। दरअसल
राज्यसभा में बुधवार को शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा
कि सांसदों के वेतन-भत्ते बढ़ना जरूरी है, क्योंकि सांसदों का वेतन सचिवों से भी बहुत
कम है। गौरतलब है कि सपा सांसद नरेश अग्रवाल
लगातार संसद के सत्रों के दौरान वेतन बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं।
20श्रनसल92017
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