गुरुवार, 13 जुलाई 2017

पूर्वोत्तर में मजबूत होगा सड़कों के जाल

मणिपुर में 1630.29 करोड़ की परियोजना मंजूर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी सरकार की ‘लुक इस्ट’ नीति को पूरा करने तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार संपर्क प्रोत्साहित करने के मकसद से पूर्वोत्तर राज्यों में सड़क परियोजनाओं को तेजी से कार्यान्वित किया जा रहा है। इसी दिशा में केंद्र सरकार ने मणिपुर में 1630.29 करोड़ रुपये की लागत से एनएच-39 के 65 किलोमीटर लंबे इम्फाल-मोरेह सेक्शन को उन्नत तथा चौड़ीकरण की परियोजना को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मणिपुर में एसएएसईसी सड़क संपर्क निवेश कार्यक्रम दूसरे चरण के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना की मंजूरी से एडीबी की ऋण सहायता से विकसित किये जा रहे दक्षिण एशिया उप-क्षत्रीय आर्थिक सहयोग (एसएसईसी) सड़क संपर्क निवेश कार्यक्रम के मकसद में बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत (बीबीआईएन) में सड़क संरचना को पंख लग सकेंगे। यह परियोजना बीबीआईएन गलियारा के तहत एशियाई उच्च मार्ग संख्या-1 का हिस्सा भी है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार संपर्क प्रोत्साहित करने और बढ़ाने के लिए मोरेह में एकीकृत सीमा चौकी (आईसीपी) को अधिसूचित किया था। एकीकृत सीमा चौकी बनने से बढ़ने वाले यातायात को समर्थन देने के लिए इस परियोजना का विकास करने की दिशा में पहले चरण की परियोजना पहले से ही जारी है।
राज्य में बढ़ेगी परिवहन व्यवस्था
इस परियोजना के तहत मणिपुर के इस हाइवे के कार्यक्रम में 90 प्रतिशत कठिन हिस्से में आवाजाही के लिए सड़क परिवहन आसान बनाया जा सकेगा। मंत्रालय के अनुसार अभी तक राज्य के विकास में अलग-थलग पड़ी तथा दूरदराज की आबादी तक प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सड़क संरचना संपर्क में सुधार को अत्यंत महत्वपूर्ण समझा गया है। यही नहीं इस परियोजना से इम्फाल और राज्य के पूर्वी क्षेत्र के बीच संपर्क बढ़ेगा। इस परियोजना के तहत राज्य में वर्तमान और भविष्य की परिवहन आवश्यकताओं को देखते हुए एनएच-39 को लिलोंग गांव तथा वनगिंज गांव के बीच 4 लेन तक चौड़ा बनाया जाएगा। वहीं वनगिंज गांव से खोंगखांग तक के हिस्से को पक्के आधार के साथ 2 लेन में भविष्य के आधार पर सुधार किया जाना इस प्रस्ताव में शामिल है। सामाजिक-आर्थिक विकास के अतिरिक्त परियोजना से आने-जाने की अवधि में 40 प्रतिशत की कमी आयेगी। इसके अतिरिक्त वाहन अंडरपास, क्रैशबैरियर, सड़क संकेत और मार्किंग, तेज यातायात को अलग-अलग करने के लिए सर्विस रोड़, ट्रक ले-बाय, बस-बे जैसी विशेषताओं से दूर्घटनाओं में कमी लाने में मदद मिलेगी। बेहतर सड़क और आने-जाने की कम अवधि से ईंधन लागत में बचत होगी।

महाराष्ट्र व कर्नाटक लिंक मार्ग
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महाराष्‍ट्र और कर्नाटक में शोलापुर-बीजापुर सेक्सन पर नये राष्‍ट्रीय राजमार्ग-52 के चार लेन विकसित करने की मंजूरी भी दी है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने महाराष्‍ट्र और कर्नाटक में शोलापुर-बीजापुर सेक्सन पर नये राष्‍ट्रीय राजमार्ग-52 (पूर्व में एनएच 13) पर करीब 110 किलोमीटर लंबे 4 लेन वाले इस राजमार्ग के विकास पर करीब 1889 करोड़ रूपये लागत आएगी। इसमें भूमि अधिग्रहण और निर्माण पूर्व क्रिया-कलापों की लागत भी शामिल है। यह सड़क वर्तमान में दो लेन की है और महाराष्ट्र के भीड़-भाड़ वाले शोलापुर, ताकली और नंदनी तथा कर्नाटक में जल्की, होर्ती और बीजापुर से गुजरती है। यह दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ती है। इस सड़क को चार लेन में विकसित करने से यह राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के उत्तर-दक्षिण गलियारे के लिए एक वैकल्पिक मार्ग बन सकेगा। वहीं यह सड़क सघन यातायात वाले बंगलुरु-चित्रदुर्ग-बीजापुर-शोलापुर-औरंगाबाद-धुले-इंदौर-ग्वालियर यातायात गलियारे के हिस्से को भी प्रशस्त करेगी। 
13July-2017

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