गुरुवार, 17 मार्च 2016

आचार समिति के हवाले किया "स्टिंग ऑपरेशन"

सांसदों की मांग पर लोकसभा अध्यक्ष का फैसला
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों के कथित रुप से रिश्वत लेने सबंधित स्टिंग वीडियो का मामला जांच के लिए संसद की आचारसमिति को भेज दिया गया है।
शून्यकाल शुरू होने के पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को इसकी जानकारी देते हुए बताया के स्टिंग वीडियों की
प्रमाणिकता की जांच के लिए इसे आचार समिति को भेजने का फैसला लिया गया। समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। स्टिंग वीडियो का मामला कल सदन में जोर शोर से उठाया गया था। भारतीय जनता पार्टी ,माकर्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। गौरतलब है कि स्टिंग वीडियो में तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों को कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए दिखाए जाने पर संसद के दोंनो सदनों में खासा हंगामा हुआ था। माकपा के मोहम्मद सलीम ने कल यह मसला उठाते हुए कहा था कि यह एक बेहद शर्मनाक घटना है जिसकी पूरी जांच होनी चाहिए। भाजपा के एसएस अहलूवालिया और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी इसकी जांच की मांग की थी। इस पर जवाबी हमला करते हुए तृणमूल के सौगत राय ने लोकसभा अध्यक्ष से यह जानना चाहा था कि किसी नियम के तहत इन सदस्यों को इस मसले पर बोलने की इजाजत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनावों को देखते हुए उनकी पार्टी के खिलाफ यह राजनीतिक साजिश की गई है।
स्टिंग मामले पर भिड़े वाम व तृणमूल सांसद
राज्यसभा में एक-दूसरे दल पर दागे आरोपों के तीर
राज्यसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई (एम) के सदस्यों के बीच जमकर स्टिंग आॅपरेशन को लेकर जबरदस्त झड़प हुई। दोनों पार्टी के नेता एक दूसरे पर चिल्लाते नजर आए जिससे सदन का माहौल बहुत उग्र हो गया। शून्यकाल के दौरान यह मामला तब शुरू हुआ जब सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने इस मामले की जांच की मांग उठाते हुए कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है। येचुरी ने ये भी कहा कि इस मुद्दे पर सरकार और तृणमूल कांग्रेस ने एक दूसरे से हाथ मिला लिया है और अगर सरकार इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है तो सभापति को सदन की मयार्दा बचाने के लिए जांच के आदेश देना चाहिए। येचुरी ने ये भी कहा कि जब वाजपेयी सरकार के समय तहलका टेप का मामला सामने आया था तब उस समय सप्रंग सरकार में उनकी सहयोगी और नेता ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के नेताओं ने भाजपा से बाहर निकलने का फैसला कर लिया था। सीपीआई (एम) महासचिव ने ये भी कहा कि स्टिंग आॅपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए पैसे लेते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सदन के दोनों सदनों में इस वीडियो की सत्यता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस वीडियो को बनाने के लिए विदेशी पैसों का इस्तेमाल किया गया है।
17Mar-2016

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