तीन मिनट में पारित हुआ सिख गुरुद्वारा कानून
नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम दिन बुधवार को सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश किये गये सिख गुरूद्वारा (संशोधन) विधेयक बिना चर्चा के सर्वसम्मति से महज तीन मिनट में ही पारित कर दिया गया। इस विधेयक में गुरूद्वारा प्रबंधन बोर्ड एवं समिति के सदस्यों के निर्वाचन में सहजधारी सिखों को मिले अधिकारों को समाप्त करने का प्रावधान है।
बुधवार को दोपहर बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विधेयक को पारित करने के लिए उच्च सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। केश कटा चुके सिखों को सहजधारी सिख कहते हैं। विधेयक के पारित होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने सदस्यों को धन्यवाद दिया।
क्या है बिल के प्रावधान
नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम दिन बुधवार को सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश किये गये सिख गुरूद्वारा (संशोधन) विधेयक बिना चर्चा के सर्वसम्मति से महज तीन मिनट में ही पारित कर दिया गया। इस विधेयक में गुरूद्वारा प्रबंधन बोर्ड एवं समिति के सदस्यों के निर्वाचन में सहजधारी सिखों को मिले अधिकारों को समाप्त करने का प्रावधान है।
बुधवार को दोपहर बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विधेयक को पारित करने के लिए उच्च सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। केश कटा चुके सिखों को सहजधारी सिख कहते हैं। विधेयक के पारित होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने सदस्यों को धन्यवाद दिया।
क्या है बिल के प्रावधान
सिख गुरूद्वारा (संशोधन) विधेयक के कारण एवं उद्देश्यों अनुसार केन्द्र सरकार ने पंजाब पुनर्गठन कानून-1966 के तहत आठ अक्टूबर 2003 को एक अधिसूचना जारी कर सहजधारी सिखों को इन बोर्डो एवं समिति के सदस्यों के निर्वाचन के लिए मिले अधिकारों को हटा दिया था। बाद में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर 2011 के अपने एक आदेश में केन्द्र सरकार की इस अधिसूचना को निरस्त कर दिया था। मौजूदा विधेयक के तहत सहजधारी सिखों के इस अधिकार को हटाने का प्रावधान है जो आठ अक्तूबर 2003 से प्रभावी होगा।
शत्रु संपत्ति बिल प्रवर समिति के हवालेराज्यसभा ने शत्रु सम्पत्ति संबंधी संशोधन विधेयक को प्रवर समिति के पास भेज दिया, जिसमें 23 सदस्य होंगे। यह समिति वर्तमान बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक रिपोर्ट सौंपेगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में शत्रु सम्पत्ति (संशोधन एवं विनिमान्यकारण) विधेयक 2016 को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव किया। राज्यसभा की प्रवर समिति के सदस्यों में भाजपा के भूपेन्द्र यादव, एम जे अकबर, शमशेर सिंह मन्हास, कांग्रेस के हुसैन दलवई, के रहमान खान, पी एल पुनिया, सपा के जावेद अली खान, जदयू के के सी त्यागी, तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय, अन्नाद्रमुक के एस मुत्थुकरूप्पन, बसपा के सतीश चन्द्र मिर्शा शामिल हैं। इन सदस्यों के अलावा माकपा के रीताव्रत बनर्जी, बीजद के ए यू सिंह देव,तेदेपा के सी एम रमेश, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, द्रमुक के तिरूचि शिवा, शिवसेना के अनिल देसाई, अकाली दल के नरेश गुजराल,निर्दलीय परिमल नथवानी, पीडीपी के मोहम्मद फैयाज, आरएसपी (ए) के रामदास अठावले, भाकपा के डी राजा एवं इनेलो के राम कुमार कश्यप शामिल हैं। इस विधेयक को लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है।
खान एवं खनिज बिल पर लोकसभा की मुहर
लोकसभा ने खान एवं खनिज विकास एवं नियमन संशोधन विधेयक 2016 पारित कर दिया और सरकार ने कहा कि इसका मकसद है कि कारखाने बंद न हो और व्यापार तथा रोजगार के अवसर बढ़ सकेंगे। इस विधेयक के संशोधन को कैबिनेट ने पिछले सप्ताह ही मंजूरी दी थी। इस विधेयक में नीलामी के अलावा दूसरी प्रक्रिया के जरिए आवंटित कैप्टिव खानों के हस्तांतरण का प्रावधान किया गया है।
17Mar-2016
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