सोमवार, 7 मार्च 2016

ट्रांसपोर्टरों को राहत देगी सरकार!

ओवलोडिंग पर पर पांच फीसदी छूट देने का निर्णय
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देशभर में सड़क हादसों का सबब बनती आ रही ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार कमर कसे हुए है, लेकिन कार्मिशियल वाहनों के नियमों में ढ़ील देते हुए ओवलोडिंग पर वसूली जाने वाली दस गुणा जुर्माने में राहत दी है। यानि अब ट्रक में ओवरलोडिंग की तयसीमा में पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी।  
दरअसल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कार्मिशियल वाहनों यानि ओवरलोडिंग ट्रकों पर शिकंजा कसते हुए जनवरी में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें ओवरलोडिंग ट्रकों को टोल प्लाजा पर जाते ही या तो ट्रक के सामान को वहीं उतारना पडेंगा और साथ में टोल टैक्स का दस गुणा जुर्माने के रूप में भुगतान करने का भी प्रावधान किया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार ट्रांसपोर्टरों की मांग पर सरकार ने ओवरलोड ट्रकों पर लग रही 10 गुणा जुर्माने से कुछ राहत देते हुए उन माल वाहक वाहनों से पेनल्टी न लेने की योजना को हरी झंडी दी है, जो माल के वजन की तय सीमा से पांच फीसदी से ज्यादा ओवरलोड हों। इसके लिए अब एनएचएआई ने सर्कुलर जारी किया है। वहीं सड़क मंत्रालय ने सभी राज्यों और यूनियन टेरेटरी के प्रमुख सचिव ट्रांसपोर्ट को पत्र लिख कर इस राहत से अवगत करा दिया है। मंत्रालय के अनुसार ओवरलोडिंग पर यह छूट मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 113 के सब-सेक्शन(3) के अंतर्गत दी गई है। यह वाहन के ग्रॉस व्हीकल वेट पर मान्य होगा। मसलन ट्रांसपोर्टरों की मांग पर मोदी सरकार की नई नीति के तहत व्हीकल के कुल लोड का पांच फीसदी अधिक होने पर उसे ओवरलोड नहीं माना जाएगा। सरकार ने पहले इस राहत को रोड सेफ्टी बिल में देने की योजना बनाई थी, लेकिन यह विधेयक संसद में लंबित है, जिसमें इस नियम को भी शामिल किया जाएगा। हालांकि यूपीए-2 सरकार ने भी ओवरलोडिंग रोकने के लिए टोल प्लाजाओं पर ट्रकों के लोड़ की जांच करने और जुर्माना वसूल करने के निर्देश दिये थे, लेकिन उसका ज्यादा असर नहीं हो सका।
क्या हैं दिशा निर्देश
केंद्र सरकार द्वारा राजमार्गो पर दुर्घटनाओं को रोकने, प्रदूषण को कम करने और राजमार्गो की डैमेज को रोकने की दिशा में पिछले साल दिसंबर में ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसने के लिए जारी किये निर्देशों के तहत एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके लिए एनएचएआई ने सभी टोल प्लाजाओं को इन दिशा निर्देशों को लागू करने के लिए इस सख्त किया था। इस फैेसेले के मुताबिक ओवरलोडिंग ट्रकों से दस गुना अधिक टोल वसूला करने और ट्रक में क्षमता से अतिरिक्त सामान को वहीं उतरवाने का नियम भी लागू किया है। एनएचएआई के इन नए निर्देश के अंतर्गत जुमार्ने के साथ हर हाल में ट्रकों से ओवरलोड सामान उतारना भी जरूरी कर दिया गया था। ट्रांसपोर्टरों के लिए आफत बने इन निर्देशों के मुताबिक टोल प्लाजा पर ओवरलोड की पहचान होते ही ट्रकों को वहां से हटाकर दूसरी जगह पार्क करके जब्त करने को प्रावधान हुआ। यही नहीं ट्रांसपोर्टरों को एनएचएआई द्वारा निर्धारित पार्किंग और टोविंग फीस के अलावा लोडिंग, अनलोडिंग की फीस देने का नियम भी सख्ती से लागू किया गया। जबकि उतारे गये सामान की जिम्मेदारी स्व्यं ट्रांसपोर्टरों की होगी। यही नहीं यदि गाड़ी को सात दिन तक क्लेम नहीं किया जाता है तो उसे संबंधित पुलिस थाने में भेज दिया जाएगा।
क्या थी ट्रांसपोर्टरों की मांग
ट्रांसपोर्ट संस्थाओं ने केंद्र सरकार और एनएचएआई से मांग कि थी कि उनके सदस्यों को टोल कमेटी में शामिल किया जाए, ताकि वे भी विभिन्न मुद्दों पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दे सकें। उन्होंने तर्क दिया था कि ट्रक में सिर्फ उसमें भरे सामान का ही भार नहीं होता, बल्कि उसमें मौजूद डीजल, स्टेपनी, जैक आदि का भी भार कुल वजन में शामिल होता है। इसलिए टोल प्लाजा पर तोलते समय ट्रकों को 5 प्रतिशत वजन की छूट देने का मुद्दा उठाया गया। हालांकि जारी निर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने ओवरलोडिंग का पता लगाने हेतु टोल प्लाजाओं पर वेट कंट्रोलिंग मशीनें भी लगवाई। ट्रांसपोर्टरों के तर्को को ध्यान में रखते हुए आखिर सरकार ने इस नियम में ट्रक आॅपरेटरों ने 5 प्रतिशत वजन की छूट देने का फैसला किया।
ट्रांसपोर्टरों पर रहेंगी बंदिशें
मोदी सरकार का स्पष्ट मकसद है कि राष्ट्रीय राजमागरें पर सड़क हादसों का कारण बनते आ रहे ओवरलोडिंग वाहनों को नियंत्रित किया जाए। यही कारण हैकि सरकार हादसों में हो रही मौतों की संख्या ज्यादा से ज्यादा कम करने की प्राथमिकता के साथ सख्त कदम उठा रही है
07Mar-2016


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें