सोमवार, 21 मार्च 2016

पहली बार ईवीएम में होगा ‘टोटलराइज’ बटन


पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पर सतर्क चुनाव आयोग
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
अगले महीने से देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में नई व्यवस्था के जरिए निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने की तैयारी में जुटे केंद्रीय चुनाव आयोग पूरी तरह से सतर्क है। पहली बार मतगणना के लिए ईवीएम में ‘टोटलराइज’ बटन का इस्तेमाल करके मतगणना में गड़बड़ी के उठते आ रहे सवालों की गुंजाईश को खत्म करने की पहल की जा रही है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने चुनाव सुधार की दिशा में बिहार के बाद अप्रैल-मई में होने वाले पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनाव नई व्यवस्था के तहत कराने का फैसला किया है। दरअसल मतगणना के दौरान परिणाम आने के बाद कई बार गड़बड़ी होने की आशंका को लेकर पुनर्मतगणना की मांग होती देखी गई है। चुनाव आयोग ने ऐसी आशंका को दूर करने के लिए ईवीएम में ‘टोटलराइज’ बजट लगाने का फैसला किया है। इस फैसले को अंजाम देने से पहले चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श करके उनके सामने इलेक्ट्रिन वोटिंग मशीन में मतों की गणना के लिए 'टोटलाइजर' बटन का इस्तेमाल भी करके दिखाया। इस बैठक के दौरान आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से चुनाव मैदान में खड़े हो रहे उनके प्रत्याशियों के आय के स्रोत को सार्वजनिक करने तथा जमानत राशि को बढाने जैसे मुद्दे पर विचार विमर्श करके चुनाव सुधार की दिशा में सहयोग की भी अपेक्षा की। गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनावों के दौरान लगे आरोपों प्रत्यारोपों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधियों से चुनावी रैलियों में भाषण बाजी के दौरान मानकों को बनाने पर भी बल दिया। चुनाव आयोग ने पार्टी के प्रतिनिधियों के सामने आए विभिन्न महत्वपूर्ण सुझावों को भी अमल में लाने पर विचार विमर्श करने का भरोसा दिया।
क्या होगा फायदा
चुनाव आयोग की ईवीएम में टोटेलाइजर के उपयोग का लाभ यह होगा, कि किन्हीं विशेष मतदान केंद्रों में मतदान के रूख का खुलासा नहीं होगा, क्योंकि टोटेलाइजर के माध्यम से प्रदर्शित किए गए परिणाम मतदान केंद्रों के समूह में दिए गए मतों का ही परिणाम होंगे। चुनाव आयोग के साथ बैठक के दौरान सभी 6 राष्ट्रीय दलों और 29 राज्य दलों ने ‘टोटेलाइजर’ बटन के कामकाज का प्रदर्शन पर संतोष जताया।
ये भी दिशा-निर्देश
देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की दिशा में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से जारी दिशानिर्देशों का अनुपालन कराने का भी अनुरोध किया।
-किसी बहुचरण वाले चुनाव में एक चरण का मतदान से 48 घंटे पहले जब खुले अभियान और इलैक्ट्रोनिक मीडिया पर चुनाव
सामग्री का प्रदर्शन पर प्रतिबंध।
- चुनाव प्रचार करने पर आरपी अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत प्रतिबंध हो तो मतदान अभियान गतिविधियों के प्रसारण पर प्रतिबंध रहेगा।
-उम्मीदवार की आय के श्रोत की घोषणा के कालम को शामिल करने के लिए शपथ पत्र के प्रारूप में संशोधन।
-मतदान के दिन चुनाव मशीनरी द्वारा वितरित मतदाता पर्चियों के वितरण के दौरान मतदान केंद्रों के पास उम्मीदवार या दलों की
उपस्थिति की वर्तमान पद्धति लागू। 
-चुनाव अभियान संबंधित भाषणों और प्रवचनों में कुछ मानकों को बनाने की अनिवार्यता।
-उम्मीदवारों की सुरक्षा जमा राशि में बढ़ोतरी करना।
21Mar-2016


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