शुक्रवार, 18 मार्च 2016

संसद में अरसे बाद दिखा सरकार व विपक्ष का तालमेल

विपक्ष के मुद्दों पर भारी पड़ी मोदी सरकार!
राज्यसभा में भी पास कराए कई महत्वपूर्ण विधेयक
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण में मोदी सरकार भले ही जीएसटी पर आगे न बढ़ पायी हो, लेकिन रियल एस्टेट और आधार विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर संसद की मुहर लगवाने में सफल रही है। हालांकि सरकार की विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण में संसद को सुचारू रूप से चलाने की दलील ने भी सरकार को संसद में काम करने की राह को आसान बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
उपलब्धियों में रहा आधार और रियल एस्टेट को कानूनी दर्जा
संसद के बजट सत्र के पहले चरण संपन्न होने से पहले मोदी सरकार ने अंतिम क्षणों में राज्यसभा में आम बजट को पारित कराया और लोकसभा में आधार विधेयक पर चर्चा कराने की औपचारिकता पूरी कराकर उसे कानूनी आधार देने की उपलब्धि हासिल की। इसके अलावा संसद में सरकार के लिए रियल एस्टेट विधेयक भी प्राथमिकता में था, जिसे विपक्ष ने समर्थन देकर सरकार की राह आसान बनाई। दरअसल राजग सरकार के लिए राज्यसभा में विधायी कार्यो और सरकारी कामकाज को निपटाने की ज्यादा चुनौती थी,जिसमें शुरूआती दौर में तो देशद्रोह और अन्य मुद्दों पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने नजर आया, लेकिन विरोध के बावजूद भी विपक्ष ने विधेयकों को पारित कराने के लिए सरकार के साथ सहयोग की नीति अपनाई। इसी कारण ज्यादा गतिरोध और विवाद में फंसे जीएसटी विधेयक को सरकार ने इस दौरान संसद में पेश करने का कोई प्रयास नहीं किया। माना जा रहा है कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल में पहली बार संसद में कामकाज निपटाने में कुछ हद तक कसौटी पर खरी उतरी है, भले ही उसकी पृष्ठभूमि में कोई भी कारण हों। ज्यादा से ज्यादा काम निपटाने के लिए संसद के दोनों सत्रों में अंतिम दिन देर रात्रि तक बैठक चलाकर पक्ष-विपक्ष ने जनता को सकारात्मक संदेश भी दिया है।
कितने कदम चली सरकार
सरकार के सामने बजट सत्र के पहले चरण में ज्यादा से ज्यादा कामकाज का बोझ था। इसमें सरकार के सामने दोनों सदनों में लंबित पड़े विधेयकों के अलावा कुछ महत्वपूर्ण नये बिल पेश करने और प्राथमिकता वाले विधेयकों को संसद की मुहर लगवाने की चुनौती थी। इसमें खासकर राज्यसभा में बिलों को अंजाम तक पहुंचाने की सरकार के सामने चुनौती थी, जिसमें सरकार ने जहां आधार विधेयक को मनी बिल का रूप देकर उसे कानूनी दर्जा दिया, तो वहीं कांग्रेस के समर्थन से रियल एस्टेट विधेयक की चुनौती से भी पार पा लिया। इसके अलावा राज्यसभा में आम बजट, रेल बजट और इनसे संबन्धित विनियोग विधेयकों के अलावा सरकार ने निर्वाचन कानून (संशोधन) विधेयक, हाईकोट और सुप्रीम कोर्ट जज (वेतन तथा सेवा शर्तें) संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक, भारतीय मानक ब्यूरो विधेयक, विमान से ढुलाई (संशोधन) विधेयक, सिख गुरुद्वारा अधिनियम संशोधन विधेयक भी पारित कराये। जबकि लोकसभा में अंतिम दिन खान और खनिज (विकास एवं विनियमन)-1957 अधिनियम पारित कराने से पहले संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, उद्योग (विकास तथा नियमन) संशोधन विधेयक, वित्त विधेयक और राज्यसभा में पारित हुए विधेयक पारित कराए। जबकि लोकसभा में पारित शत्रुसंपत्ति विधेयक को राज्यसभा में आम सहमति से प्रवर समिति को सौंपा गया है।
सिरे नहीं चढ़ा ये काम
संसद में सरकार जैव-प्रौद्योगिकी के लिए क्षेत्रीय केन्द्र विधेयक-2016,चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, लोकसभा में लंबित विधेयकों में लोकपाल तथा लोकायुक्त और अन्य संबद्ध कानून (संशोधन) विधेयक, राज्यसभा में लंबित संविधान (122वां संशोधन) विधेयक, उद्योग (विकास तथा नियमन) संशोधन विधेयक, व्हीसिल ब्लोअर सुरक्षा (संशोधन) विधेयक, तथा अपहरण विरोधी विधेयक समेत कई विधायी कार्यो को सूचीबद्ध करने के बावजूद आगे नहीं बढ़ा सकी है, जिन्हें 25 अप्रैेल से शुरू होने वाले बजट सत्र के दूसरे चरण में लाया जाएगा।
कांग्रेस ने थपथपाई खुद की पीठ
कांग्रेस पार्टी ने संसद के बजट सत्र के पहले सत्रावसान के तुरंत बाद संसदीय सत्र को अपेक्षाकृत ठीक ढंग चलाने और विधेयकों को पारित कराने में केंद्र सरकार के सहयोग का दावा कर गुरुवार को अपनी पीठ खुद थपथपाने में गुरेज नहीं किया। अलबत्ता, पार्टी के आला नेताओं के समूह ने यह बताने से गुरेज किया कि बजट सत्र के दूसरी पारी में क्या जीएसटी विधेयक भी पारित कराने में वे केंद्र सरकार का साथ देंगे? राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद ने इस सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि जब जीएसटी पर चर्चा सरकार की ओर से आएगी तब हम अपना रुख साफ करेंगे। आजाद के साथ एम वीरप्पा मोइली ने कांग्रेस की ओर से मोर्चा संभालेते हुए पत्रकारों से बातचीत में साफ-साफ कहा कि जीएसटी विधेयक को पारित कराने को लेकर सरकार की ओर से विपक्ष से किसी तरह कोई बातचीत शुरू नहीं की गई है, जबकि ठीक एक दिन पहले संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने दावा किया था कि बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष के सहयोग से जीएसटी विधेयक पारित करा लिया जाएगा। 
18Mar-2016 

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