छत्तीसगढ़, हरियाणा व मध्य प्रदेश समेत 208 फाटक चिन्हित
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
के परिवहन व्यवस्था को सुगम एवं सुरक्षित बनाने की दिशा में मोदी सरकार ने
सड़कों का जाल बिछाने की परियोजनाओं में एक और कदम आगे बढ़ाने का फैसला किया
है। मसलन देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गो को पूरी तरह सिग्नल फ्री करने के
प्रयास में सरकार ने 19 राज्यों में ऐसे 208 रेलवे क्रासिंग को ओवर ब्रिज
या अंडर पास में बदलने के लिए 10,200 करोड़ रुपये की सेतुभारतम परियोजना
तैयार की है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के
अनुसार सेतुभारतम परियोजना के जरिए सरकार राष्ट्रीय राजमार्गो को पूरी तरह
सिग्नल फ्री करना चाहती है, ताकि सड़को का सफर सुरक्षित और आसान किया जा
सके। सरकार ने इस परियोजना के जरिए वर्ष वर्ष 2019 तक देशभर में सभी
राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त करने हेतु सेतुभारतम
परियोजना शुरू करने का फैसला किया है,जिसके लिए 10,200 हजार करोड़ रुपये के
खर्च का अनुमान लागया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि
इस परियोजना के तहत सरकार ने 19 राज्यों में 208 ऐसे स्थानों की पहचान की
है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग की रμतार में बाधक हैं। सेतुभारतम परियोजना के
तहत इन रेलवे क्रासिंग पर रेल ओवर ब्रिज या अंडरपास निर्माण किया जाएगा। के
लिए पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर 10,200 करोड़ रुपये
खर्च होने की उम्मीद है। इनमें से 65 स्थानों के लिए सरकार ने टैंडर नोटिस
भी जारी कर दिये हैं।
किस राज्य में कितने रेलवे क्रासिंग
सेतुभारतम
परियोजना के तहत जिन 19 राज्यों के राष्ट्रीय राजमार्गो पर रेलवे क्रासिंग
की पहचान की गई है, उसमें छत्तीसगढ़ में तीन हाइवों पर पांच, मध्य प्रदेश
में चार हाइवें पर छह व हरियाणा में दस राष्ट्रीय राजमार्गो पर दस रेलवे
क्रासिंग पर रेल ओवर ब्रिज या अंडर पास का निर्माण किया जाएगा। इनके अलावा
सबसे ज्यादा 33 रेलवे क्रासिंग आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल में 22, बिहार
में 20, कर्नाटक में 17, महाराष्ट्र व असम में 12-12, झारखंड में 11, पंजाब
में दस, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु में 9-9, गुजरात में आठ,
हिमाचल प्रदेश में पांच, ओडिसा व करेल में 4-4 तथा उत्तराखंड में दो रेलवे
क्रासिंग शमिल हैं। मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना को हाल ही में सड़क
क्षेत्र में किये गये बजटीय प्रावधानों से भी बढ़ावा देने का फैसला किया गया
है।
चुनाव की पटरी पर योजना
केंद्रीय सड़क
परिवहन ने पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव की पटरी पर भी योजना का खाका
तैयार किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर 5500 करोड़ रुपये की
लागत से चार लेन वाला ब्रिज बनाने की परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया
है। इस प्रस्ताव के अलावा पश्चिम बंगाल के लिए 22 अन्य ब्रिज बनाने की
योजना को अंतिम रूप दिया गया है। ये सभी ब्रिज अंतर्राष्ट्रीय मानक कोड़ पर
बनेंगे और इसमें प्रीकास्ट तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री
नितिन गडकरी का दावा है कि इस तकनीक से जहां निर्माण की गुणवत्ता बढ़ेगी,
वहीं 25 से 30 प्रतिशत तक लागत को भी कम किया जा सकेगा।
वाटर पोर्ट बनाने की योजना
मंत्रालय
के सूत्रों के अनुसार देश में 111 नदियों को जलमार्ग में तब्दील करने की
योजना में जल परिवहन के लिए देशभर में दो हजार वाटर पोर्ट बनाने की योजना
भी है, ताकि जल परिवहन के लिए लोगों को सुविधा मिल सके। प्रमुख पोर्टो के
अलावा सरकार इन वाटर पोर्टो तक आम आदमी की पहुंच के लिए सड़क परिवहन को भी
प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके लिए सड़क मार्गो का निर्माण भी होगा।
मोदी शुरू करेंगे सेतुभारतम परियोजना
मंत्रालय
ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गो के दायरे में आ रहे रेलवे क्रासिंग पर
रेल ओवर ब्रिज और अंडरपास निर्माण के लिए एक रोडमैप की तैयार किया गया है।
इसके लिए सड़क क्षेत्र की नई योजना के रूप में सेतुभारतम परियोजना का
शुभारंभ चार मार्च को सुबह साढ़े नौ बजे यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक
समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
03Mar-2016
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