शुक्रवार, 4 मार्च 2016

नया आधार विधेयक संसद में हुआ पेश

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दी थी मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली
सरकार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद बृहस्पतिवार को संसद में नया आधार कार्ड विधेयक पेश कर दिया है। यह नया आधार विधेयक वर्ष 2016 के वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं के वितरण पर लक्षित है। यह बिल लोगों को विशिष्ट पहचान संख्या दिलाने के लिए एक कानूनी आधार माना जाएगा।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आधार लक्षित वित्तीय और अन्य सब्सिडी लाभ तथा सेवा प्रदान करने संबंधी विधेयक-2016 को लोकसभा में पेश कर दिया, जबकि राज्यसभा में लंबित एक विधेयक को वापस ले लिया गया, जिसके स्थान पर लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में पेश किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक दिन पहले ही बुधवार को अपनी बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्री जेटली ने बुधवार को भी सदन में कहा था कि आधार कार्ड विधेयक, जो एक महत्वपूर्ण कानून है जिससे सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि देश में अब तक 98 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं और प्रतिदिन 26 लाख बॉयोमीट्रिक और 105 लाख ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) प्रक्रिया जारी हैं। आधार संख्या को 11.19 करोड़ सब्सिडी खातों से जोड़ा गया है, जबकि इसके लाभार्थियों की संख्या कुल 16.5 करोड़ है। उम्मीद है कि इससे न सिर्फ लीकेज रोकने में कामयाबी मिलेगी, बल्कि इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। जबकि स्पष्ट है कि आधार संख्या या प्रमाणीकरण से नागरिकता या अधिवास के किसी अधिकार की पुष्टि नहीं होती। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि यह आधार विधेयक चल रहे बजट सत्र में पारित हो जाएगा। इस विधेयक से विशिष्ट पहचान संख्या को कानूनी आधार मिलेगा। जेटली ने स्पष्ट किया कि आधार संख्या या सत्यापन किसी व्यक्ति की नागरिकता या निवास की पुष्टि नहीं करेगा। भारतीय राष्ट्रीय पहचान प्राधिकरण विधेयक 2010 पहले से ही राज्यसभा में विचाराधीन है।
आधार को मिलेगा संवैधानिक दर्जा
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने आम बजट भाषण में भी आधार कार्ड को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए आधार बिल लाने की बात कही थी। आधार बिल से सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा सीधे जरूरतमंदों के खाते में पहुंच सकेगा। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आधार पर कानून पारित करने से लेकर हम कई महत्वपूर्ण सुधार करेंगे। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आधार को संवैधानिक सर्मथन के साथ सरकार के सभी किस्म के लाभ उन लोगों तक पहुंचाया जाए जो इसके हकदार हैं। 
04Mar-2016

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