नहर की निर्माण बाधाएं जल्द दूर करेगी सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मध्य
प्रदेश की महत्वकांक्षी बरगी बांध परियोजना के अटके कामकाज के लिए आखिर
केंद्र सरकार ने हरी झंडी देते हुए चार हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी
है। यूपीए शासनकाल से हो रही उपेक्षा को अपेक्षा में बदलने के लिए स्वयं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के कई जिलों में पीने और सिंचाई के
पानी की समस्या को दूर करने पर जोर दिया है।
क्यों महत्वपूर्ण है परियोजना
मध्य
प्रदेश के बरगी बांध के दायीं तट नहर बनाने का मुद्दे पर मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान से भी पैरवी करते हुए केन्द्रीय जलसंसाधन विकास मंत्रालय
में फायदे गिनाते हुए दबाव बनाया, क्योंकि इस परियोजना के तहत बरगी बांध
की दायीं तट नहर बनने से किसान और ग्रामीण लोगों को जल स्रोत के रूप में
फायदा होना तय है। मसलन इस नहर के बनने राज्य में महाकौशल, विंध्य क्षेत्र
में उत्पन्न होने वाली सूखे की स्थिति से किसानों को राहत मिलेगी यानि
जबलपुर से लगे कटनी, विजराघवगढ़, कैमोर, रीवा, सतना जिले की लाखो एकड़ जमीन
को सिंचाई के लिए पानी मुहैया हो सकेगा और वहीं कम से कम एक करोड़ लोगों को
शुद्ध पीने का पर्याप्त पानी भी मिलता रहेगा।
ठंडे बस्ते से बाहर निकली परियोजना
गौरतलब
है कि मध्य प्रदेश सरकार ने बरगी बांध परियोजना के दायीं तट पर नहर
निर्माण का प्रस्ताव वर्ष 2010 में तत्कालीन यूपीए की केंद्र सरकार को भेजा
था और सभी तथ्यों तथा संपूर्ण जानकारी भेजी गई थी। सभी औपचारिकताएं पूरी
होने के बाद भी यूपीए शासन काल के दौरान केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने इस
परियोजना को अपात्र ठहराते ठंडे बस्ते में डाल दिया था। जबकि पिछले पांच
साल से अटकी इस परियोजना के लिए सतना से भाजपा सांसद गणेश सिंह ने इस मामले
को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और राजग सरकार में केंद्रीय जल संसाधन
मंत्री सुश्री उमा भारती और आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से
मुलाकात करके इस परियोजना को पंख लगवाने में सफल रहे। प्रधानमंत्री के
हस्तक्षेप के बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने वित्त विभाग के ईएफसी के
पास लंबित पड़े प्रस्ताव को तत्काल मंगाकर इसका समाधान करने के निर्देश
दिये।
16Mar-2016
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