रविवार, 6 मार्च 2016

केंद्र बढ़ाएगा राज्यों की परिवहन क्षमता!

निजी बस आॅपरेटरों को दिये जाएंगे स्टेज कैरेज परमिट
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने देशभर के राज्यों की परिवहन व्यवस्था में सुधारने की दिशा में मोटर वाहन कानून में एक बार फिर संशोधन करने का फैसला किया है। सरकार देश के विभिन्न शहरों में आमजन की सुविधा के लिए बस सेवा को बेहतर बनाने के लिए प्राइवेट बस आपरेटरों को स्टेज कैरेज परमिट योजना बना रही है।
केंद्रीय सड़क परिहवन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार सरकार का मकसद देश में विभिन्न शहरों के बीच बस सेवाओं को बेहतर करके परिवहन व्यवस्था सुधारना है। इसलिए सरकार ने प्राइवेट बस आॅपरेटरों को भागीदार बनाने का फैसला किया। प्राइवेट बस आपरेटरों को स्टेज कैरेज परमिट जारी करने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया जाएगा, ताकि परमिट राज को समाप्त करके निजी क्षेत्र की बसों को भी राज्य परिवहन निगमों की बसों की तर्ज पर दी जा सकें। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मानते हैं कि इस फैसले से अंतर्राज्यीय सड़क मार्गो बस सेवा में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और आम जनता को परिवहन व्यवस्था आसानी से मुहैया हो सकेगी। सरकार का यह भी मानना है कि जिस प्रकार कई शहरों में प्राइवेट बसें चलाई जाती हैं, उसी तरह अंतर्राज्यीय रूटों पर भी प्राइवेट बसें चलाई जा सकेंगी। हालांकि अभी भी इंटर स्टेट रूटों पर प्राइवेट बसें चलती हैं, लेकिन ज्यादातर नेशनल परमिट के तहत ही चलती हैं। दिलचस्प बात है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से निजी क्षेत्र के ट्रांसपोर्टर भी स्वागत करते नजर आ रहे हैं। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार के इस फैसले से अभी अंतर्राज्यीय रूटों पर चलने वाली बसों में यात्रा करने वाले सात करोड़ लोगों की क्षमता तीन गुना तक बढ़ सकेगी।
क्या है स्टेज कैरेज परमिट
केंद्र सरकार ने प्राइवेट बस आपरेटरों को जिस स्टेज कैरेज परमिट देने का फैसला किया है, वह इतनी आसानी से नहीं मिल पाता। मंत्रालय के अनुसार स्टेज कैरिज परमिट का तात्पर्य एक से दूसरी जगह पर जाते हुए रास्ते में जगह जगह स्टैंडों से सवारी लेना और उतारना। स्टेज कैरिज परमिट मिलने में दिक्कत की वजह से कई प्राइवेट बसें गैरकानूनी तरीके से चलती हैं। यही कारण है कि अभी अंतर्राज्यीय मार्गो पर स्टेज कैरिज के तहत ज्यादातर बसें राज्य परिवहन निगमों की ही चलाई जा रही है, लेकिन राज्य परिवहन निगम अंतर्राज्यीय मार्गो पर अपनी बस सेवाओं की क्षमता बढ़ाने में असमर्थ होते रहे हैं। जबकि सड़कों पर लगातार बढ़ते यातायात में बस सेवा क्षमता बढ़ाना जरूरी है।
फैसला एक-समाधान अनेक
केंद्र सरकार के इस फैसले से निजी बसों को अंतर्राज्यीय मार्गो पर उतारने की अनुमति देने से कोई वित्तीय भार भी पड़ने वाला नहीं है। वहीं प्राइवेट बस आॅपरेटरों को काम और आर्थिक लाभ मिलेगा और राज्य सरकारों के सामने रोडवेज बसों की क्षमता बढ़ाने की समस्या का समाधान स्वत: हो जाएगा। वहीं आम जनता के सामने यातायात साधन की आ रही समस्या दूर होना तय है। इन फायदों को दिल्ली में डीसीबीए ने भी साबित कर दिया है कि उन्हें किलोमीटर स्कीम के तहत जब भी सरकार ने डीटीसी से कम रेट में काम दिया है तो उन्होंने उसमें भी कमाई की है। इसलिए केंद्र सरकार का प्राइवेट आॅपरेटरों को स्टेज कैरेज परमिट देने का फैसला ऐतिहासिक साबित होने की संभावना है।
06Mar-2016

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