कृषि
मुद्दे पर चर्चा पूरी हुए बिना सदन की कार्यवाही स्थगित
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
तृणमूल
कांग्रेस ने राज्यसभा में जिस प्रकार पिछले सप्ताह एनआरसी मुद्दे की चर्चा में
अडंगा लगाकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषण को पूरा नहीं होने दिया था, उसी
प्रकार मंगलवार को कृषि क्षेत्र की चुनौतियों पर चर्चा शुरू करते ही उन्हें हंगामा
करके फिर बोलने से रोक दिया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगन के बाद
सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा, जिसके कारण एससी-एसटी
विधेयक को भी नहीं लिया जा सका।

राज्यसभा में गूंजा देवरिया
बालिका गृह का मामला
इससे
पहले राज्यसभा की मंगलवार को शुरू हुई कार्यवाही में सदन के पटल पर आवश्यक
दस्तावेज रखवाने के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने जैसे ही शून्यकाल शुरू करने का
ऐलान किया तो आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित बालिकागृह
में बच्चियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिये गये
नोटिस को खारिज करने पर नाराजगी जताई। वहीं सपा के रामगोपाल यादव ने भी इस मुद्दे
को गंभीर बताया। इस पर सभापति ने कहा कि उन्हें सदन का नियत कामकाज रोककर इस मुद्दे
पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत कुछ नोटिस मिले हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया
गया। सभापति ने कहा कि वह सदस्यों को लोक महत्व के मुद्दे के तौर पर शून्यकाल के दौरान उनके मुद्दे उठाने की अनुमति देंगे। इसके
बाद आप व सपा सदस्यों ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करना
शुरू कर दिया, जिसके कारण शून्यकाल शुरू नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दोहपर
बारह बजे तक स्थगित कर दी गई। बताया गया कि सभापति ने देवरिया के इस मुद्दे पर
बुधवार को चर्चा कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद 12 बजे शुरू हुई कार्यवाही के
दौरान पूरा प्रश्नकाल सुचारू रूप से चला।
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2022 तक दोगुना होगी किसानों की
आय: शाह
राज्यसभा
में कृषि मुद्दे पर चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपना भाषण
बाधित होने से पहले कहा कि राजग सरकार कृषि को बढ़ावा दे रही है और आजादी की 75वीं
वर्षगांठ 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य पर मोदी सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा
कि वैज्ञानिक तरीके से कृषि करने का श्रेय भारत को जाता है। राजग सरकार की मुक्त व्यापार,
मुक्त खेती जनसंघ की नीति रही है। शाह ने कहा कि सरकार बनाने के साथ ही देश के प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में देश और सरकार की दिशा बदलने के लिए गरीब, किसानों, आदिवासियों
और मजदूरों की स्थिति में सुधार करने के लिए कहा था और उसी दिशा में सरकार आगे बढ़ रही
है। जब उन्होंने मोदी सरकार के साढ़े चार साल में कृषि क्षेत्र में जारी बजटीय प्रावधान की तुलना यूपीए-2 से करना शुरू
किया तो तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अचानक अपने मुद्दे पर हंगामा करना शुरू कर
दिया।
08Aug-2018
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