रविवार, 12 अगस्त 2018

हरिवंश चुने गये राज्यसभा के उप सभापति

राजग के पक्ष में 125 व यूपीए को मिले 105 मत 
आप व पीडीपी ने चुनाव प्रक्रिया में नहीं लिया हिस्सा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा में उपसभापति पद पर जदयू के हरिवंश नारायण सिंह को काबिज करके आखिरकार राजग ने विपक्ष की एकजुटता को धाराशायी कर दिया है, जिसमें राजग प्रत्याशी ने सर्वाधिक 125 मत लेकर यूपीए के कांग्रेसी प्रत्याशी बीके हरिप्रसाद को मिले 105 मतों के मुकाबले जीत हासिल की है।
राज्यसभा की गुरुवार को शुरू हुई कार्यवाही के दौरान सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और उसके बाद उपसभापति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कराई। उपसभापति के लिए राजग प्रत्याशी जदयू सांसद हरिवंश के लिए चार-चार सदस्यों ने प्रस्ताव व समर्थन किया, जबकि यूपीए प्रत्याशी कांग्रेसी सांसद बीके हरिप्रसाद की ओर से पांच-पांच प्रस्तावक और समर्थक सामने आए। जब आरपीआई नेता रामदास अठावले के समर्थन के साथ जदयू सांसद रामचन्द्र प्रसाद सिंह के प्रस्ताव पर मत विभाजन कराया गया तो राजग प्रत्याशी हरिवंश के पक्ष में 125 तथा यूपीए प्रत्याशी बीके हरिप्रसाद के पक्ष में 105 मत आए। मतविभाजन के समय सदन में कुल 232 सदस्य थे, जिनमें दो ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि सदन में मौजूदा 244 सदस्य है, जिनमें से आप के तीन और पीडीपी के दो सांसदों समेत 12 सदस्य गैर हाजिर रहे। गौरतलब है कि उपाध्यक्ष पद के लिए राजग को विपक्ष ने सदन में सत्तापक्ष से ज्यादा ताकत होने के कारण चुनौती देने का निर्णय लेते हुए अपना प्रत्याशी खड़ा किया, जिसके कारण आम सहमति की परंपरा से हटकर मत विभाजन कराया गया, लेकिन बड़ी ताकत होने के बावजूद विपक्ष की एकजुटता धाराशायी होती नजर आयी।
नायडू व मोदी समेत समूचे सदन ने दी बधाई
सभापति वेंकैया नायडू ने जब चुनाव परिणाम का ऐलान करते हुए उपसभापति पद पर हरिवंश की जीत का ऐलान किया और उन्हे बधाई दी। इसके तुरंत बाद उपसभापति हरिवंश को प्रतिपक्ष नेता के बगल वाली परंपरागत सीट पर बैठाया गया तो तभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरवंश को उनकी सीट पर पहुंचकर बधाई दी। वहीं समूचे सदन ने नए उपसभापति का मेजे थपथपाकर अभिवादन किया।
--------
राज्यसभा: सब हरि भरोसे
उच्च सदन में नवनिर्वाचित उप सभापति हरवंश को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में हरिवंश को कलम के बड़े धनी बताते हुए इस बात का जिक्र किया कि हम लोग आज भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरिवंश जिस भूमि बलिया से आते हैं उसकी भूमिका 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही स्वतंत्रता आंदोलन में रही है। हरिवंश ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण से प्रेरणा ग्रहण की और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र शेखर के साथ भी काम किया। जिस प्रकार हरिवंश ने चंद्र शेखर जी के साथ गोपनीयता बनाते हुए अपने पद की गरिमा रखी व उनकी सेवा और नैतिकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नरेंद्र मोदी ने राज्य सभा के उप-सभापति के चुनाव में भाग लेने के लिये बीके हरिप्रसाद को भी बधाई देते हुए राज्य सभा के सभापति और सभी सदस्यों को गतिरोध रहित चुनाव के आयोजन के लिये धन्यवाद भी  दिया। उन्होंने इस पद के लिए हरि नाम के दोनों प्रत्याशियों को लेकर मजाकिया लहजे में कहा कि अब सबकुछ हरि के भरोसे है।
-------------
हरिवंश सभी दलों के उप सभापति
राज्यसभा में उप सभापति के पद काबिज होने के बाद सबसे पहले हरिवंश के लिए स्वागत भाषण करते हुए सदन में प्रतिपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि हरिवंश जी पहले राजग के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव जीतने और उपसभापति बनने के बाद अब वह पूरे सदन के हो गए हैं किसी एक पार्टी के नहीं। वह अपना काम अच्छे से करें। आजाद ने उच्च सदन में इस बात को भी इंगित किया कि उन्हें उम्मीद है कि आसन से वह दाएं, बाएं और बीच तीनों तरफ बराबर नजर रखेंगे और पूरा सदन उन्हें कार्यवाही चलाने के लिए सहयोग देगा। आजाद ने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हरिवंश द्वारा किये गये सामाजिक और रचनात्मक कार्यो का भी जिक्र किया और भरोसा दिया कि सदन के भीतर विपक्षी की ओर से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा।  सदन के नेता अरुण जेटली ने भी अपने स्वागत भाषण में हरिवंश को बधाई दी और मजाकिया लहजे में कहा कि भले ही वे दूसरी तरफ बैठे हों लेकिन उनकी नजर इधर ही रहेगी।
--------
सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
सदन में जब सभापति नायडू ने हरिवंश को आसन ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया तो भोजनावकाश का समय होने में एक ही मिनट बाकी था। हरिवंश ने आसन पर सबसे पहले हाथ जोड़कर तमाम सदस्यों का अभिवादन किया और जैसे ही कार्यवही चलाने के लिए बैठे तो उन्होंने टेबल पर रखे कागज को पढ़ा, तो सदन ठहाकों से गूंज उठा। दरअसल कागज पर लिखे शब्द पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित की जाती है। सदन के स्थगन के बाद उन्हें सदस्यों द्वारा बधाई देने का तांता लगा रहा।
10Aug-2018

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें