हरियाणा
समेत छह राज्यों का केंद्र सरकार से करार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आखिर
बहुप्रतीक्षित लखवाड़ बहुद्देश्य जल विद्युत परियोजना को फिर से शुरू करने का
रास्ता उस समय साफ हो गया, जब मंगलवार को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी
ने हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के
मुख्यमंत्रियों के साथ परियोजना के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
किये।
केंद्रीय
जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में मंगलवार को यहां मीडिया सेंटर में ऊपरी
यमुना बेसिन क्षेत्र में 3966.51 करोड़ रुपये की लागत वाली लखवाड बहुउद्देशीय परियोजना
के निर्माण के लिए छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों क्रमश: हरियाणा के मनोहर लाल,
दिल्ली के अरविंद केजरीवाल, उत्तराखंड के त्रिवेन्द्र रावत, हिमाचल प्रदेश के
जयराम ठाकुर, यूपी के आदित्यनाथ योगी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने
केंद्र सरकार के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इस परियोजना से इन सभी
छह राज्यों को नदी के प्रवाह, पेयजल, सिंचाई और बिजली का फायदा मिलेगा। जहां 300
मेगावाट उत्पादित बिजली उत्तराखंड को मिलेगी, जबकि जल संबन्धी परियोजनाओं के तहत
इन सभी राज्यों को 1994 में हुए समझौते के तहत ही पेयजल एवं सिंचाई जल के हिस्से
के रूप में आपूर्ति होगी।
ढाई दशक से लटकी थी परियोजना
उत्तराखंड
की लखवाड़ परियोजना को योजना आयोग ने 1976 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन इस परियोजना
पर कार्य 1992 में रोक दिया गया। तब से यह परियोजना निर्माण की बाट जोह रही थी। लखवाड़
परियोजना के तहत उत्तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव के नजदीक यमुना नदी पर
204 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनेगा। बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी।
इससे 33,780 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा सकेगी। यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों
में घरेलू तथा औद्योगिक इस्तेमाल और पीने के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध कराया
जा सकेगा। परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना के निर्माण का
कार्य उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा।
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यमुना के जल भंडारण क्षमता
बढ़ेगी: गडकरी
इस
परियोजना पर सभी छह राज्यों द्वारा सहमति बनाने पर आभार जताते हुए केंद्रीय मंत्री
नीतिन गडकरी ने कहा कि गडकरी ने कहा कि देश में समस्या पानी की कमी नहीं, बल्कि जल
प्रबंधन है और सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि लखवाड़ परियोजना
न केवल पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि इससे सभी छह राज्यों में सिंचाई, बिजली
उत्पादन और पेयजल की जरूरतों को पूरा करने में सुधार आएगा। वहीं लखवाड बहुउद्देशीय
बांध परियोजना के निर्माण से यमुना की जल भंडारण क्षमता में 65 प्रतिशत वृद्वि होगी।
यही नहीं इस परियोजना के पूरा होने पर इन सभी राज्यों में पानी की कमी की समस्या का
समाधान होगा, क्योंकि इससे यमुना नदी में हर वर्ष दिसंबर से मई/जून के सूखे मौसम में
पानी के बहाव में सुधार आएगा। उन्होंने उम्मीद जताई है कि राज्यों के बीच आम सहमति
नहीं बनने के कारण कई वर्षों तक लटक जाने वाली इस तरह की कुछ और परियोजनाओं की अब शुरूआत
हो सकेगी।
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‘हरियाणा
के मुख्यमंत्री ने कहा कि लखवाड बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण से हरियाणा के
कृषि क्षेत्र विशेषकर दक्षिण हरियाणा में कृषि क्षेत्र को सिंचाई जल उपलब्ध हो सकेगा’-मनोहरलाल
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‘केंद्र
सरकार ने 42 साल पुरानी इस परियोजना को पुनर्जीवित करके उत्तराखंड की बिजली समस्या
ही नहीं, बल्कि यमुना बेसिन छह राज्यों में पानी की मांग की भी आपूर्ति हो सकेगी’-
योगी आदित्यनाथ
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‘राष्ट्रीय
परियोजना लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना का यह ऐतिहासिक समझौता सभी साझेदार छह राज्यों
विशेष तौर पर उत्तराखण्ड के विकास के अलावा राज्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में
यह योजना महत्वपूर्ण साबित होगी’-त्रिवेन्द्र
रावत
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‘हिमाचल
प्रदेश को लखवाड़ परियोजना से 3.15 प्रतिशत पानी अपने हिस्से के रूप में प्राप्त होने
से राज्य को पेयजल व सिंचाई क्षमता को सुधारने में मदद मिलेगी। वहीं उत्तराखंड और हिमाचल
प्रदेश के क्षेत्रों में यमुना नदी और इसकी सहायक नदियों, टोंस और गिरि नदी पर कुल
तीन प्रमुख भंडारण परियोजनाओं का निर्माण करने का प्रस्ताव को भी बल मिला है’-जयराम ठाकुर
29Aug-2018
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