मंगलवार, 7 अगस्त 2018

राज्यसभा: उप सभापति चुनाव में राजग व यूपीए में नजदीकी मुकाबला



राज्यसभा: नौ अगस्त को होगा उपसभापति का चुनाव
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा के उपसभापति के रिक्त पद पर चुनाव कराने के लिए नौ अगस्त की तारीख तय कर दी गई है। इस पद के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच घमासान के आसार हैं। हालांकि सत्तापक्ष आपसी सहमति से उपाध्यक्ष का चुनाव कराने के प्रयास में हैं। यदि चुनाव की नौबत आती है तो राजग उम्मीदवार के रूप में जदयू के हरिबंश को मैदान में उतारा जा सकता है, जिसे चुनौती देने के लिए विपक्ष अपना संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की रणनीति बना रहा है। कांग्रेस और साथी दलों को मिलाकर यूपीए के पास 112 वोट हैं जब कि भाजपानीत राजग के पास 104 वोट हैं। मनोनीत 12 सांसदों की संख्या में से 8 ने घोषित रूप से भाजपा के साथ एलाइनमेंट किया हुआ है। दोनों दलों के रणनीतिकारों की नजर बीजद, शिवसेना, पीडीपी सहित 6 स्वतंत्र सांसदों पर रहेगी। इनकी संख्या कुल मिलाकर 23 हो जाती है। यूपीए गठबंधन से उम्मीद है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी उतारे जाएं, ऐसा हुआ तो बीजद के 9 सांसद तृणमूल प्रत्याशी को वोट कर सकते हैं।
राज्यसभा में सोमवार को सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन में नौ अगस्त को उप सभापति की रिक्त सीट पर चुनाव कराने की घोषणा की और कहा कि राज्यसभा के उपसभापति के लिए बुधवार आठ अगस्त को 12 बजे तक नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकेगा और नौ अगस्त को सुबह 11 बजे जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद उपसभापति पद के लिए चुनाव कराया जाएगा। राज्यसभा में उपसभापति का यह पद कांग्रेस सांसद प्रो. पीजे कुरियन के एक जुलाई को कार्यकाल पूरा होने के कारण रिक्त हुआ है। राज्यसभा में राजग के पास बहुमत नहीं है और भाजपा आपसी सहमति से राजग के उम्मीदवार को उपसभापति बनवाना चाहती है। इसके लिए राजग की ओर से जदयू सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है। राज्यसभा में 245 सदस्यों में से सदन में 244 सदस्य है। ऐसे में राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव जीतने के लिए 123 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। माना जा रहा है कि यदि राजग को बीजद, तेदेपा व टीआरएस और निर्दलीय सदस्यों का समर्थन मिलता है तो राजग का प्रत्याशी उप सभापति का चुनाव जीत सकता है।
सियासी सरगर्मी तेज
राज्यसभा में राजग के प्रस्तावित उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए विपक्ष ने लामबंदी शुरू कर दी है और कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष साझा उम्मीदवार बनाने की तैयारी में जुट गया है। जबकि भाजपा भी विपक्षी दलों से इस पद के लिए राजग के उम्मीदवार को समर्थन के लिए सहयोग मांग रही है और प्रयास किया जा रहा है कि उपाध्यक्ष पद के चुनाव को अभी तक चली आ रही आपसी सहमति वाली परंपरा के तहत कराया जाए। इसके लिए भाजपा अपनी पार्टी के बजाए राजग के सहयोगी दल के सदस्य को उप सभापति का उम्मीदवार बनाने की रणनीति तय कर चुकी है। इसके लिए जदयू के हरिबंश को उम्मीदवार बनाने की उम्मीद जताई जा रही है। इस उम्मीदवार के नाम से सत्तापक्ष को तेदेपा व तृणमूल का समर्थन मिलने की ज्यादा उम्मीद है। हालांकि बीजद पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह गैर कांग्रेसी उम्मीदवार का समर्थन करेगा।
क्या है दलगत गणित
राज्यसभा में फिलहाल 244 सदस्य हैं, जिसमें भाजपा के सर्वाधिक 73 सदस्य हैं, जिसके बाद कांग्रेस के 50 सदस्य हैं। राज्यसभा में इन दो बड़े दलों के अलावा अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और सपा के 13-13 सांसद हैं। जबकि बीजद के नौ, जदयू, तेदेपा व टीआरएस के 6-6 के अलावा निर्दलीय व अन्य छह, सीपीएम व राजद के पांच-पांच की संख्या 6-6 है। बसपा, द्रमुक व राकांपा के 4-4, शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल व आप के 3-3, सीपीआई, पीडीपी व वाईएस कांग्रेस के 2-2 तथा बाकी आठ दलों के राज्यसभा में एक-एक सदस्य है। 
07Aug-2018
 


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