गुरुवार, 2 अगस्त 2018

तेजी से हुआ हाइवे का विस्तार, पर अटकी 414 परियोजनाएं!

मार्च 2019 तक 15 हजार किमी हाइवे बनाने का लक्ष्य
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के कार्यकाल में जिस तेजी से सड़कों का निर्माण हो रहा है, उसमें राष्ट्रीय राजमार्गो का विस्तार में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद देश के 31 राज्यों में 414 परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण या जनविरोध जैसे विभिन्न कारणों के कारण अटकी हुई हैं। हालांकि सरकार इन अड़चनों को दूर करने के प्रयास में जुटा है, जिसमें एनएचएआई का निर्माण गति को दोगुना करके मार्च 2019 तक 15 हजार किमी नए हाइवे बनाने का लक्ष्य है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में सड़क निर्माण में तेजी से काम हुआ है, जिसका नतीजा है कि देश में 96 हजार किमी राष्ट्रीय राजमार्गो का विस्तार करते हुए करीब 1.70 हजार किमी किया जा चुका है। मंत्रालय के अनुसार नेशनल हाइवे परियोजनाओं के तहत मार्च 2019 तक 15 हजार राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई ने सड़क निर्माण की गति को दोगुना करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का देश में राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई को 2020 तक दो लाख किमी का लक्ष्य है। मंत्रालय के एक अधिकारी की माने तो आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही एनएचएआई को दिये गये नए सड़क परियोजनाओं को पूरा कराने की दिशा में सड़क मंत्रालय निर्माण कंपनियों पर तेजी से निर्माण करने का दबाव बनाने की रणनिति पर काम कर रहा है। 
निर्माण गति को दोगुना करने का लक्ष्य
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में कहा है कि उनका लक्ष्य मौजूदा सरकार का कार्यकाल पूरा होने तक स्वीकृत तमाम सड़क परियोजनाओं को पूरा कराने का है। इसलिए जहां तक राष्ट्रीय राजमार्गो के विस्तार का सवाल है उसके लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 यानि आगामी मार्च तक 20 हजार किमी राष्ट राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य एनएचएआई को दिया गया था, जिसमें एनएचएआई के सामने इस लक्ष्य में 15 हजार किमी से कुछ ज्यादा के निर्माण कार्य को पूरा करने की चुनौती है। उधर एनएचएआई के एक अधिकारी की माने तो प्राधिकरण ने निर्माण कार्य की गति को दोगुना कराने रणनीति अपनाई है और प्रतिदिन 45 से 55 किमी लंबे राजमार्ग का निर्माण करने के लक्ष्य तय करके निर्माण कंपनियों को काम सौंपा है। इसलिए उम्मीद है कि वह इस लक्ष्य समय से पहले हासिल कर लेगा। प्राधिकरण के अनुसार फिलहाल उसके जिम्मे 127 सड़क परियोजनाएं हैं, जबकि सड़क मंत्रालय खुद 153 परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
लंबित परियोजनाएं पूरा करना चुनौती
देश में तेजी से हो रहे सड़क निर्माण के बावजूद एनएचएआई के राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 414 ऐसी सड़क परियोजनाएं अधर में लटकी हुई है, जो सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो इन परियोजनाओं के अटकने के पीछे प्रमुख रूप से भूमि अधिग्रहण, जन उपयोगी सुविधाओं का अंतरण, मिट्टी आदि का अभाव, ठेकेदारों का विवाद, पर्यावरण व वन्यजीव की मंजूरी, रेलवे के साथ आरओबी और आरयूबी के मुद्दे, जन विरोध, जैसी समस्या है। हालांकि सरकार इन तमाम समस्याओं के निपटान के लिए प्रयासरत है। लंबित परियोजनाओं में सबसे ज्यादा 11-11 असम व झारखंड की शामिल हैं। जबकि सात छत्तीसगढ़, चार मध्य प्रदेश, एक हरियाणा, 9-9 हिमाचल प्रदेश,-7 उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा व पश्चिम बंगाल, पांच बिहार की सड़क परियोजनाएं भी शामिल हैं। मंत्रालय ने माना है कि देशभर के राज्यों में करीब 34349 किलोमीटर लंबे राजमार्ग परियोजनएं लंबित हैं। 
29July-2018

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